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ये दो 22 साल की युवतियां बनीं पंचायत प्रधान, एक है LAW स्टूडेंट और एक रूरल डेवलपमेंट में कर रही PG

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Published : Jan 18, 2021, 5:36 PM IST

पहले चरण के पंचायती राज चुनाव में ही हिमाचल की झोली में 22 साल के दो युवा प्रधान आ गए हैं. रोहड़ू की लोअरकोटि की पंचायत पर अंवितका ने अपनी जीत का पताका फहराया है और वहीं, बिलासपुर की खारसी पंचायत में 22 साल की जागृति पंचायत प्रधान के पद पर काबिज हुई हैं. खास बात ये है कि दोनों ही नव निर्वाचित प्रधान स्टूडेंट्स हैं.

avantika and jagriti panchayat pradhan
avantika and jagriti

बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव के पहला चरण का मतदान पूरा हो गया है. इस बार पंचायत चुनाव में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती नजर आ रही हैं. चुनाव लड़ने की बात हो या फिर अपने मताधिकार के इस्तेमाल की, महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे ही हैं.

इसी क्रम में 22 साल की दो युवतियों ने प्रधान पद पर अपनी जीत दर्ज करवाई है. रोहड़ू की लोअरकोटि की पंचायत पर अंवितका ने अपनी जीत का पताका फहराया है और वहीं, बिलासपुर की खारसी पंचायत में 22 साल की जागृति पंचायत प्रधान के पद पर काबिज हुई हैं. खास बात ये हैं कि दोनों ही नव निर्वाचित प्रधान स्टूडेंट्स हैं और अब पंचायत प्रधान के काम के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रखने की बात कर रही हैं.

अंवतिका इग्नू से ग्रामीण विकास में कर रही पीजी

लोओर कोटी की नव निर्वाचित पंचायत प्रधान अंवितका दिल्ली से बीकॉम ग्रेजुएट हैं और वर्तमान में इग्नू से ग्रामीण विकास में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं. अवंतिका ने महज 22 साल की उम्र में पंचायत के प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीत भी गईं. अवंतिका की छवि को गांव के काफी लोग पंसद करते हैं.

चलाए जाएंगे रोजगारोन्मुख कार्यक्रम

यही वजह रही कि प्रधानी के चुनाव में अवंतिका को गांव वालों ने विजय बनाया है. अवंतिका का सपना गांव का विकास करना है, जिससे लोअरकोटि की पहचान पूरे हिमाचल के मानचित्र पर कायम हो सके. अवंतिका का कहना है कि ग्रामीणों के लिए रोजगारोन्मुख कार्यक्रम चलाए जाएंगे और सरकारी योजनाओं का उन्हें लाभ पहुंचाया जाएगा.

जागृति शैल एचपीयू में है लॉ स्टूडेंट

उधर, खारसी पंचायत की नव निर्वाचित पंचायत प्रधान जागृति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लॉ स्टूडेंट हैं. लॉ में जागृति का चौथा सेमेस्टर है. अपनी पढ़ाई के दौरान ही इस जागृति ने पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला लिया और जीत दर्ज कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा दिया है.

12वीं कक्षा में भी कर चुकी हैं टॉप

बता दें कि जागृति शैल इससे पहले 11वीं और 12वीं कक्षा में भी टॉप कर चुकी हैं. जागृति शैल ने पंचायत प्रधान के इस चुनाव में कुल 508 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है.

जागृति ने ये गिनवाई प्राथमिकताएं

नव निर्वाचित खारसी पंचायत प्रधान जागृति शैल का कहना है कि सभी कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाएंगे. पंचायत स्तर पर हो रही धांधलियों और रिश्वतखोरी को रोका जाएगा. पंचायत में सभी लोगों के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा. वहीं, अपनी पढ़ाई जारी रखेंगी. लोगों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

हिमाचल में मतदान में महिलाओं ने मारी बाजी

वहीं, हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण में वोट डालने के मामले में भी महिलाओं ने बाजी मारी है और पुरुषों से ज्यादा मतदान किया. हिमाचल प्रदेश के राज्य चुनाव अधिकारी संजीव महाजन ने बताया कि पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान में महिलाओं ने 75 फीसदी, जबकि पुरुषों ने 71 फीसदी मतदान किया है.

2016 में जबना चौहान बनी थीं देश की युवा प्रधान

2016 में 22 साल की जबना चौहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनाव जीता था. तब जबना चौहान ने देश की सबसे युवा प्रधान का खिताब अपने नाम किया था. इस बार उन्होंने पंचायत चुनाव नहीं लड़ा है. उन्होंने एनजीओ के तहत काम करने का फैसला लिया है.

