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कोरोना काल में इंजेक्शन और ऑक्सीमीटर के नाम पर साइबर ठग सक्रिय! सावधानी ही बचाव - सावधानी जरूरी

कोरोना के मामलों के बीच साइबर क्राइम के मामले भी बढ़े हैं. आम लोग अपनों को बचाने की जद्दोजहद में जल्दबाजी में गलत फैसला ले लेते हैं और बाद में ठगी का शिकार हो जाते हैं. संकट के इस दौर में भी जरूरत है कि सूझबूझ के साथ काम लिया जाए.

साइबर अपराध
साइबर अपराध
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Published : May 30, 2021, 12:10 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों के बीच साइबर क्राइम के मामले भी बढ़े हैं. शातिर कोरोना मरीजों से लेकर कोरोना से अपनों को बचाने की जद्दोजहद में लगे लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने में लगे हैं.

अमूमन हम ऑनलाइन शॉपिंग या फिर ऑनलाइन लॉटरी के जरिए ठगी की वारदातें सुनते रहते हैं, लेकिन कुछ शातिर ऐसे भी हैं जो संकट के इस दौर में परेशानियों से जूझ रहे लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. शातिर आपदा में अवसर तलाश कर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. दूसरी लहर में साइबर ठगों ने लोगों की मजबूरी को अपना हथियार बना लिया है. साइबर अपराधियों ने वैक्सीन लगवाने, ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक के नाम पर ठगी की है.

मंडी में ऑक्सीमीटर के नाम पर ठगा गया व्यक्ति

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के रहने वाले राकेश कुमार को ऑक्सीमीटर की जरूरत थी. राकेश ने गूगल सर्च कर ऑक्सीमीटर खरीदने की कोशिश की. गूगल पर सर्च करने के बाद राकेश ने एक लिंक पर क्लिक किया. ऑक्सीमीटर के लिए राकेश कुमार ने बिना जांच-पड़ताल ऑनलाइन ही पेमेंट कर दी. पेमेंट करने के कई दिन बाद भी उन्हें ऑक्सीमीटर नहीं मिला. बाद में पता चला कि जिस साइट से राकेश कुमार ऑक्सीमीटर मंगा रहे थे, वह साइट फर्जी थी.

आपदा में अवसर तलाश रहे ठग
आपदा में अवसर तलाश रहे ठग

सावधानी जरूरी

शिमला के डीएसपी हेड क्वार्टर कमल वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लोगों से अपील की है कि लोग इस तरह ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बचें. उन्होंने कहा कि लोगों को जरूरत है कि संकट के इस दौर में सूझबूझ से काम लें. कुछ लोग गूगल सर्च के जरिए गलत वेबसाइट पर चल जाते हैं. सर्फिंग के दौरान गलत वेबसाइट का चयन करना उन्हें बाद में भारी पड़ जाता है और इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधी उनसे पैसा ऐंठ लेते हैं.

वीडियो

शिमला के डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा ने कहा कि यदि किसी के साथ इस तरह की ठगी होती है, तो वह सीधा पुलिस से संपर्क कर सकता है. नजदीकी थाने और एसपी कार्यालय स्थित साइबर क्राइम ऑफिस में इसकी शिकायत दी जा सकती है. समय-समय पर फेसबुक और विभिन्न अभियानों के जरिए लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है. इस बीच लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लोगों को मीडिया के जरिए बताया जा सकता है कि इस तरह गलत वेबसाइट पर जाकर कोई भी ऑर्डर प्लेस न करें. लोगों को जरूरत है कि सटीक जानकारी के साथ सही वेबसाइट पर जाकर ही आर्डर करें, ताकि वह ठगी का शिकार होने से बच सकें.

सावधानी ही बचाव
सावधानी ही बचाव

संकट के इस दौर में जहां लोग परेशान हैं. आम लोग अपनों को बचाने की जद्दोजहद में जल्दबाजी में गलत फैसला ले लेते हैं और बाद में ठगी का शिकार हो जाते हैं. संकट के इस दौर में भी जरूरत है कि सूझबूझ के साथ काम लिया जाए. देश-प्रदेश में जहां लगातार ऑनलाइन खरीदारी का ट्रेंड बढ़ रहा है, वहीं इस बीच साइबर ठगों ने भी अपने दायरे को बढ़ा लिया है.

