शिमला: पहाड़ पर चुनाव की तपिश महसूस होने लगी है. हिमाचल में सत्ता को लेकर रिवाज बदलने का दावा करने वाली भाजपा ने हिमाचल के सियासी रण अपने 68 चुनावी वीरों के चयन में फूंक-फूंककर कदम रख रही है. संगठन की तय कार्यप्रणाली और प्रदेश के नेताओं की दबाव बनाने की रणनीति के खिलाफ कठोर रुख अपनाने वाली भाजपा सर्वे के आधार पर टिकट तय करती है. बीजेपी आज सभी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर सकती है और उसके बाद देर रात या बुधवार को उम्मीदवारों का ऐलान हो सकता है. (Himachal BJP Candidate list)
कई नेताओं की टिकट पर तलवार- पार्टी द्वारा करवाए गए सर्वे में अगर कोई बड़ा नेता भी अपने पांच साल के व्यवहार और कार्य करने की कसौटी पर खरा नहीं उतरता तो उसका टिकट बेहिचक काट दिया जाता है. यही कारण है कि बड़े सूरमा भी टिकट को लेकर आश्वस्त नहीं हैं. चर्चा जोरों पर है कि इस बार भाजपा के 20 से अधिक टिकटों पर क्रॉस का निशान लग सकता है. कुछ के चुनाव क्षेत्र बदले जा सकते हैं. उदाहरण के लिए पार्टी हाईकमान से संकेत मिलने के बाद सबसे बड़े जिला कांगड़ा में भाजपा के दो दिग्गज अपने-अपने चुनाव क्षेत्र बदले जाने के पुख्ता इशारे के बाद प्रचार में एक्टिव हो गए हैं. रमेश ध्वाला देहरा विधानसभा सीट से तो रविंद्र सिंह रवि ज्वालामुखी सीट पर खुशी-खुशी सक्रिय हो गए हैं. (BJP Mission Repeat in Himachal)
बीजेपी का फॉर्मूला तय- इस समय दिल्ली में हिमाचल भाजपा के टिकट फाइनल करने के लिए माथापच्ची की जा रही है. पार्टी ने अलग-अलग चार सर्वे करवाए हैं. उनके आधार पर टिकट घोषित किए जाएंगे. पार्टी के किसी भी नेता की नाराजगी और अन्य फैक्टर्स से प्रभावित हुए बिना हाईकमान सर्वे को देखते हुए ही टिकटों का ऐलान करेगा. दिल्ली में आज यानी मंगलवार देर शाम पार्टी के संसदीय बोर्ड की मीटिंग होनी है. सभंवत: कल तक टिकटों को लेकर छाई धुंध काफी हद तक छंट जाएगी. संसदीय बोर्ड की मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. हिमाचल में पार्टी के प्रभारी रहे नरेंद्र मोदी इस पहाड़ी राज्य के नेताओं को भली-भांति जानते हैं और सबकी क्षमताओं से भी परिचित हैं. ऐसे में पीएम की मौजूदगी अहम होगी.
हिमाचल कोर ग्रुप में हो चुका है नामों पर मंथन- टिकटों के सिलसिले में ही सोमवार को भी दिल्ली में हिमाचल बीजेपी कोर ग्रुप की अहम बैठक हो चुकी है देर शाम बैठक संपन्न होने पर सीएम जयराम ठाकुर, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि कई नामों को लेकर सहमति पहले ही बन चुकी है. मंगलवार को देर रात तक बैठक चलेगी, ये तय है. उसके बाद बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर वापिस हिमाचल लौट आएंगे. वैसे बुधवार को उनके नामांकन भरने का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है, लेकिन ये सब मंगलवार की संसदीय बोर्ड मीटिंग के बाद ही पता चलेगा.
यहां खतरे में सिटिंग एमएलए के टिकट- सर्वे में सिटिंग एमएलए व कैबिनेट मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी आंकी गई है. इससे पहले संगठन के स्तर पर पार्टी हर साल मंत्रियों व विधायकों से उनके कामकाज की रिपोर्ट लेती आई है. सर्वे में कम से कम 20 से 22 लोगों के चेहरे बदल सकते हैं. कांगड़ा में कांग्रेस का हाथ छोड़कर आए पवन काजल को टिकट मिल सकता है. भरमौर से पार्टी कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है, यहां से जियालाल विधायक हैं और इस बार न्यूरोसर्जन डॉ. जनकराज टिकट चाहते हैं. यहां बदलाव संभव है. इसके अलावा करसोग से हीरालाल का टिकट भी बदलने की चर्चा है. हालांकि उनकी परफॉर्मेंस को समर्थक बेहतर बताते हैं. इसके अलावा ज्वालामुखी से रमेश ध्वाला को चेंज करके देहरा भेजने के पक्के आसार हैं. रविंद्र रवि ज्वालामुखी आएंगे. इसके अलावा पालमपुर, ज्वाली, आनी, फतेहपुर, रामपुर, जोगेंद्रनगर, नाचन में भी बदलाव के चांस हैं. पार्टी किन्नौर में भी टिकट बदलना चाहती है. सुजानपुर में भी प्रेम कुमार धूमल की जगह किसी और चेहरे को देखा गया है. इसी तरह नादौन, अर्की, रेणुकाजी, ठियोग, शिमला ग्रामीण और जुब्बल सहित सरकाघाट, नालागढ़ और कुल्लू में भी चेहरे बदले जा सकते हैं. हालांकि सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह निरंतर चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन उम्र का पैमाना भी देखा जा रहा है.
हिमाचल में ये टिकट कन्फर्म- सीएम जयराम ठाकुर बुधवार को सिराज में अपना नामांकन भरेंगे. इसके अलावा कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर, धर्मपुर से महेंद्र सिंह ठाकुर, शाहपुर से सरवीण चौधरी, पांवटा से सुखराम चौधरी, सोलन या नाहन से राजीव बिंदल, जसवां परागपुर से बिक्रम ठाकुर, ऊना से सतपाल सिंह सत्ती, मनाली से गोविंद ठाकुर, मंडी सदर से अनिल शर्मा, सुंदरनगर से राकेश जम्वाल, चुराह से हंसराज, सुलह से विपिन परमार, पच्छाद से रीना कश्यप, शिलाई से बलदेव तोमर आदि का नाम शामिल है. जुब्बल से चेतन बरागटा का नाम कंसीडर किया गया है. शिमला ग्रामीण से प्रमोद शर्मा को फिर से चांस मिल सकता है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप का कहना है कि पार्टी में टिकटों को लेकर एक सैट प्रोसीजर है. भाजपा में संसदीय बोर्ड का फैसला सभी को मान्य होता है. यहां प्रत्याशियों की महत्वाकांक्षाओं की बजाय पार्टी का हित देखा जाता है. सिर्फ जीत ही टिकट का पैमाना होता है और जल्द ही हिमाचल में बीजेपी प्रत्याशियों को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी. (Himachal assembly elections 2022)
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