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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिमला में कार्यक्रम, इन महिलाओं को किया गया सम्मानित

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर राजधानी शिमला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने कहा कि बालिकाओं को समाज में प्रगति के समान अवसर दिलाने के लिए हम सब को मिलकर सक्रिय प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि समाज में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए जागरूकता और जानकारी प्रदान करना जरूरी है.

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Published : Oct 11, 2020, 6:58 PM IST

shimla on International Girl Day
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शिमलाः अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर राजधानी शिमला के बचत भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला प्रशासन ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’ योजना की सफलता और समान लिंगानुपात व बेटियों को समानता प्रदान करने की शपथ भी दिलाई.

कार्यक्रम में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’ योजना के तहत ग्रामीण परिवेश से निकल कर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया. कार्यक्रम में लगभग 50 महिलाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में सामाजिक दूरी बनाएं रखने तथा मास्क जैसी अनिवार्यता की अनुपालना सुनिश्चित की गई.

वीडियो.

वहीं, डेजी ठाकुर ने कहा कि बालिकाओं को समाज में प्रगति के समान अवसर दिलाने के लिए हम सब को मिलकर सक्रिय प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि समाज में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए जागरूकता और जानकारी प्रदान करना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि हमें बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, बौद्धिक विकास के लिए सकारात्मक सोच अपनाते हुए आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को यह जरूरी है कि वह संस्कारों और मूल्यों पर आधारित विचारों को बढ़ाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करें.

बता दें कि बालिकाओं को उनका अधिकार और सम्मान देने के साथ ही पूरी दुनिया को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. साल 2012 में इसकी शुरुआत हुई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर 2011 को इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें बालिकाओं के अधिकारों और विश्व की उन अद्वितीय चुनौतियों का, जिनका कि वह मुकाबला करती हैं, को मान्यता देने के लिए 11 अक्टूबर 2012 को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया.

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की प्रेरणा कनाडियाई संस्था प्लान इंटरनेशनल के 'बिकॉज आई एम गर्ल' अभियान से मिली. इस अभियान के तहत वैश्विक स्तर पर लड़कियों के पोषण के लिए जागरूकता फैलाई जाती थी.

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शिमलाः अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर राजधानी शिमला के बचत भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग और जिला प्रशासन ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’ योजना की सफलता और समान लिंगानुपात व बेटियों को समानता प्रदान करने की शपथ भी दिलाई.

कार्यक्रम में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’ योजना के तहत ग्रामीण परिवेश से निकल कर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया. कार्यक्रम में लगभग 50 महिलाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में सामाजिक दूरी बनाएं रखने तथा मास्क जैसी अनिवार्यता की अनुपालना सुनिश्चित की गई.

वीडियो.

वहीं, डेजी ठाकुर ने कहा कि बालिकाओं को समाज में प्रगति के समान अवसर दिलाने के लिए हम सब को मिलकर सक्रिय प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि समाज में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए जागरूकता और जानकारी प्रदान करना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि हमें बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, बौद्धिक विकास के लिए सकारात्मक सोच अपनाते हुए आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को यह जरूरी है कि वह संस्कारों और मूल्यों पर आधारित विचारों को बढ़ाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करें.

बता दें कि बालिकाओं को उनका अधिकार और सम्मान देने के साथ ही पूरी दुनिया को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. साल 2012 में इसकी शुरुआत हुई थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर 2011 को इस बारे में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें बालिकाओं के अधिकारों और विश्व की उन अद्वितीय चुनौतियों का, जिनका कि वह मुकाबला करती हैं, को मान्यता देने के लिए 11 अक्टूबर 2012 को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया.

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की प्रेरणा कनाडियाई संस्था प्लान इंटरनेशनल के 'बिकॉज आई एम गर्ल' अभियान से मिली. इस अभियान के तहत वैश्विक स्तर पर लड़कियों के पोषण के लिए जागरूकता फैलाई जाती थी.

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