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Women's Day Special: महिला विश्व कप 2022 में कमाल दिखाएगी 'हिमाचल की छोरी', ऐसा रहा रेणुका के संघर्ष का रास्ता - भारत महिला क्रिकेट टीम

न्यूजीलैंड में महिला विश्व कप 2022 का आगाज हो चुका है. आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2022 के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में मिताली राज को कप्तान कौर हरमनप्रीत कौर को उपकप्तान बनाया गया है. साथ ही ऋचा घोष और तानिया भाटिया को बतौर विकेट कीपर के रूप में चुना गया. इसके अलावा टीम में हिमाचल की बेटी भी शामिल है. महिला दिवस की इस स्पेशल सीरीज 'वुमनिया' में आज हम बात करेंगे महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह ठाकुर की. जिन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से (Cricketer Renuka Singh Biography) पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है.

cricketer Renuka Singh
महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह
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Published : Mar 5, 2022, 8:12 PM IST

Updated : Mar 5, 2022, 9:01 PM IST

शिमला: 'सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है'. ये पंक्तियां भारतीय महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह के जीवन के संघर्ष को बयां करती है. हर सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे संघर्ष की एक लंबी कहानी होती है. सफलता के लिए हर किसी इंसान को अपने जीवन में संघर्ष करना पड़ता है. हिमाचल की बेटी क्रिकेटर रेणुका सिंह के (Indian female cricketer Renuka Singh) जीवन से आप सभी भी प्रेरणा ले सकते हैं कि सफलता के लिए अपना रास्ता खुद बनाएं और उस रास्ते पर तब तक संघर्ष करें जब तक आपको आपका लक्ष्य मिल नहीं जाता.

बचपन से था क्रिकेट का शौक: बता दें कि रेणुका शिमला जिले की रहने वाली हैं. उनका जन्म 1996 में जिले के रोहडू के पारसा गांव में हुआ. रेणुका सिंह को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. अपने भाई के साथ रेणुका भी गांव के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी. ‍‍‍‍‍साल 2009 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने कांगड़ा के धर्मशाला में अकादमी खोली जिस समय ‍‍‍‍‍रेणुका मात्र 14 वर्ष की थीं. उन्होंने वहां जाकर क्रिकेट का ट्रायल दिया जिसके बाद उनका चयन हो गया.

cricketer Renuka Singh
महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

इसके बाद रेणुका ने U-16 और U-19 में खेला और अच्छा प्रदर्शन किया. ‍‍‍‍उन्होंने क्रिकेट में एक गेंदबाज के रूप में अपनी जगह बनाई. ‍‍‍‍‍रेणुका ने U-19 में कर्नाटक के खिलाफ एक मैच में हैट्रिक लेते हुए 5 विक्केट लिए.‍‍‍‍‍ साल 2019 में रेणुका ने बीसीसीआई महिला वन डे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए थे, जिसके चलते (Indian female cricketer Renuka Singh) उन्हें तब भारतीय महिला टीम-ए के लिए चुन लिया गया था. अगस्त 2021 में रेणुका का चयन पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हुआ. ऑस्ट्रेलिया के दौरे में इन्हें तेज गेंदबाज के रूप में टीम इंडिया की T-20 टीम में शामिल किया.

cricketer Renuka Singh
महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

पिता का सपना किया पूरा: जब रेणुका अभी 3 वर्ष की थीं, इनके पिता का स्वर्गवास हो गया, जिसके कारण परिवार की पूरी जिम्मेदारी रेणुका की माता पर आ गयी. उनके पिता पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के बहुत बड़े फैन थे. इसी वजह से रेणुका के भाई का विनोद नाम रखा था. रेणुका के पिता का सपना था कि उनकी बेटी क्रिकेटर बने, लेकिन जब बेटी ने उनका सपना पूरा किया तो वह उनके बीच नहीं रहे. पिता के गुजर जाने के बाद जब घर के हालात मुश्किल में पड़े तो उनकी मां ने नौकरी कर घर का खर्चा चलाया.

बचपन से था क्रिकेट का शौक: रेणुका सिंह को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. अपने भाई के साथ रेणुका भी गांव के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी. ‍‍‍‍‍साल 2009 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने कांगड़ा के धर्मशाला में अकादमी खोली जिस समय ‍‍‍‍‍रेणुका मात्र 14 वर्ष की थीं. उन्होंने वहां जाकर क्रिकेट का ट्रायल दिया जिसके बाद उनका चयन हो गया. इसके बाद रेणुका ने U-16 और U-19 में खेला और अच्छा प्रदर्शन किया. ‍‍‍

cricketer Renuka Singh
महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

उन्होंने क्रिकेट में एक गेंदबाज के रूप में अपनी जगह बनाई. ‍‍‍‍‍रेणुका ने U-19 में कर्नाटक के खिलाफ एक मैच में हैट्रिक लेते हुए 5 विक्केट लिए.‍‍‍‍‍ साल 2019 में रेणुका ने बीसीसीआई महिला वन डे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए थे, जिसके चलते उन्हें तब भारतीय महिला टीम-ए के लिए चुन लिया गया था. अगस्त 2021 में रेणुका का चयन पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हुआ. ‍ऑस्ट्रेलिया के दौरे में इन्हें तेज गेंदबाज के रूप में टीम इंडिया की T-20 टीम में शामिल किया.

cricketer Renuka Singh
महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

गौर हो कि महिला वर्ल्ड कप (women's world cup 2022) में भारतीय टीम का पहला मैच 6 मार्च 2022 को पाकिस्तान से होने जा रहा है. फिर न्यूजीलैंड (10 मार्च), वेस्टइंडीज (12 मार्च), इंग्लैंड (16 मार्च), ऑस्ट्रेलिया (19 मार्च), बांग्लादेश (22 मार्च) और साउथ अफ्रीका (27 मार्च) से मैच होगा.

