शिमला: सिंगल यूज प्लास्टिक का दिनचर्या में उपयोग खत्म करने के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स की मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने विभिन्न विभागों और जिला उपायुक्तों को एक जुलाई, 2022 से एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर लगाए गए प्रतिबंध का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. प्रबोध सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, गुब्बारे में लगी प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, कैंडी स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पोलिस्ट्रीन (थर्माकोल), कटलरी प्लेट, कप, चाकू, ट्रे, गिलास, फोर्क, स्ट्रॉ इत्यादि एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण, यातायात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग एक जुलाई, 2022 से प्रतिबंधित है.
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शहरी विकास और ग्रामीण विकास विभाग को अपने सम्बन्धित क्षेत्रों में कूडे़-कचरे के लिए डम्पिंग साइट तथा सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने हिमकोस्ट को प्रदेश के विभिन्न जिलों में सैटेलाइट के माध्यम से डम्पिंग साइट तथा जल स्रोतों के निकट कचरे से सम्बन्धित स्थानों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट का समुचित प्रबन्धन किया जाए.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि एकल उपयोग (Single use plastic ban in Himachal) वाले प्लास्टिक उत्पादों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है. बैठक में निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीक ललित जैन, निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा, निदेशक ग्रामीण विकास ऋग्वेद ठाकुर, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग हरबंस सिंह ब्रसकोन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन, वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न जिलों के उपायुक्त वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए.
बता दें कि जो व्यक्ति एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (plastic straw ban) वाले इन उत्पादों को बेचते हुए पकड़ा गया. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जितनी अधिक प्लास्टिक की मात्रा होगी, उतना ही अधिक राशि का चालान किया जाएगा. सरकार ने 30 जून तक पुराना स्टाक खत्म करने के निर्देश दे रखे हैं.
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