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नर्सिंग छात्राओं को प्रमोट करने की मांग, SFI ने सरकार को दिया 15 नवम्बर तक का अल्टीमेटम - himachal today news

एसएफआई राज्य कमेटी ने प्रदेश में नर्सिंग छात्राओं के साथ मिलकर सोमवार को सचिवालय के बाहर नर्सिंग, जीएनएम और पोस्ट बेसिक नर्सिंग के छात्रों को प्रमोट करने के लिए प्रदर्शन किया. एसएफआई राज्य कमेटी का कहना है कि उनकी मांगें पूरी न हुई तो 20 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी.

SFI protest in Shimla
एसएफआई धरना प्रदर्शन
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Published : Nov 10, 2020, 8:15 AM IST

शिमला: एसएफआई राज्य कमेटी ने प्रदेश में नर्सिंग छात्राओं के साथ मिलकर सोमवार को सचिवालय के बाहर नर्सिंग, जीएनएम और पोस्ट बेसिक नर्सिंग के छात्रों को प्रमोट करने के लिए प्रदर्शन किया. एसएफआई ने चेतावनी दी है कि सरकार अगर 15 नवंबर तक इन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाती है तो एसएफआई पूरे प्रदेश से नर्सिंग छात्राओं को एकजुट करते हुए हर एक विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा सदस्य का घेराव करेगी.

वहीं, एसएफआई राज्य कमेटी का कहना है कि उनकी मांगें पूरी न हुई तो 20 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी. इसी के साथ उन्होंने कोरोना काल में छात्रों से अतिरिक्त फीस वसूलने के खिलाफ भी आपत्ति जताई है.

इस दौरान एसएफआई का प्रतिनिधिमंडल राज्य अध्यक्ष रमन थारटा के नेतृत्व में नर्सिंग छात्राओं के साथ प्रदेश स्वास्थ्य शिक्षा सचिव से भी मिला. प्रतिनिधिमंडल ने उनके सामने मांग रखी कि मार्च 2020 से हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण सभी शिक्षण संस्थान बंद है जिसके बाद छात्रों के हॉस्टल बंद रहे और छात्रों ने घर में रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई की है.

इस दौरान छात्राओं ने न ही होस्टल मेस का इस्तेमाल किया, न ही कॉलेज की परिवहन सुविधा का इस्तेमाल किया लेकिन उसके बावजूद भी सभी नर्सिग कॉलेजों में छात्राओं से 70 हजार के करीब हॉस्टल, मेस और परिवहन के नाम पर फीस ली जा रही है.

एसएफआई का कहना है कि हम कोरोना काल मे आर्थिक संकट गहराया है जिससे प्रदेश में भी आमदनी के साधन लगभग समाप्त होते जा रहे है लेकिन निजी शिक्षण संस्थानो फीस बढ़ोतरी कर छात्रों और अभिभावकों को प्रताड़ित करने में लगा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय मे हिमाचल प्रदेश में 32 के करीब निजी और सरकारी नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं जिसमें 6500 के करीब छात्राएं अध्ययनरत हैं.

रमन थारटा ने कहा कि मार्च में शैक्षिणक संस्थान बंद होने के बाद अभी तक छात्र न तो क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए अस्पताल जा पाए है और न ही छात्राओं के प्रैक्टिकल्स लिए गए है. ऐसे में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉउन्सिल ने भी छात्राओं को प्रमोट करने के लिए राज्यों को निर्देश दिए गए लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन ने नर्सिंग छात्रों को अभी तक न तो प्रमोट किया गया है न ही उनकी परीक्षाओं को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी किए गए है.

इस दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सचिव ने छात्रों से बातचीत करते हुए कहा है कि अभी किसी भी प्रकार के प्रैक्टिकल्स और परीक्षाएं नहीं ली जाएगी. इससे संबंधित सरकारी आदेश आज ही सभी नर्सिंग कॉलेजों को जारी किए जाएंगे और प्रमोशन को लेकर अगले 1 सप्ताह के अंदर चिकित्सक शिक्षा विभाग फैसला लेगा.

ये भी पढ़ें: 24 ग्राम चिट्टा खरीदने का मामला, कुल्लू पुलिस ने भुंतर के एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार

शिमला: एसएफआई राज्य कमेटी ने प्रदेश में नर्सिंग छात्राओं के साथ मिलकर सोमवार को सचिवालय के बाहर नर्सिंग, जीएनएम और पोस्ट बेसिक नर्सिंग के छात्रों को प्रमोट करने के लिए प्रदर्शन किया. एसएफआई ने चेतावनी दी है कि सरकार अगर 15 नवंबर तक इन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाती है तो एसएफआई पूरे प्रदेश से नर्सिंग छात्राओं को एकजुट करते हुए हर एक विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा सदस्य का घेराव करेगी.

वहीं, एसएफआई राज्य कमेटी का कहना है कि उनकी मांगें पूरी न हुई तो 20 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन करेगी. इसी के साथ उन्होंने कोरोना काल में छात्रों से अतिरिक्त फीस वसूलने के खिलाफ भी आपत्ति जताई है.

इस दौरान एसएफआई का प्रतिनिधिमंडल राज्य अध्यक्ष रमन थारटा के नेतृत्व में नर्सिंग छात्राओं के साथ प्रदेश स्वास्थ्य शिक्षा सचिव से भी मिला. प्रतिनिधिमंडल ने उनके सामने मांग रखी कि मार्च 2020 से हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण सभी शिक्षण संस्थान बंद है जिसके बाद छात्रों के हॉस्टल बंद रहे और छात्रों ने घर में रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई की है.

इस दौरान छात्राओं ने न ही होस्टल मेस का इस्तेमाल किया, न ही कॉलेज की परिवहन सुविधा का इस्तेमाल किया लेकिन उसके बावजूद भी सभी नर्सिग कॉलेजों में छात्राओं से 70 हजार के करीब हॉस्टल, मेस और परिवहन के नाम पर फीस ली जा रही है.

एसएफआई का कहना है कि हम कोरोना काल मे आर्थिक संकट गहराया है जिससे प्रदेश में भी आमदनी के साधन लगभग समाप्त होते जा रहे है लेकिन निजी शिक्षण संस्थानो फीस बढ़ोतरी कर छात्रों और अभिभावकों को प्रताड़ित करने में लगा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय मे हिमाचल प्रदेश में 32 के करीब निजी और सरकारी नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं जिसमें 6500 के करीब छात्राएं अध्ययनरत हैं.

रमन थारटा ने कहा कि मार्च में शैक्षिणक संस्थान बंद होने के बाद अभी तक छात्र न तो क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए अस्पताल जा पाए है और न ही छात्राओं के प्रैक्टिकल्स लिए गए है. ऐसे में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉउन्सिल ने भी छात्राओं को प्रमोट करने के लिए राज्यों को निर्देश दिए गए लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन ने नर्सिंग छात्रों को अभी तक न तो प्रमोट किया गया है न ही उनकी परीक्षाओं को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी किए गए है.

इस दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सचिव ने छात्रों से बातचीत करते हुए कहा है कि अभी किसी भी प्रकार के प्रैक्टिकल्स और परीक्षाएं नहीं ली जाएगी. इससे संबंधित सरकारी आदेश आज ही सभी नर्सिंग कॉलेजों को जारी किए जाएंगे और प्रमोशन को लेकर अगले 1 सप्ताह के अंदर चिकित्सक शिक्षा विभाग फैसला लेगा.

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