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माननीयों के यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी से गुस्साए समाजिक कार्यकर्ता, अनोखे अंदाज में जताया विरोध

विधानसभा के मानसून सत्र में माननीयों के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी की गई है. सदन के अंदर इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है. वहीं सदन के बाहर समाजिक कार्यकर्ताओं ने अनोखे तरीके से इसका विरोध किया.

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Published : Aug 31, 2019, 4:01 PM IST

Updated : Aug 31, 2019, 4:46 PM IST

शिमलाः विधानसभा के मानसून सत्र में माननीयों के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी की गई है. सदन के अंदर इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है. वहीं सदन के बाहर समाजिक कार्यकर्ताओं ने अनोखे तरीके से इसका विरोध किया.समाजिक कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के बाहर पोस्टर व कटोरे के साथ माननीयों के लिए चंदा एकत्रित करने का अभियान शुरू कर दिया. समाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे शहर भर में15 दिन तक लोगो से चंदा एकत्रित कर राज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को देंगे.

वीडियो.

समाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने कहा कि एक तरफ हिमाचल कर्जे में डूबा हुआ है और दूसरी तरफ माननीय अपने यात्रा भत्ते को बढ़ाने के लिए बिल पारित कर रहे है.


रवि कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार आम जनता की समस्य को हल नही कर रही है. कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई है और आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने की मांग को भी ठुकरा दिया गया है. प्रदेश की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित विधायकों के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी कर दी है. यदि आर्थिक तंगी है तो अपने लिए यात्रा भत्ते और वेतन कैसे बढ़ाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- अस्पताल का नाम है संजीवनी, कारनामा सुन कर ऐसे हॉस्पिटल से उठ जाएगा आपका विश्वास

शिमलाः विधानसभा के मानसून सत्र में माननीयों के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी की गई है. सदन के अंदर इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है. वहीं सदन के बाहर समाजिक कार्यकर्ताओं ने अनोखे तरीके से इसका विरोध किया.समाजिक कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के बाहर पोस्टर व कटोरे के साथ माननीयों के लिए चंदा एकत्रित करने का अभियान शुरू कर दिया. समाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे शहर भर में15 दिन तक लोगो से चंदा एकत्रित कर राज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को देंगे.

वीडियो.

समाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार ने कहा कि एक तरफ हिमाचल कर्जे में डूबा हुआ है और दूसरी तरफ माननीय अपने यात्रा भत्ते को बढ़ाने के लिए बिल पारित कर रहे है.


रवि कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार आम जनता की समस्य को हल नही कर रही है. कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई है और आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने की मांग को भी ठुकरा दिया गया है. प्रदेश की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित विधायकों के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी कर दी है. यदि आर्थिक तंगी है तो अपने लिए यात्रा भत्ते और वेतन कैसे बढ़ाया जा रहा है.

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Intro:विधानसभा के मानसून सत्र में माननीयों के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी की गई। सदन के अंदर इसके लिए बिल को सर्वसम्मति से पारित किया गया वही सदन के बाहर समजसेविको ने अनोखे तरीके से इसका विरोध किया। समाजसेवियों द्वारा विधानसभा के बाहर माननीयों के लिए चंदा एकत्रित करने का अभियान शुरू कर दिया है। शहर भर में 15 दिन तक ये लोगो से चंदा एकत्रित कर राज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को देंगे। समाजसेवी रवि कुमार दलित का कहना है कि एक तरफ प्रदेश कर्जे में डूबा है और सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल नही कर रही है और आउटसोर्स कर्मियों को नियमित न करने की बात कर रही है।


Body:प्रदेश की आर्थिक स्तिथि ठीक नही है लेकिन मुख्यमंत्री मंत्रियों विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित विधायको के यात्रा भत्तों में बढ़ोतरी कर दी है। जबकि सरकार दूसरी तरह आर्थिक तंगी का रोना रोह रही है। यदि आर्थिक तंगी है तो अपने लिए क्यो यात्रा भत्ते ओर वेतन बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का पैसा माननीय अपने ऐशो आराम में खर्च करने में लगे है। मुख्यमंत्री की तरह विधायक भी अब विदेशो की जहाजो में सैर करेगे। दलित ने कहा कि इन माननीयों को पैसे की कमी हो रही है उसके लिए ही शहर में इनके लिए चंदा एकत्रित करके राज्यपाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया जाएगा।


Conclusion:
Last Updated : Aug 31, 2019, 4:46 PM IST
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