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राज्यपाल से मिला SFI का प्रतिनिधिमंडल, प्रोफेसर भर्ती में रोस्टर को सही ढंग से लागू करने की मांग

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने व रोस्टर को नियमानुसार लागू कराने के लिए मंगलवार को राज्यपाल से मिला.

SFI delegation meet Governor Bandaru Dattatreya in shimla
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Published : Sep 8, 2020, 7:09 PM IST

शिमलाः एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य सचिव अमित ठाकुर व विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रविन्द्र चंदेल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने व रोस्टर को नियमानुसार लागू कराने के लिए मंगलवार को राज्यपाल से मिला.

इस दौरान एसएफआई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में हो रही प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर की भर्तियों में रोस्टर सिस्टम को पूरी तरह से नजर अंदाज किया जा रहा है.

जोकि 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम इस बार लागू किया जा रहा. उसमें पूरी तरह से कई विभागों में सारी सीट आरक्षित रखी गयी हैं और कई विभागों में एक भी सीट आरक्षित नही रखी गयी है.

फॉर्म के छंटनी के लिये भी कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया है, बल्कि वहां सीधे तौर पर नियमों की अवहेलना की जा रही है. एसएफआई ने मांग की है कि फॉर्म की छंटनी सेवानिवृत्त प्रोफेसरों के बजाय विभागों के प्रोफेसर को शामिल करते हुए की जाए.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए कई विभागों में विभागाध्यक्ष भी किसी दूसरे महाविद्यालय से बुलाकर बनाए गये हैं, जबकि वहां पर सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था.
ये भी पढ़ेंः नेता प्रतिपक्ष का आरोप, कहा- कोरोना की आड़ में विधानसभा बंद करवाना चाहती है सरकार

शिमलाः एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य सचिव अमित ठाकुर व विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रविन्द्र चंदेल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने व रोस्टर को नियमानुसार लागू कराने के लिए मंगलवार को राज्यपाल से मिला.

इस दौरान एसएफआई ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में हो रही प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर की भर्तियों में रोस्टर सिस्टम को पूरी तरह से नजर अंदाज किया जा रहा है.

जोकि 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम इस बार लागू किया जा रहा. उसमें पूरी तरह से कई विभागों में सारी सीट आरक्षित रखी गयी हैं और कई विभागों में एक भी सीट आरक्षित नही रखी गयी है.

फॉर्म के छंटनी के लिये भी कोई कमेटी का गठन नहीं किया गया है, बल्कि वहां सीधे तौर पर नियमों की अवहेलना की जा रही है. एसएफआई ने मांग की है कि फॉर्म की छंटनी सेवानिवृत्त प्रोफेसरों के बजाय विभागों के प्रोफेसर को शामिल करते हुए की जाए.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए कई विभागों में विभागाध्यक्ष भी किसी दूसरे महाविद्यालय से बुलाकर बनाए गये हैं, जबकि वहां पर सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर को विभागाध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था.
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