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राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान पाने वाले शिक्षकों ने इन क्षेत्रों में किए बेहतर कार्य - शिक्षकों को मिला राज्य स्तरीय पुरस्कार

शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 17 शिक्षकों को राजधानी शिमला में सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में सूब के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने शिरकत की. बीते वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक विकास महाजन को भी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया गया.

State level teachers honor ceremony in shimla
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Published : Oct 5, 2020, 7:14 PM IST

शिमलाः शिक्षा विभाग की ओर से हर साल शिक्षक दिवस पर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार और प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाता है. इसके पीछे का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों के लिए सराहना और उन्हें इस तरह के कार्य करते रहने की प्रेरणा देना है. इसी उद्देश्य से सोमवार को भी 17 शिक्षकों को शिमला में सम्मानित किया गया.

बीते वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक विकास महाजन को भी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया गया. विकास महाजन ने स्कूल के पुराने छात्र जो पास आउट होकर निकले हैं, उनसे फंड एकत्र कर 2 लाख से ज्यादा का रुपये जुटाकर जरूरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

स्कूल की इनरोलमेंट बढ़ाने से लेकर बच्चों को जेईई, नीट की कोचिंग का भी प्रावधान शिक्षक कर रहे हैं. वहीं, स्कूल के 150 के करीब बच्चों को ब्लेजर मुहैया करवाए गए हैं. विकास महाजन ने कहा कि शिक्षक ही देश के आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं, तो ऐसे में हर शिक्षक को छात्रों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने का काम करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति की भी सराहना की और कहा कि देश की शिक्षा पद्धति में किया जा रहा यह परिवर्तन बेहद कारगर साबित होगा.

वहीं, राज्य स्तरीय पुरस्कार पाने वाली डेकिट डोलकर प्रिंसिपल गवर्मेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल काजा जिला लाहौल स्पीति, जिनका चयन सरकार की ओर से इस पुरस्कार के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्र में भी छात्रों की इनरोलमेंट को बढ़ाने के साथ ही कोविड-19 के संकट के समय में छात्रों को घर द्वार जाकर नोट्स पहुंचाने में अपने स्कूल के स्टाफ के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. काजा प्रदेश का एक ऐसा दुर्गम क्षेत्र है, जहां मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत हैं और ऐसे में छात्रों तक ऑनलाइन माध्यम से पहुंच पाना आसान नहीं था.

ऐसे में छात्रों को नोट्स मुहैया करवाने के लिए भी उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. स्टेशनरी के साथ ही प्रिंटिंग के लिए भी काफी दिक्कतें आई, लेकिन काजा एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से सब संभव हो पाया और दुर्गम परिस्थितियों में भी इन्होंने छात्रों की पढ़ाई जारी रखा.

वहीं, इस वर्ष जो बोर्ड के परिणाम घोषित हुए हैं, उसमें मॉडल स्कूल काजा के 5 बच्चों ने टॉप किया है जो स्कूल की प्रधानाचार्य कि मेहनत का ही फल है. इसके साथ ही सरकार की ओर से राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुंधन के शिक्षक नरेंद्र कपिला को भी राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार 2020 दिया गया.

शिक्षक कपिला ने बताया कि उन्होंने गांव के दुर्गम क्षेत्रों में जाकर बच्चों को पढ़ाया और स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अब सरकारी स्कूलों में घट रही एनरोलमेंट को बढ़ाने में मददगार साबित होगी और स्कूलों में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा.

छात्रों के साथ सख्ती से पेश आने वाले नरेंद्र कपिला अपने छात्रों के प्रिय शिक्षक हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ सख्ती तो आज भी की जाती है और पनिशमेंट आज मिलती है. पनिशमेंट उन्हें सही दिशा में ले कर जाती है और उनके भविष्य निर्माण में सार्थक साबित होती है. यही वहज है कि अभिभावक भी इसका विरोध नहीं करते हैं.

शिमलाः शिक्षा विभाग की ओर से हर साल शिक्षक दिवस पर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचार और प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाता है. इसके पीछे का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी ओर से किए जा रहे कार्यों के लिए सराहना और उन्हें इस तरह के कार्य करते रहने की प्रेरणा देना है. इसी उद्देश्य से सोमवार को भी 17 शिक्षकों को शिमला में सम्मानित किया गया.

बीते वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक विकास महाजन को भी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया गया. विकास महाजन ने स्कूल के पुराने छात्र जो पास आउट होकर निकले हैं, उनसे फंड एकत्र कर 2 लाख से ज्यादा का रुपये जुटाकर जरूरतमंद छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में दिया है.

वीडियो रिपोर्ट

स्कूल की इनरोलमेंट बढ़ाने से लेकर बच्चों को जेईई, नीट की कोचिंग का भी प्रावधान शिक्षक कर रहे हैं. वहीं, स्कूल के 150 के करीब बच्चों को ब्लेजर मुहैया करवाए गए हैं. विकास महाजन ने कहा कि शिक्षक ही देश के आने वाले भविष्य का निर्माण करते हैं, तो ऐसे में हर शिक्षक को छात्रों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने का काम करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति की भी सराहना की और कहा कि देश की शिक्षा पद्धति में किया जा रहा यह परिवर्तन बेहद कारगर साबित होगा.

वहीं, राज्य स्तरीय पुरस्कार पाने वाली डेकिट डोलकर प्रिंसिपल गवर्मेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल काजा जिला लाहौल स्पीति, जिनका चयन सरकार की ओर से इस पुरस्कार के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्र में भी छात्रों की इनरोलमेंट को बढ़ाने के साथ ही कोविड-19 के संकट के समय में छात्रों को घर द्वार जाकर नोट्स पहुंचाने में अपने स्कूल के स्टाफ के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. काजा प्रदेश का एक ऐसा दुर्गम क्षेत्र है, जहां मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत हैं और ऐसे में छात्रों तक ऑनलाइन माध्यम से पहुंच पाना आसान नहीं था.

ऐसे में छात्रों को नोट्स मुहैया करवाने के लिए भी उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. स्टेशनरी के साथ ही प्रिंटिंग के लिए भी काफी दिक्कतें आई, लेकिन काजा एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से सब संभव हो पाया और दुर्गम परिस्थितियों में भी इन्होंने छात्रों की पढ़ाई जारी रखा.

वहीं, इस वर्ष जो बोर्ड के परिणाम घोषित हुए हैं, उसमें मॉडल स्कूल काजा के 5 बच्चों ने टॉप किया है जो स्कूल की प्रधानाचार्य कि मेहनत का ही फल है. इसके साथ ही सरकार की ओर से राज्यस्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुंधन के शिक्षक नरेंद्र कपिला को भी राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार 2020 दिया गया.

शिक्षक कपिला ने बताया कि उन्होंने गांव के दुर्गम क्षेत्रों में जाकर बच्चों को पढ़ाया और स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अब सरकारी स्कूलों में घट रही एनरोलमेंट को बढ़ाने में मददगार साबित होगी और स्कूलों में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा.

छात्रों के साथ सख्ती से पेश आने वाले नरेंद्र कपिला अपने छात्रों के प्रिय शिक्षक हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ सख्ती तो आज भी की जाती है और पनिशमेंट आज मिलती है. पनिशमेंट उन्हें सही दिशा में ले कर जाती है और उनके भविष्य निर्माण में सार्थक साबित होती है. यही वहज है कि अभिभावक भी इसका विरोध नहीं करते हैं.

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