ETV Bharat / city

हिमाचल में नवरात्रि पर सजे मंदिर, SOP की पालना के साथ होंगे मां के दर्शन - हिमाचल में नवरात्र

हिमाचल में शारदीय नवरात्र को लेकर मंदिर सज चुके हैं. कोरोना संकट अभी खत्म नहीं हुआ हैं. ऐसे में मंदिर प्रबंधक की ओर से सभी तैयारियां सरकार की ओर से जारी एसओपी के तहत की गई हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा.

Navratri festivals in himachal
Navratri festivals in himachal
author img

By

Published : Oct 16, 2020, 9:37 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 11:04 PM IST

शिमलाः कोरोना संकट के बीच शारदीय नवरात्र शनिवार से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के लिए प्रदेश के मंदिरों सज चुके हैं. इस बार सरकार की ओर से जारी एसओपी की पालना करते हुए मंदिर में सभी तैयारियां की गईं हैं. अभी कोरोना का संकट खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में नवरात्र पहले की तरह नहीं मनाए जाएंगे. मंदिर में कोविड-19 के नियमों की पालना करना जरूरी होगा.

वहीं, नवरात्रि में शादी, मुंडन संस्कार, वाहन खरीदारी के साथ ही अन्य शुभ काम नवरात्रि में किए जा सकेंगे. घरों और मंदिरों में घट स्थापना की जाएगी. सुबह साढ़े सात बजे के बाद घट स्थापना नवरात्रों के लिए करना शुभ है.

वीडियो.

समाजिक दूरी का करना होगा पालन

वहीं, मंदिर प्रबंधक की ओर से लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. नवरात्रि से पहले ही सभी मंदिरों में सेनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था की गई है. साथ ही मंदिरों में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए पोस्टर भी लगाएं गए हैं. वहीं, मंदिरों में श्रद्धालुओं को समाजिक दूरी को निभाते हुए दर्शन करवाने की व्यवस्था की गई है.

मंदिर के प्रवेशद्वार पर होगी थर्मल स्कैनिंग

इसके साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेनिटाइजेशन करने की व्यवस्था की गई है. तो वहीं, थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शनों की अनुमति दी जाएगी. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. मंदिर में डिस्पेंसरी के साथ ही आइसोलेशन रूम भी बनाया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मंदिरों में रहेगी.

इन श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएगा प्रवेश

मंदिरों में पुलिस सुरक्षा बल तैनात रहेगा, जिससे की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बनी रहे. मंदिर में सीसीटीवी कैमरा से भी निगरानी रखी जाएगी. वहीं, 65 वर्ष की आयु से अधिक के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. जिन लोगों में फ्लू, जुखाम और बुखार के लक्षण या शिकायत होगी, उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

घरों पर ही घट स्थापना करने की अपील

पंडित वासुदेव शर्मा ने बताया कि इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर, शनिवार से 25 अक्टूबर तक चलेंगे और मंदिरों में माता के नौ स्वरुपों की पूजा आराधना की जाएगी. कोविड-19 की वजह से इस बार मंदिरों में भी भक्त पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे. ऐसे में घरों पर ही घट स्थापना कर माता रानी की आराधना करें और माता रानी से यह प्रार्थना करें कि इस महामारी से मुक्ति दिलाए और स्थित को सामान्य करे.

दो शनिवार का नहीं है कोई प्रभाव

इस बार नवरात्रि में दो शनिवार आ रहे हैं, लेकिन इसका नवरात्रों पर कोई प्रभाव नहीं होगा. वहीं, मलमास की वजह से जो भी शुभ काम रुके हुए थे. वह सभी कार्य नवरात्रि में शुरू किए जा सकते हैं. नवरात्रि में किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है.

ये भी पढ़ें- मंदिरों में कोरोना का 'ग्रहण', 100 सालों में दूसरी बार कालीबाड़ी में नहीं विराजेंगी दुर्गा माता

ये भी पढ़ें- नवरात्रि में इस बार मां नैना देवी में नहीं होंगे मुंडन, कीर्तन सहित भंडारे पर भी रोक

शिमलाः कोरोना संकट के बीच शारदीय नवरात्र शनिवार से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि के लिए प्रदेश के मंदिरों सज चुके हैं. इस बार सरकार की ओर से जारी एसओपी की पालना करते हुए मंदिर में सभी तैयारियां की गईं हैं. अभी कोरोना का संकट खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में नवरात्र पहले की तरह नहीं मनाए जाएंगे. मंदिर में कोविड-19 के नियमों की पालना करना जरूरी होगा.

वहीं, नवरात्रि में शादी, मुंडन संस्कार, वाहन खरीदारी के साथ ही अन्य शुभ काम नवरात्रि में किए जा सकेंगे. घरों और मंदिरों में घट स्थापना की जाएगी. सुबह साढ़े सात बजे के बाद घट स्थापना नवरात्रों के लिए करना शुभ है.

वीडियो.

समाजिक दूरी का करना होगा पालन

वहीं, मंदिर प्रबंधक की ओर से लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. नवरात्रि से पहले ही सभी मंदिरों में सेनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था की गई है. साथ ही मंदिरों में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए पोस्टर भी लगाएं गए हैं. वहीं, मंदिरों में श्रद्धालुओं को समाजिक दूरी को निभाते हुए दर्शन करवाने की व्यवस्था की गई है.

मंदिर के प्रवेशद्वार पर होगी थर्मल स्कैनिंग

इसके साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर सेनिटाइजेशन करने की व्यवस्था की गई है. तो वहीं, थर्मल स्कैनिंग करने के बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शनों की अनुमति दी जाएगी. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. मंदिर में डिस्पेंसरी के साथ ही आइसोलेशन रूम भी बनाया गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मंदिरों में रहेगी.

इन श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएगा प्रवेश

मंदिरों में पुलिस सुरक्षा बल तैनात रहेगा, जिससे की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बनी रहे. मंदिर में सीसीटीवी कैमरा से भी निगरानी रखी जाएगी. वहीं, 65 वर्ष की आयु से अधिक के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. जिन लोगों में फ्लू, जुखाम और बुखार के लक्षण या शिकायत होगी, उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

घरों पर ही घट स्थापना करने की अपील

पंडित वासुदेव शर्मा ने बताया कि इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर, शनिवार से 25 अक्टूबर तक चलेंगे और मंदिरों में माता के नौ स्वरुपों की पूजा आराधना की जाएगी. कोविड-19 की वजह से इस बार मंदिरों में भी भक्त पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे. ऐसे में घरों पर ही घट स्थापना कर माता रानी की आराधना करें और माता रानी से यह प्रार्थना करें कि इस महामारी से मुक्ति दिलाए और स्थित को सामान्य करे.

दो शनिवार का नहीं है कोई प्रभाव

इस बार नवरात्रि में दो शनिवार आ रहे हैं, लेकिन इसका नवरात्रों पर कोई प्रभाव नहीं होगा. वहीं, मलमास की वजह से जो भी शुभ काम रुके हुए थे. वह सभी कार्य नवरात्रि में शुरू किए जा सकते हैं. नवरात्रि में किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है.

ये भी पढ़ें- मंदिरों में कोरोना का 'ग्रहण', 100 सालों में दूसरी बार कालीबाड़ी में नहीं विराजेंगी दुर्गा माता

ये भी पढ़ें- नवरात्रि में इस बार मां नैना देवी में नहीं होंगे मुंडन, कीर्तन सहित भंडारे पर भी रोक

Last Updated : Oct 16, 2020, 11:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.