शिमला: रामपुर में बीते दिनों रंगड़ों के काटने से मां बेटी की मौत हो गई (Hornet attack in rampur) थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि दोनों को जल्दी से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका, लेकिन अगर रंगड़ काट ले तो क्या करें? रंगड़ आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में हर साल सीजन में 1 से 2 मामले ऐसे आते हैं, जिनकी मौत रंगड़ के काटने से होती (Death due to Hornet attack) है. इसलिए रंगड़ों से हमेशा सावधानी बरतें.
क्या है रंगड़: रंगड़ एक प्रकार का कीट होता है. भारत में इसे ततैया, बरैया, गंधेली आदि के नामों से भी जाना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टि से हायमेनोप्टेरा गण और आपोक्रिटा उपगण का हर वह कीट होता है जो चींटी या मक्खी न हो. कुछ जानी-मानी रंगड़ जातियां छत्तों में रहती हैं और जिसमें एक अंडे देने वाली रानी होती है और अन्य सभी रंगड़ कर्मी होते हैं. लेकिन अधिकतर रंगड़ अकेले रहते हैं. अकेले रहने वाले बहुत से रंगड़ों की मादाएं अन्य कीटों को डंक मारकर उनके जीवित लेकिन मूर्छित शरीरों में अंडे देती हैं. जिनसे शिशु निकलने पर वे उस कीट को खा जाते हैं. इस कारणवश कृषि में कई फसलों का नाश करने वाले कीटों की रोकथाम में रंगड़ों का बहुत महत्व होता है.
आईजीएमसी शिमला में मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि रंगड़ काफी खतरनाक होते हैं और इनके काटने से मौत भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि रंगड़ मधुमक्खी की प्रजाति है. लेकिन यह थोड़े बड़े होते हैं और झुंड में चलते हैं. उन्होंने कहा कि एक या दो रंगड़ का काटना इतना हानिकारक नहीं है. लेकिन जब रंगड़ गले और चेहरे पर काटते हैं तो एक प्रकार का टॉक्सिन बनाते हैं, जो जानलेवा होता है. उन्होंने कहा कि रंगड़ के काटने पर अगर व्यक्ति को तुरंत अस्पताल न पहुंचाया जाए तो उसकी मौत भी सकती है.
इसलिए जानलेवा हैं रंगड़: रंगड़ हमेशा झुंड में चलते हैं. ज्यादातर मामलों में रंगड़ व्यक्ति के गले और चेहरे पर ही डंक मारते है. क्योंकि शरीर के ये हिस्से अक्सर ढके नहीं होते और खुले होने के चलते रंगड़ इन हिस्सों पर हमला कर देते हैं. जहां भी रंगड डंक मारता है उस भाग पर दर्द, जलन और सूजन होने लगती है. रंगड के डंक में एक प्रकार का जहर होता है और इसके काटने से शरीर में भी जहर बनने लगता है, जो किडनी पर असर डालता है. जिससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
हमले से बचने के लिए करें ये काम
1. रास्ते में या घर के पास रंगड़ों की प्रजाति के छत्ते मौजूद हैं तो वहां इस प्रकार की गतिविधि जैसे धुंआ करना, सामूहिक आवाज निकलाना, पानी छिड़कना आदि न करें.
2. ऐसी जगह जहां इस प्रकार रंगड़ों या उनकी प्रजाति की मक्खियां समूह या झुंड में निकल रही हों तो लोगों को शांत रहने की आवश्कता है.
3. ऐसा हमला होने पर तुरंत तेजी से सुरक्षित स्थान पर सीधा भागना चाहिए और सबसे पहले बच्चों एवं बुर्जुगों जहां तक संभव हो को सुरक्षित करना चाहिए.
4. ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों एवं अन्य लोगों को पूरी शरीर पर कपड़े पहनने चाहिए और ऐसा हमला होने की अवस्था में मुंह को भी ढककर हमले के स्थान से तेजी से दूर जाना चाहिए.
5. ऐसी स्थिति एवं ऐसे मौसम में किसी भी प्रकार के कीटनाशकों का छिड़काव नहीं करना चाहिए अन्यथा रंगड़ अधिक उग्र होकर बड़ा हमला कर सकते हैं.
6. किसी को 1 से अधिक रंगड़ों ने काटा है तो उसको अविलंब चिकित्सालय पहुंचाकर इलाज की आवश्कता है.
7. कम रंगड़ों के काटने की अवस्था में डंक के स्थान पर मिट्टी का लेप, अरण्डी का तेल, तम्बाकू या नमक को गीला कर उसका लेप या तारपीन का तेल लगा सकते हैं.
8. कम काटने की अवस्था में डंक के स्थान पर किसी प्रकार के उपलब्ध लोहे से कुछ समय तक रगड़ना चाहिए.
ऐसे बरतें सावधानी: डॉ. उशेन्द्र शर्मा ने बताया कि रंगड़े जानलेवा होते हैं और इनके काटने से मौत हो सकती (What to do during Hornet attack) है. इसलिए अपने आसपास रंगड़ नहीं पलने देने (Hornet attack remedies) चाहिए. जब भी रंगड़ काटे तो सबसे पहले अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करें और खुद को शांत रखें. उसके बाद तुरंत अस्पताल जाएं ताकि वहां आपका डायलिसिस किया जा सके. जहां डायलिसिस करवा कर व्यक्ति को बचाया जा सकता है.
रंगड़ के काटने का घरेलू इलाज: यदि किसी को रंगड़ काट ले तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके इसे ठीक किया जा सकता है. ज्यादातर घरों में मिट्टी का तेल उपलब्ध रहता है. ऐसे में बगैर देर किए जिस जगह पर रंगड़ ने काटा हो वहां मिट्टी का तेल लगाना चाहिए. इससे जलन और सूजन दोनों में आराम मिलना है. इसके अलावा जिस जगह पर डंक लगा है वहां पर लोहे की पत्ती या कोई भी चीज हो उसे रगड़ दें और उसके ऊपर से गीले चूने का रस लगा देने से जहर उतर जाता है. वहीं, नीबू का रस लगाने से भी दर्द और जलन में आराम मिलता है. जबकि आक के पत्ते का दूध लगाने से भी आराम मिलता है.
बता दें कि बीते दिनों शिमला जिले के रामपुर में एक मां-बेटी पर रगड़ों ने हमला कर दिया था. मां-बेटी घास लेने गई हुई (women died in Rampur due to Hornet attack) थी. उसी दौरान रंगड़ों ने दोनों पर हमला कर दिया. रंगड़ों ने पहले बेटी के ऊपर हमला किया. जब मां बेटी को बचाने गई तो रंगड़ों ने उस पर भी हमला कर दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने दोनों को खनेरी अस्पताल पहुंचाया. जहांं इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई.
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