क्या इस बार मिल पाएगा सबसे युवा प्रधान

पहले चरण के पंचायती राज चुनाव में ही हिमाचल की झोली में दो युवा प्रधान आ गए हैं. ऐसे में ये देखना बाकि रहेगा कि हिमाचल प्रदेश इस बार भी देश में सबसे युवा सरपंच देने का गौरव हासिल करता है या नहीं.

ये भी पढ़ें- चुनाव लड़ने से चुनाव जीतने-जीताने तक, देवभूमि की महिलाएं हैं अव्वल

बिलासपुरः हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव के पहला चरण का मतदान पूरा हो गया है. इस बार पंचायत चुनाव में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती नजर आ रही हैं. चुनाव लड़ने की बात हो या फिर अपने मताधिकार के इस्तेमाल की, महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे ही हैं.

इसी क्रम में 22 साल की दो युवतियों ने प्रधान पद पर अपनी जीत दर्ज करवाई है. रोहड़ू की लोअरकोटि की पंचायत पर अंवितका ने अपनी जीत का पताका फहराया है और वहीं, बिलासपुर की खारसी पंचायत में 22 साल की जागृति पंचायत प्रधान के पद पर काबिज हुई हैं. खास बात ये हैं कि दोनों ही नव निर्वाचित प्रधान स्टूडेंट्स हैं और अब पंचायत प्रधान के काम के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रखने की बात कर रही हैं.

अंवतिका इग्नू से ग्रामीण विकास में कर रही पीजी

लोओर कोटी की नव निर्वाचित पंचायत प्रधान अंवितका दिल्ली से बीकॉम ग्रेजुएट हैं और वर्तमान में इग्नू से ग्रामीण विकास में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं. अवंतिका ने महज 22 साल की उम्र में पंचायत के प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीत भी गईं. अवंतिका की छवि को गांव के काफी लोग पंसद करते हैं.

चलाए जाएंगे रोजगारोन्मुख कार्यक्रम

यही वजह रही कि प्रधानी के चुनाव में अवंतिका को गांव वालों ने विजय बनाया है. अवंतिका का सपना गांव का विकास करना है, जिससे लोअरकोटि की पहचान पूरे हिमाचल के मानचित्र पर कायम हो सके. अवंतिका का कहना है कि ग्रामीणों के लिए रोजगारोन्मुख कार्यक्रम चलाए जाएंगे और सरकारी योजनाओं का उन्हें लाभ पहुंचाया जाएगा.

जागृति शैल एचपीयू में है लॉ स्टूडेंट

उधर, खारसी पंचायत की नव निर्वाचित पंचायत प्रधान जागृति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लॉ स्टूडेंट हैं. लॉ में जागृति का चौथा सेमेस्टर है. अपनी पढ़ाई के दौरान ही इस जागृति ने पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला लिया और जीत दर्ज कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा दिया है.

12वीं कक्षा में भी कर चुकी हैं टॉप

बता दें कि जागृति शैल इससे पहले 11वीं और 12वीं कक्षा में भी टॉप कर चुकी हैं. जागृति शैल ने पंचायत प्रधान के इस चुनाव में कुल 508 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है.

जागृति ने ये गिनवाई प्राथमिकताएं

नव निर्वाचित खारसी पंचायत प्रधान जागृति शैल का कहना है कि सभी कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाएंगे. पंचायत स्तर पर हो रही धांधलियों और रिश्वतखोरी को रोका जाएगा. पंचायत में सभी लोगों के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा. वहीं, अपनी पढ़ाई जारी रखेंगी. लोगों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

हिमाचल में मतदान में महिलाओं ने मारी बाजी

वहीं, हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले चरण में वोट डालने के मामले में भी महिलाओं ने बाजी मारी है और पुरुषों से ज्यादा मतदान किया. हिमाचल प्रदेश के राज्य चुनाव अधिकारी संजीव महाजन ने बताया कि पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान में महिलाओं ने 75 फीसदी, जबकि पुरुषों ने 71 फीसदी मतदान किया है.

2016 में जबना चौहान बनी थीं देश की युवा प्रधान

2016 में 22 साल की जबना चौहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनाव जीता था. तब जबना चौहान ने देश की सबसे युवा प्रधान का खिताब अपने नाम किया था. इस बार उन्होंने पंचायत चुनाव नहीं लड़ा है. उन्होंने एनजीओ के तहत काम करने का फैसला लिया है.

क्या इस बार मिल पाएगा सबसे युवा प्रधान

पहले चरण के पंचायती राज चुनाव में ही हिमाचल की झोली में दो युवा प्रधान आ गए हैं. ऐसे में ये देखना बाकि रहेगा कि हिमाचल प्रदेश इस बार भी देश में सबसे युवा सरपंच देने का गौरव हासिल करता है या नहीं.

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