शिमला: एसएफआई कोटशेरा इकाई ने शुक्रवार को अपनी मांगो को लेकर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य का घेराव किया. एसएफआई ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एबीवीपी का खुलेआम समर्थन करते हैं. एसएफआई का कहना है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा बीना अनुमति लिए कैंपस के अंदर घुसना और उसके (SFI Kotshera College Protest against principal) बाद कॉलेज में एसएफआई के कार्यकर्ताओं से लड़ाई करके कैंपस के अंदर का शैक्षणिक माहौल खराब करना आम बात हो चुकी है.
इसके साथ ही एसएफआई ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा कॉलेज प्रशासन के साथ धक्का-मुक्की करने, गाली गलौज करने और धमकी देने के बावजूद भी कॉलेज प्रधानाचार्य इस तरह की हरकतों पर कोई कार्रवाई नहीं करता है. एसएफआई ने कहा कि 5 से 6 बार ज्ञापन सौंपने के बाद भी एबीवीपी के बाहरी कार्यकर्ताओं पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
उन्होंने कहा कि एबीवीपी कैंपस के अंदर 3 दिन तक अपना कार्यक्रम आयोजित कर रही है, लेकिन जिस तरह से एबीवीपी के 25 बाहरी कार्यकर्ताओं को कैंपस के अंदर आने की अनुमति कॉलेज प्रधानाचार्य द्वारा दी गई है, वह गलत है. उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान में ज्यादा से ज्यादा पांच से छह बाहरी लोगों को ही अंदर आने की अनुमति दी जाती है, लेकिन यहां पर इसका उल्टा हो रहा है.
कैंपस सचिव योगेश ने बताया कि जब एसएफआई कैंपस में किसी भी सम्मेलन के लिए एसएफआई के बाहरी साथियों के लिए कॉलेज प्रधानाचार्य से अनुमति लेता है, तब एसएफआई को ज्यादा से ज्यादा चार से पांच लोगों को कैंपस के अंदर आने की अनुमति दी जाती है, लेकिन दूसरी ओर एबीवीपी के 25 बाहरी कार्यकर्ताओं को (ABVP kotshera college) कैंपस के अंदर आने की अनुमति दी जा रही है, जो सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि एसएफआई इसका कड़ा विरोध करती है. उन्होंने कॉलेज प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कॉलेज प्रशासन और कॉलेज प्रधानाचार्य का एसएफआई के प्रति इसी (Fight in kotshera college) तरह का रवैया रहा, तो एसएफआई आने वाले समय में सभी छात्रों को लामबंद करते हुए एक उग्र आंदोलन करेगी. जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.
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