ये भी पढ़ें: बिटकॉइन के नाम पर 45 लाख की ठगी, मामला दर्ज

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों के बीच साइबर क्राइम के मामले भी बढ़े हैं. शातिर कोरोना मरीजों से लेकर कोरोना से अपनों को बचाने की जद्दोजहद में लगे लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने में लगे हैं.

अमूमन हम ऑनलाइन शॉपिंग या फिर ऑनलाइन लॉटरी के जरिए ठगी की वारदातें सुनते रहते हैं, लेकिन कुछ शातिर ऐसे भी हैं जो संकट के इस दौर में परेशानियों से जूझ रहे लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. शातिर आपदा में अवसर तलाश कर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. दूसरी लहर में साइबर ठगों ने लोगों की मजबूरी को अपना हथियार बना लिया है. साइबर अपराधियों ने वैक्सीन लगवाने, ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक के नाम पर ठगी की है.

मंडी में ऑक्सीमीटर के नाम पर ठगा गया व्यक्ति

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के रहने वाले राकेश कुमार को ऑक्सीमीटर की जरूरत थी. राकेश ने गूगल सर्च कर ऑक्सीमीटर खरीदने की कोशिश की. गूगल पर सर्च करने के बाद राकेश ने एक लिंक पर क्लिक किया. ऑक्सीमीटर के लिए राकेश कुमार ने बिना जांच-पड़ताल ऑनलाइन ही पेमेंट कर दी. पेमेंट करने के कई दिन बाद भी उन्हें ऑक्सीमीटर नहीं मिला. बाद में पता चला कि जिस साइट से राकेश कुमार ऑक्सीमीटर मंगा रहे थे, वह साइट फर्जी थी.

आपदा में अवसर तलाश रहे ठग
आपदा में अवसर तलाश रहे ठग

सावधानी जरूरी

शिमला के डीएसपी हेड क्वार्टर कमल वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए लोगों से अपील की है कि लोग इस तरह ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बचें. उन्होंने कहा कि लोगों को जरूरत है कि संकट के इस दौर में सूझबूझ से काम लें. कुछ लोग गूगल सर्च के जरिए गलत वेबसाइट पर चल जाते हैं. सर्फिंग के दौरान गलत वेबसाइट का चयन करना उन्हें बाद में भारी पड़ जाता है और इसका फायदा उठाकर साइबर अपराधी उनसे पैसा ऐंठ लेते हैं.

वीडियो

शिमला के डीएसपी हेडक्वार्टर कमल वर्मा ने कहा कि यदि किसी के साथ इस तरह की ठगी होती है, तो वह सीधा पुलिस से संपर्क कर सकता है. नजदीकी थाने और एसपी कार्यालय स्थित साइबर क्राइम ऑफिस में इसकी शिकायत दी जा सकती है. समय-समय पर फेसबुक और विभिन्न अभियानों के जरिए लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है. इस बीच लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लोगों को मीडिया के जरिए बताया जा सकता है कि इस तरह गलत वेबसाइट पर जाकर कोई भी ऑर्डर प्लेस न करें. लोगों को जरूरत है कि सटीक जानकारी के साथ सही वेबसाइट पर जाकर ही आर्डर करें, ताकि वह ठगी का शिकार होने से बच सकें.

सावधानी ही बचाव
सावधानी ही बचाव

संकट के इस दौर में जहां लोग परेशान हैं. आम लोग अपनों को बचाने की जद्दोजहद में जल्दबाजी में गलत फैसला ले लेते हैं और बाद में ठगी का शिकार हो जाते हैं. संकट के इस दौर में भी जरूरत है कि सूझबूझ के साथ काम लिया जाए. देश-प्रदेश में जहां लगातार ऑनलाइन खरीदारी का ट्रेंड बढ़ रहा है, वहीं इस बीच साइबर ठगों ने भी अपने दायरे को बढ़ा लिया है.

ये भी पढ़ें: बिटकॉइन के नाम पर 45 लाख की ठगी, मामला दर्ज

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