शिमलाः राजधानी शिमला में कोरोना के दौरान बन्द दुकानों से कूड़ा शुल्क और नगर निगम की दुकानों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के फैसले के खिलाफ व्यापार मंडल शिमला के पधाधिकारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. व्यापार मंडल के पदाधिकारी सोमवार को नगर निगम के महापौर कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए.
व्यापारमंडल का कहना है कि जब तक नगर निगम दुकानदारों के छह महीने के कूड़ा बिल और प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के फैसले को वापस नहीं लेती है तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी. हालांकि नगर निगम की महापौर ने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है, लेकिन व्यापार मंडल कूड़ा बिला और प्रॉपर्टी टैक्स माफी का आश्वासन लिखित में देने पर अड़ा रहा और उसके बाद ही हड़ताल खत्म करने की बात कही.
व्यापपरमण्डल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि नगर निगम के पास कूड़ा बिल माफ करने के लिए कई बार ज्ञापन दिए गए थे. निगम ने माफी का आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब दुकानदारों को बिल थमा दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले ही कोरोना के चलते कारोबार चौपट हो गया है. दूसरी ओर नगर निगम व्यापारियों को राहत देने की जगह अतिरिक्त बोझ डालने का काम कर रहा है. वहीं, नगर निगम ने अपनी दुकानों का प्रॉपर्टी टैक्स भी दुकानदारों से वसूलने का फरमान जारी किया है. उन्होंने कहा कि नगर निगम जब तक अपना फैसला वापस नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
उधर, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि कोरोनाकाल में बंद रही दुकानें से निगम 50 फीसदी ही कूड़ा शुल्क लेगा और मासिक बैठक में ही पूरा बिल माफ करने पर फैसला लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स लेने का फैसला पहले का ही है और इस पर भी विचार किया जाएगा.
बता दें कि कोरोना के चलते 4 महीने शहर की अधिकतर दुकानें बन्द रहीं है. अब नगर निगम इन दुकानों से कूड़ा शुल्क वसूल रहा है जिसका व्यापारी वर्ग विरोध कर रहे हैं और कूड़ा शुल्क के साथ प्रॉपर्टी टैक्स न लेने की मांग कर रहा है.
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