शिमला: टोमैटो फ्लू को लेकर हिमाचल में अलर्ट जारी किया गया (Tomato Flu Alert In Himachal) है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधीश व स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. हालांकि ,अभी हिमाचल में टोमैटो फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर एक एडवाइजरी जारी की गई (Himachal NHM issues advisory regarding tomato flu) है. एडवाइजरी में बताया गया है कि टोमैटो फ्लू एक वायरल बीमारी है जो ज्यादातर बच्चों में दिखाई दे रही हैं. बच्चों में देखे गए प्राथमिक लक्षण अन्य वायरल संक्रमणों के समान है.
टोमैटो फ्लू के लक्षण: टोमैटो फ्लू में बुखार होना, चकत्ते होना और जोड़ों का दर्द होना विशेष लक्षण (Tomato Flu Symptoms) है. अन्य वायरल संक्रमणों की तरह इस रोग में थकान, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, निर्जलीकरण, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और आम इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. बुखार शुरू होने के एक या दो दिनों बाद छोटे लाल धब्बे दिखाई देते हैं, जो छाले और फिर अल्सर में बदल जाते हैं.
टोमैटो फ्लू एक स्व-सीमित संक्रामक रोग: टोमैटो फ्लू एक स्व-सीमित संक्रामक रोग है, क्योंकि इसके लक्षण कुछ दिनों के बाद खत्म हो जाते हैं. यह रोग तथाकथित हाथ, पैर, मुंह की बीमारी का एक नैदानिक रूप है, जो स्कूल जाने वाले बच्चों में सामान्यता पाया जाता है. शिशुओं और छोटे बच्चों को भी नैपिज, अशुद्ध सतहों को छूने और चीजों को सीधे मुंह में डालना से इस संक्रमण का खतरा होता है.
बच्चों को टोमैटो फ्लू का अधिक खतरा: यह बीमारी मुख्य रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों में होती (tomato flu symptoms among children) है, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है. अभी तक इस रोग की कोई विशिष्ट दवाएं उपलब्ध नहीं है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बाहरी राज्य से काफी लोगों का आना व जाना लगा रहता है. ऐसे में यह बीमारी उनके साथ आ सकती है. लोगों को स्वयं भी इसको लेकर जागरूक रहना होगा.
रोकथाम के लिए करें ये उपाय: टोमैटो फ्लू की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता (Tomato Flu Treatment) है. आस पास की जरूरी वस्तुओं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, भोजन व अन्य सामान को गैर-संक्रमित बच्चों से साझा करने से रोकना चाहिए. कुछ आवश्यक निवारक उपाय हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए. जैसे संक्रमित व्यक्ति के तत्काल संपर्क में आने से बचें. अपने बच्चों को इस रोग के लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, अपने बच्चे से कहें कि बुखार या दाने के लक्षण वाले बच्चों को गले न लगाएं और न ही उन्हें छुएं.
बच्चों को बताएं ये बातें: इसके अतिरिक्त बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और अंगूठा या उंगली चूसने की आदत रोकने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. नाक बहने या खांसने की स्थिति में बच्चे को रूमाल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना (Tomato Flu in India) चाहिए. छाले को खरोंचें या रगड़ें नहीं और हर बार जब आप इन छालों को छूते हैं तो हाथों को साबुन से धो लें. बच्चों को खूब पानी, दूध या रस, जो कुछ भी वे पसंद करते हैं पीने के लिए प्रेरित करके उन्हें हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करनी चाहिए. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, संतुलित आहार लें, उपचार को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त आराम और नींद लेना आवश्यक है.
घबराएं नहीं, भ्रामक अफवाहों से बचें: एनएचएम के एमडी हेमराज बैरवा ने बताया कि लोग भयभीत न हो और भ्रामक अफवाहों से बचें. उन्होंने सभी से सतर्क व सजग और जागरूक रहने के लिए कहा (Tomato Flu In Himachal) है. उन्होंने कहा कि इस रोग के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें. ताकि समय रहते ही इसका उपचार किया जाए, ताकि यह किसी अन्य को ना (tomato flu health ministry advisory) फैले.
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