शिमला: शिमला लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व पच्छाद विधायक सुरेश कश्यप ने काफी ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है. सुरेश कश्यप ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और दो बार के सांसद और सोलन से मौजूदा विधायक कर्नल धनीराम शांडिल को शिकस्त दी है. सुरेश कश्यप को करीब 6,01,306 मिले हैं तो वहीं, धनीराम शांडिल को 2,77,647 वोट मिले है.
आपको बता दें कि 2014 में भी भाजपा ने हिमाचल की चारों सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं, 2009 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 3-1 से जीत दर्ज की थी.
जिला सिरमौर के पच्छाद आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं शिमला संसदीय क्षेत्र से भाजपा के संभावित प्रत्याशी सुरेश कश्यप का जन्म 23 मार्च 1971 को बजगा पंचायत के पतलाह गांव में हुआ. सुरेश कश्यप ने अपनी प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा गागल शिकोर स्कूल व उच्च शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराहां से की. साथ ही वे लोक प्रशासन में एमए व टूरिज्म और पीजीडीसीए में डिप्लोमा किया है.
सुरेश कश्यप 24 अप्रैल 1988 में भारतीय वायु सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हुए. 16 साल सेवाएं देने के बाद वे 2004 में एसएनसीओ के पद से रिटायर्ड हुए. इसके बाद उन्होंने लोक प्रशासन में एमफिल किया.
साल 2005 में पच्छाद बीडीसी के बजगा वार्ड के सदस्य बने. इसके बाद 2006 में भाजपा एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने. इस पद पर 2009 तक रहे. इसी साल वे बीजेपी एससी मोर्च का प्रदेश महासचिव बने और 2012 तक इस पद पर कार्य करते रहे.
सुरेश कश्यप ने पहली बार साल 2007 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्हें शिकस्त हासिल हुई. साल 2012 में पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें विधानसभा का टिकट दिया और वे कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगू राम मुसाफिर को हराकर विधानसभा पहुंचे.
साल 2017 में उन्होंने तीसरी बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के सुरेश कश्यप ने कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे व 7 बार के विधायक जीआर मुसाफिर को हराकर वर्षों के बाद इस सीट पर भाजपा को विजय दिलाई थी.