ये भी पढ़ें: Women's Day Special: महिला क्रिकेट टीम की 'धोनी' के बुलंद हौसले की कहानी, ऐसे बनाई टीम इंडिया में जगह

शिमला: 'सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ छत तक जाना है, मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है'. ये पंक्तियां भारतीय महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह के जीवन के संघर्ष को बयां करती है. हर सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे संघर्ष की एक लंबी कहानी होती है. सफलता के लिए हर किसी इंसान को अपने जीवन में संघर्ष करना पड़ता है. हिमाचल की बेटी क्रिकेटर रेणुका सिंह के (Indian female cricketer Renuka Singh) जीवन से आप सभी भी प्रेरणा ले सकते हैं कि सफलता के लिए अपना रास्ता खुद बनाएं और उस रास्ते पर तब तक संघर्ष करें जब तक आपको आपका लक्ष्य मिल नहीं जाता.

बचपन से था क्रिकेट का शौक: बता दें कि रेणुका शिमला जिले की रहने वाली हैं. उनका जन्म 1996 में जिले के रोहडू के पारसा गांव में हुआ. रेणुका सिंह को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. अपने भाई के साथ रेणुका भी गांव के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी. ‍‍‍‍‍साल 2009 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने कांगड़ा के धर्मशाला में अकादमी खोली जिस समय ‍‍‍‍‍रेणुका मात्र 14 वर्ष की थीं. उन्होंने वहां जाकर क्रिकेट का ट्रायल दिया जिसके बाद उनका चयन हो गया.

cricketer Renuka Singh
महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

इसके बाद रेणुका ने U-16 और U-19 में खेला और अच्छा प्रदर्शन किया. ‍‍‍‍उन्होंने क्रिकेट में एक गेंदबाज के रूप में अपनी जगह बनाई. ‍‍‍‍‍रेणुका ने U-19 में कर्नाटक के खिलाफ एक मैच में हैट्रिक लेते हुए 5 विक्केट लिए.‍‍‍‍‍ साल 2019 में रेणुका ने बीसीसीआई महिला वन डे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए थे, जिसके चलते (Indian female cricketer Renuka Singh) उन्हें तब भारतीय महिला टीम-ए के लिए चुन लिया गया था. अगस्त 2021 में रेणुका का चयन पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हुआ. ऑस्ट्रेलिया के दौरे में इन्हें तेज गेंदबाज के रूप में टीम इंडिया की T-20 टीम में शामिल किया.

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महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

पिता का सपना किया पूरा: जब रेणुका अभी 3 वर्ष की थीं, इनके पिता का स्वर्गवास हो गया, जिसके कारण परिवार की पूरी जिम्मेदारी रेणुका की माता पर आ गयी. उनके पिता पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली के बहुत बड़े फैन थे. इसी वजह से रेणुका के भाई का विनोद नाम रखा था. रेणुका के पिता का सपना था कि उनकी बेटी क्रिकेटर बने, लेकिन जब बेटी ने उनका सपना पूरा किया तो वह उनके बीच नहीं रहे. पिता के गुजर जाने के बाद जब घर के हालात मुश्किल में पड़े तो उनकी मां ने नौकरी कर घर का खर्चा चलाया.

बचपन से था क्रिकेट का शौक: रेणुका सिंह को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. अपने भाई के साथ रेणुका भी गांव के मैदान में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी. ‍‍‍‍‍साल 2009 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने कांगड़ा के धर्मशाला में अकादमी खोली जिस समय ‍‍‍‍‍रेणुका मात्र 14 वर्ष की थीं. उन्होंने वहां जाकर क्रिकेट का ट्रायल दिया जिसके बाद उनका चयन हो गया. इसके बाद रेणुका ने U-16 और U-19 में खेला और अच्छा प्रदर्शन किया. ‍‍‍

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महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

उन्होंने क्रिकेट में एक गेंदबाज के रूप में अपनी जगह बनाई. ‍‍‍‍‍रेणुका ने U-19 में कर्नाटक के खिलाफ एक मैच में हैट्रिक लेते हुए 5 विक्केट लिए.‍‍‍‍‍ साल 2019 में रेणुका ने बीसीसीआई महिला वन डे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए थे, जिसके चलते उन्हें तब भारतीय महिला टीम-ए के लिए चुन लिया गया था. अगस्त 2021 में रेणुका का चयन पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हुआ. ‍ऑस्ट्रेलिया के दौरे में इन्हें तेज गेंदबाज के रूप में टीम इंडिया की T-20 टीम में शामिल किया.

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महिला क्रिकेटर रेणुका सिंह

गौर हो कि महिला वर्ल्ड कप (women's world cup 2022) में भारतीय टीम का पहला मैच 6 मार्च 2022 को पाकिस्तान से होने जा रहा है. फिर न्यूजीलैंड (10 मार्च), वेस्टइंडीज (12 मार्च), इंग्लैंड (16 मार्च), ऑस्ट्रेलिया (19 मार्च), बांग्लादेश (22 मार्च) और साउथ अफ्रीका (27 मार्च) से मैच होगा.

ये भी पढ़ें: Women's Day Special: महिला क्रिकेट टीम की 'धोनी' के बुलंद हौसले की कहानी, ऐसे बनाई टीम इंडिया में जगह

Last Updated : Mar 5, 2022, 9:01 PM IST
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