शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में दुर्घटना या किसी तेजधार हथियार से कटने पर इंफेक्शन से बचने के लिए लगाया जाने वाला टिटनेस का इंजेक्शन खत्म हाे गया है. इमरजेंसी में जाे भी मरीज आ रहे हैं उन्हें इंजेक्शन के लिए मना किया जा रहा है. यहां तक कि आईजीएमसी के आसपास सिविल सप्लाई की दुकानाें पर भी टेटनस का इंजेक्शन नहीं मिल रहा है. अस्पताल में 15 दिन से इंजेक्शन नहीं है. जाे भी मरीज अब इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रह हैं, उन्हें इंजेक्शन लाने के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, पहले यह इंजेक्शन आसपास की दुकानों पर मिल जाता था. लेकिन अब वहां भी इंजेक्शन की शाॅर्टेज आ गई है, ऐसे में मरीजाें काे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बताया जा रहा है कि डाॅयरेक्टर हेल्थ सर्विसेज ने अपनी दवाओं की कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में इस इंजेक्शन काे शामिल ही नहीं किया है. ऐसे में जाे कंपनियां आईजीएमसी में सस्ती दवाएं उपलब्ध करवा रही है वह इंजेक्शन नहीं देती. कुछ समय पहले प्रशासन ने मरीजाें की परेशानी काे देखते हुए राेगी कल्याण समिति के बजट से यह इंजेक्शन मंगवाए थे, मगर अब वहां प्रशासन के हाथ भी खड़े हाे चुके हैं.
आईजीएमसी की इमरजेंसी में राेजाना 150 के करीब मरीज आते हैं. इसमें 30 से ज्यादा मरीज दुर्घटना में घायल या किसी वस्तु से कटने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं. इनके लिए इंजेक्शन लगाना जरूरी हाेता है. अगर समय पर इंजेक्शन ना लगवाया जाए ताे शरीर में इंफेक्शन फैलने का डर बना रहता है.
इस संबंध में आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि टिटनेस के इंजेक्शन अभी खत्म है. राेगी कल्याण समिति के बजट से इंजेक्शन मंगवाए जा रहे हैं. यहां पर कमी इसलिए आ रही है क्याेंकि यह विभाग की कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में नहीं है. हालांकि, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के सख्त आदेश हैं कि मरीजाें की मिलने वाली सुविधाओं में किसी तरह की कमी ना रहे.
टिटनेस होने का असली कारण है ‘क्लोसट्रिडियम टेटानी’ नामक बैक्टीरिया. यह बैक्टीरिया गंदगी और जंग लगी चीजों में पाया जाता है. जब शरीर का घाव किसी कारण से इस बैक्टीरिया के संपर्क में आता है तो यह संक्रमण कर देता है. संक्रमण के बढ़ने पर पहले जबड़े की मांसपेशियों में ऐंठन आती है. इसके बाद निगलने में कठिनाई होने लगती है और फिर यह संक्रमण पूरे शरीर की मांसपेशियों में जकड़न और ऐंठन पैदा कर देता है. इसलिए जब भी कहीं गिर जाएं, शरीर के किसी भी हिस्से में खरोंच आ जाए या कोई लोहे की जंग लगी वस्तु से चोट लग जाए या चुभ जाए तो तुरंत टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना चाहिए.