ETV Bharat / city

हिमाचल में बिना छात्रों के सूने पड़े हैं 27 प्राइमरी व 3 मिडिल स्कूल भवन, दस अन्य स्कूलों में खाली हैं दर्जनों कमरे

author img

By

Published : Mar 3, 2022, 6:23 PM IST

शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.

schools in Himachal Pradesh
हिमाचल में बिना छात्रों के सूने पड़े हैं 27 प्राइमरी व 3 मिडल स्कूल भवन

शिमला: शिक्षा के क्षेत्र में चमकदार आंकड़ों का दावा करने वाले हिमाचल प्रदेश में कई स्कूल भवन सूने पड़े हैं. कारण ये है कि वहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए एक भी छात्र नहीं है. शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 प्राइमरी स्कूल भवन ऐसे हैं, जहां दो साल अथवा इससे भी अधिक समय से एक भी छात्र न होने की वजह से उन इमारतों व कमरों का प्रयोग नहीं हो रहा. हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में ये चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक रमेश ध्वाला ने इस संदर्भ में सवाल किया था. उनके सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी सदन में दी गई.

रमेश ध्वाला ने सवाल किया था कि हिमाचल प्रदेश में विगत तीन साल के अंतराल में कितने स्कूल भवन, कमरे अथवा छात्रावास बिना प्रयोग के हैं. लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल 27 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां शून्य नामांकन के कारण स्कूल भवन बिना प्रयोग के सूने पड़े हुए हैं.

लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री की तरफ से जानकारी दी गई कि बिलासपुर के तीन प्राइमरी स्कूल वर्ष 2020 से बिना प्रयोग के हैं. इसी तरह हमीरपुर जिला के पांच प्राइमरी स्कूल बिना प्रयोग के हैं. कारण यहां भी शून्य नामांकन है. हालात ये हैं कि हमीरपुर जिले की अंबोटा प्राथमिक पाठशाला का भवन चार साल से सूना पड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन में किसी भी भारतीय छात्र को नहीं बनाया गया बंधक: विदेश मंत्रालय

जिला कांगड़ा के चार प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं और यहां स्कूल भवनों में ताला लटका है. इसी तरह किन्नौर के छह प्राइमरी स्कूल, लाहौल-स्पीति के सात व ऊना जिला के दो स्कूल ऐसे हैं, जहां भवन खाली पड़े हुए हैं. इस तरह सभी 27 प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन के कारण ताले में बंद हैं. बड़ी बात ये है कि तीन मिडिल स्कूल भी इसी कैटेगरी में हैं. वहां भी कोई छात्र न होने के कारण भवन बिना प्रयोग के हैं. इनमें दो स्कूल हमीरपुर जिले के व एक स्कूल लाहौल-स्पीति जिले का है.

बरमाणा स्कूल में 15 साल से छह कमरों में लटके हैं ताले: बिलासपुर जिला के बरठीं स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हॉस्टल के हॉल, बाथरूम, टॉयलेट्स व दो कमरों का सैट बिना प्रयोग के हैं. इसी प्रकार सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरमाणा के एक भवन के छह कमरे 15 साल से प्रयोग में नहीं हैं.

कुल्लू के जगतसुख सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौ कमरों का भवन तीन साल से बिना प्रयोग के हैं. मंडी के द्रंग स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ओबीसी हॉस्टल के 24 कमरे 11 साल से बंद हैं और उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा. सिरमौर के नौहराधार स्कूल हॉस्टल के 8 कमरे नौ साल से, सराहां स्कूल के हॉस्टल के भी आठ ही कमरे तीन साल से प्रयोग में नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- हुनरबाज शो में धमाल मचाने वाले पुलिस के कलाकार पहुंचे बिलासपुर, जनता से किया ये वादा

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

शिमला: शिक्षा के क्षेत्र में चमकदार आंकड़ों का दावा करने वाले हिमाचल प्रदेश में कई स्कूल भवन सूने पड़े हैं. कारण ये है कि वहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए एक भी छात्र नहीं है. शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 प्राइमरी स्कूल भवन ऐसे हैं, जहां दो साल अथवा इससे भी अधिक समय से एक भी छात्र न होने की वजह से उन इमारतों व कमरों का प्रयोग नहीं हो रहा. हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में ये चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक रमेश ध्वाला ने इस संदर्भ में सवाल किया था. उनके सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी सदन में दी गई.

रमेश ध्वाला ने सवाल किया था कि हिमाचल प्रदेश में विगत तीन साल के अंतराल में कितने स्कूल भवन, कमरे अथवा छात्रावास बिना प्रयोग के हैं. लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल 27 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां शून्य नामांकन के कारण स्कूल भवन बिना प्रयोग के सूने पड़े हुए हैं.

लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री की तरफ से जानकारी दी गई कि बिलासपुर के तीन प्राइमरी स्कूल वर्ष 2020 से बिना प्रयोग के हैं. इसी तरह हमीरपुर जिला के पांच प्राइमरी स्कूल बिना प्रयोग के हैं. कारण यहां भी शून्य नामांकन है. हालात ये हैं कि हमीरपुर जिले की अंबोटा प्राथमिक पाठशाला का भवन चार साल से सूना पड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन में किसी भी भारतीय छात्र को नहीं बनाया गया बंधक: विदेश मंत्रालय

जिला कांगड़ा के चार प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं और यहां स्कूल भवनों में ताला लटका है. इसी तरह किन्नौर के छह प्राइमरी स्कूल, लाहौल-स्पीति के सात व ऊना जिला के दो स्कूल ऐसे हैं, जहां भवन खाली पड़े हुए हैं. इस तरह सभी 27 प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन के कारण ताले में बंद हैं. बड़ी बात ये है कि तीन मिडिल स्कूल भी इसी कैटेगरी में हैं. वहां भी कोई छात्र न होने के कारण भवन बिना प्रयोग के हैं. इनमें दो स्कूल हमीरपुर जिले के व एक स्कूल लाहौल-स्पीति जिले का है.

बरमाणा स्कूल में 15 साल से छह कमरों में लटके हैं ताले: बिलासपुर जिला के बरठीं स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हॉस्टल के हॉल, बाथरूम, टॉयलेट्स व दो कमरों का सैट बिना प्रयोग के हैं. इसी प्रकार सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरमाणा के एक भवन के छह कमरे 15 साल से प्रयोग में नहीं हैं.

कुल्लू के जगतसुख सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौ कमरों का भवन तीन साल से बिना प्रयोग के हैं. मंडी के द्रंग स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ओबीसी हॉस्टल के 24 कमरे 11 साल से बंद हैं और उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा. सिरमौर के नौहराधार स्कूल हॉस्टल के 8 कमरे नौ साल से, सराहां स्कूल के हॉस्टल के भी आठ ही कमरे तीन साल से प्रयोग में नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- हुनरबाज शो में धमाल मचाने वाले पुलिस के कलाकार पहुंचे बिलासपुर, जनता से किया ये वादा

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.