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PAONTA SAHIB में 220KV सब स्टेशन को Uttarakhand सरकार की मंजूरी - sub station in PAONTA SAHIB

हिमाचल(Himachal) की तर्ज पर उत्तराखंड भी प्रदेश में ठप पड़ी परियोजनाओं को पीपीपी मोड(PPP Mode) पर देगा. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी(Energy Minister Sukhram Choudhary) ने उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री से पांवटा साहिब में 220KV के सभी स्टेशन बनाए जाने को लेकर मंजूरी की बात कही. जिसे ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने मान लिया है.

PAONTA SAHIB
Uttarakhand सरकार की मंजूरी
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Published : Nov 19, 2021, 5:04 PM IST

देहरादून/शिमला: हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी देहरादून दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात कर ऊर्जा क्षेत्र में जरूरी परियोजनाओं को लेकर बातचीत की. जिसके बाद तय किया गया कि हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड भी प्रदेश की ठप पड़ी परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर देगा. साथ ही सुखराम चौधरी ने उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री से पांवटा साहिब(Paonta Sahib) में 220KV का सब स्टेशन बनाए जाने को लेकर मंजूरी की बात कही. जिसे मान लिया गया है.

हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी उत्तराखंड के साथ हिमाचल की चल रही तमाम परियोजनाओं को लेकर बात करने पहुंचे. इस दौरान सुखराम चौधरी ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से हिमाचल और उत्तराखंड के ज्वाइंट वेंचर में चल रही परियोजनाओं को लेकर बात की. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री से पांवटा साहिब में 220KV के सब स्टेशन बनाए जाने को लेकर मंजूरी की बात कही. जिसे ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने मान लिया है.

बता दें कि सामूहिक परियोजना के तहत उत्तराखंड से हिमाचल को 200 मेगा वाट निशुल्क बिजली दी जाती है. उत्तराखंड से यह बिजली काफी लंबी लाइन से होते हुए पांवटा साहिब पहुंचती है. ऐसे भी लाइन लॉस की गुंजाइश ज्यादा रहती है. लिहाजा हिमाचल सरकार पांवटा में ही 220 केवी का सब स्टेशन बनाने की मंजूरी उत्तराखंड से ले रही है, ताकि सीधे उत्तराखंड से इस फ्री बिजली को पांवटा इंडस्ट्रियल एरिया तक पहुंचाया जा सके.

वीडियो

उत्तराखंड में इस बातचीत के दौरान दोनों ही ऊर्जा मंत्रियों के बीच अपने-अपने प्रदेशों में हो रही बेहतर परियोजनाओं को साझा किया गया. हिमाचल के ऊर्जा मंत्री ने हिमाचल में ठप पड़ी परियोजनाओं को कैसे आगे बढ़ाए जा रहा है, इसकी जानकारी दी. जिसके बाद उत्तराखंड में भी इसी लाइन पर चलते हुए प्रदेश में ना चल पाने वाली परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर देने की सहमति जताई. इसके तहत ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा हिमाचल ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तराखंड से आगे निकल गया है, जबकि हाइड्रो सेक्टर में उत्तराखंड, हिमाचल से बेहतर स्थिति में है, लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड में ऊर्जा को लेकर काम नहीं हो पाया है.

ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा हिमाचल से सीख लेते हुए उत्तराखंड अब कमजोर या ठप पड़ी परियोजनाओं के नियमों में शिथिलता करते हुए पीपीपी मोड पर देने का काम करेगा. हरक सिंह रावत ने कहा वैकल्पिक ऊर्जा में 250 मेगा वाट का आवंटन किया गया था, लेकिन यह सफल नहीं हो पाई है. ऐसे में नियमों में शिथिलीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जिन लोगों को यह परियोजना आवंटित की गई उन्हें पहले मौका दिया जाएगा. उनके द्वारा परियोजना को आगे ना बढ़ाए जाने की स्थिति में पीपीपी मोड पर देने पर काम किया जाएगा.

ये भी पढ़ें :ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में बढ़ी हिमाचल के राज्य पक्षी जाजुराना की संख्या, ये है वजह

देहरादून/शिमला: हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी देहरादून दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात कर ऊर्जा क्षेत्र में जरूरी परियोजनाओं को लेकर बातचीत की. जिसके बाद तय किया गया कि हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड भी प्रदेश की ठप पड़ी परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर देगा. साथ ही सुखराम चौधरी ने उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री से पांवटा साहिब(Paonta Sahib) में 220KV का सब स्टेशन बनाए जाने को लेकर मंजूरी की बात कही. जिसे मान लिया गया है.

हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी उत्तराखंड के साथ हिमाचल की चल रही तमाम परियोजनाओं को लेकर बात करने पहुंचे. इस दौरान सुखराम चौधरी ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से हिमाचल और उत्तराखंड के ज्वाइंट वेंचर में चल रही परियोजनाओं को लेकर बात की. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री से पांवटा साहिब में 220KV के सब स्टेशन बनाए जाने को लेकर मंजूरी की बात कही. जिसे ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने मान लिया है.

बता दें कि सामूहिक परियोजना के तहत उत्तराखंड से हिमाचल को 200 मेगा वाट निशुल्क बिजली दी जाती है. उत्तराखंड से यह बिजली काफी लंबी लाइन से होते हुए पांवटा साहिब पहुंचती है. ऐसे भी लाइन लॉस की गुंजाइश ज्यादा रहती है. लिहाजा हिमाचल सरकार पांवटा में ही 220 केवी का सब स्टेशन बनाने की मंजूरी उत्तराखंड से ले रही है, ताकि सीधे उत्तराखंड से इस फ्री बिजली को पांवटा इंडस्ट्रियल एरिया तक पहुंचाया जा सके.

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उत्तराखंड में इस बातचीत के दौरान दोनों ही ऊर्जा मंत्रियों के बीच अपने-अपने प्रदेशों में हो रही बेहतर परियोजनाओं को साझा किया गया. हिमाचल के ऊर्जा मंत्री ने हिमाचल में ठप पड़ी परियोजनाओं को कैसे आगे बढ़ाए जा रहा है, इसकी जानकारी दी. जिसके बाद उत्तराखंड में भी इसी लाइन पर चलते हुए प्रदेश में ना चल पाने वाली परियोजनाओं को पीपीपी मोड पर देने की सहमति जताई. इसके तहत ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा हिमाचल ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तराखंड से आगे निकल गया है, जबकि हाइड्रो सेक्टर में उत्तराखंड, हिमाचल से बेहतर स्थिति में है, लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड में ऊर्जा को लेकर काम नहीं हो पाया है.

ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा हिमाचल से सीख लेते हुए उत्तराखंड अब कमजोर या ठप पड़ी परियोजनाओं के नियमों में शिथिलता करते हुए पीपीपी मोड पर देने का काम करेगा. हरक सिंह रावत ने कहा वैकल्पिक ऊर्जा में 250 मेगा वाट का आवंटन किया गया था, लेकिन यह सफल नहीं हो पाई है. ऐसे में नियमों में शिथिलीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जिन लोगों को यह परियोजना आवंटित की गई उन्हें पहले मौका दिया जाएगा. उनके द्वारा परियोजना को आगे ना बढ़ाए जाने की स्थिति में पीपीपी मोड पर देने पर काम किया जाएगा.

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