शिमला: हिमाचल प्रदेश फीमेल हेल्थ वर्कर्स संघ ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. प्रदेश भर से आई हेल्थ वर्कर्स डीसी ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठ गई है. एएनएम फीमेल हेल्थ वर्कर्स संघ (ANM Female Health Workers Association) ने सरकार पर आरएंडपी नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है. इसके अलावा बैच वाइज भर्ती 50 फीसदी काेटे के तहत सरकारी भर्तियाें में भर्ती करवाने की मांग की है.
हिमाचल प्रदेश फीमेल हेल्थ वर्कर्स संघ की अध्यक्ष सुर्दशना कुमारी (Himachal Pradesh Female Health Workers Association) ने कहा कि सरकार भर्तियों में जीएनएम और बीएससी नर्सिंग को भर्ती में तरजीह दी जा रही है, जबकि हमारे साथ अन्याय हाे रहा है. इसलिए हमें काे आमरण अनशन पर बैठना पड़ रहा है. पिछले काफी समय से प्रदेश सरकार ने नियमों की अनदेखी कर जीएनएम और बीएससी नर्सिंग की छात्राओं को नौकरी में खूब माैका दिया है, जबकि उन्हें न ताे प्रमाेशन दी जा रही है और न ही सरकारी नाैकरी में सीधी भर्ती के लिए काेटा दिया जा रहा है.
काेराेना में काम लिया, प्रमाेशन दे नहीं रहे: हिमाचल प्रदेश फीमेल हेल्थ वर्कर्स संघ का आराेप है कि एएनएम वर्कर्स ने कोरोना काल में घर-घर जाकर वैक्सीनेशन करने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन एएनएम वर्कर्स को न तो उतना वेतन मिल पा रहा है और न ही नौकरी में तरजीह दी जा रही है. उन्होंने कहा कि नौकरी के लिए भी अब सरकार द्वारा आरएंडपी नियमों में भी नियमों को दरकिनार किया जा रहा है. ऐसे में आमरण अनशन करने के सिवाए उनके पास काेई दूसरा रास्ता नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार डिप्लोमा प्राप्त एएनएम को नौकरी में तरजीह नहीं देती है, तब तक उनका ये अनशन चलता रहेगा. बता दें कि कोरोना वैक्सीनेशन की शत-प्रतिशत दोनों डोज लगाने वाले राज्यों में हिमाचल ने पहला स्थान हासिल किया था.
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