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महिलाओं व पर्यटन व्यवसायी बजट से नाखुश, कहा- नहीं दिया बजट में किसी भी वर्ग पर ध्यान - पर्यटन व्यवसायी बजट से नाखुश

हिमाचल सरकार के बजट को राजधानी शिमला का हर वर्ग मिलाजुला बता रहा है. बजट से जहां युवा वर्ग और महिलाएं निराश हैं तो वहीं कर्मचारी वर्ग को हल्की राहत मिली है. पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी भी इस बजट में निराश ही नजर आ रहा है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से महंगाई को लेकर कोई राहत नहीं दी गई है.

shimla women on budget
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Published : Mar 6, 2020, 7:49 PM IST

शिमलाः प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया है. सरकार के इस बजट को राजधानी शिमला का हर वर्ग मिलाजुला बता रहा है. बजट से जहां युवा वर्ग और महिलाएं निराश हैं तो वहीं कर्मचारी वर्ग को हल्की राहत मिली है.

पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी भी इस बजट में निराश ही नजर आ रहा है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से महंगाई को लेकर कोई राहत नहीं दी गई है. पहले जहां केंद्र की सरकार में बजट को दरकिनार किया गया. वहीं, अब प्रदेश की सरकार ने भी इसे साइडलाइन कर दिया है.

महिलाओं को महंगाई की वजह से दिक्कतें हैं, लेकिन सरकार को इसका कोई फर्क नहीं है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों का भी यही कहना है कि उनके के लिए मात्र आयुर्वेदिक दवाइयों को मुफ्त उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई है, लेकिन सरकार को यह भी ध्यान देना होगा कि यह दवाइयां अस्पतालों में उपलब्ध भी हो.

वीडियो.

आम लोगों की यह राय इस बजट को लेकर है कि सरकार ने इस बजट में जहां पेंशनरों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है वहीं, कर्मचारी वर्ग को भी मात्र 300 से 500 रुपये की राहत दे कर सरकार ने टालने का काम किया है.

ये भी पढ़ें- 2020-21 के बजट में घोषित नई योजनाएं

पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि सरकार से उम्मीद थी कि वह इस बजट में कुछ खास योजनाएं मिलेंगी, लेकिन सरकार ने मात्र नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर ही फोकस किया है. जबकि जरूरत यह है कि सरकार को जो पहले से ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन है उन ओर ध्यान दिया जाए.

सरकार की ओर से नई राहें नई मंजिलों के तहत पर्यटन स्थलों को विकसित करने का जिक्र किया है लेकिन कोई नई योजना पर्यटन को लेकर नहीं आई है जिससे कि प्रदेश में टूरिस्टों का स्टे बढ़ सके और वो ज्यादा समय के लिए यहां रूकें.

ये भी पढ़ें- पढ़ें जयराम सरकार के बजट की बड़ी बातें...

शिमलाः प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया है. सरकार के इस बजट को राजधानी शिमला का हर वर्ग मिलाजुला बता रहा है. बजट से जहां युवा वर्ग और महिलाएं निराश हैं तो वहीं कर्मचारी वर्ग को हल्की राहत मिली है.

पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी भी इस बजट में निराश ही नजर आ रहा है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से महंगाई को लेकर कोई राहत नहीं दी गई है. पहले जहां केंद्र की सरकार में बजट को दरकिनार किया गया. वहीं, अब प्रदेश की सरकार ने भी इसे साइडलाइन कर दिया है.

महिलाओं को महंगाई की वजह से दिक्कतें हैं, लेकिन सरकार को इसका कोई फर्क नहीं है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों का भी यही कहना है कि उनके के लिए मात्र आयुर्वेदिक दवाइयों को मुफ्त उपलब्ध करवाने की घोषणा की गई है, लेकिन सरकार को यह भी ध्यान देना होगा कि यह दवाइयां अस्पतालों में उपलब्ध भी हो.

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आम लोगों की यह राय इस बजट को लेकर है कि सरकार ने इस बजट में जहां पेंशनरों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है वहीं, कर्मचारी वर्ग को भी मात्र 300 से 500 रुपये की राहत दे कर सरकार ने टालने का काम किया है.

ये भी पढ़ें- 2020-21 के बजट में घोषित नई योजनाएं

पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि सरकार से उम्मीद थी कि वह इस बजट में कुछ खास योजनाएं मिलेंगी, लेकिन सरकार ने मात्र नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर ही फोकस किया है. जबकि जरूरत यह है कि सरकार को जो पहले से ही टूरिस्ट डेस्टिनेशन है उन ओर ध्यान दिया जाए.

सरकार की ओर से नई राहें नई मंजिलों के तहत पर्यटन स्थलों को विकसित करने का जिक्र किया है लेकिन कोई नई योजना पर्यटन को लेकर नहीं आई है जिससे कि प्रदेश में टूरिस्टों का स्टे बढ़ सके और वो ज्यादा समय के लिए यहां रूकें.

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