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रिपन अस्पताल में 10 सितंबर को लगेगा दूसरा ऑक्सीजन प्लांट, अब मरीजों को नहीं होगी परेशानी

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Published : Sep 7, 2021, 7:26 PM IST

रिपन अस्पताल शिमला (Ripon Hospital Shimla) में 10 सितंबर से दूसरा ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा. इस संबंध में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (senior medical officer) डाॅ. रविंद्र माेक्टा ने बताया कि 10 सितंबर से रिपन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हाेने के बाद बाद मरीजाें काे ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी.

Second oxygen plant to be set up in Ripon Hospital
रिपन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट

शिमला: रिपन अस्पताल में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी. यहां दूसरा ऑक्सीजन प्लांट 10 सितंबर तक शुरू हो जाएगा. इसके लिए प्लांट फिट करने वाली टीम काम पूरा करने में जुट गई है. इससे अस्पताल के सभी वार्डों में पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी. अस्पताल परिसर में पहले से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के साथ नए प्लांट को भी जोड़ा जा रहा है. फिटिंग पूरी होने के बाद दोनों प्लांट से एक साथ ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा.

जानकारी के अनुसार दोनों प्लांट स्थापित होने के बाद अब एक मिनट के भीतर 1100 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा. इससे मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है. पहले स्थापित किए गए प्लांट से रोजाना 300 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होता है.

बता दें कि काेराेना की दूसरी लहर (second wave of kareena) के दाैरान यहां पर आईसीयू तक नहीं चल पाए और ऑक्सीजन की भी किल्लत आई. जिस कारण मरीजाें काे यहां से आईजीएमसी रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब यहां पर एक और ऑक्सीजन प्लांट लगने से यह परेशानी खत्म हाे जाएगी. इसके साथ ही अब यहां पर मरीजाें काे ऑक्सीजन की कमी से रेफर करने की जरूरत नहीं रहेगी. इसके साथ-साथ राेहड़ू में भी एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. प्लांट स्थापित करने के लिए पार्किंग की जगह खाली करने के बाद स्थान उपलब्ध करवाया गया है.

रिपन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant at Ripon Hospital) स्थापित न होने तक ऑक्सीजन की आपूर्ति आईजीएमसी या नेरचौक मेडिकल कॉलेज (Nerchowk Medical College) से मंगवानी होती थी. ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होने के कारण सिलेंडर के ऑर्डर देरी से पहुंचते थे. ऐसे में मरीजों को आईजीएमसी रेफर करने की नौबत पड़ जाती है.

इस बारे में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (senior medical officer) डाॅ. रविंद्र माेक्टा ने बताया कि 10 सितंबर से रिपन में नया ऑक्सीजन प्लांट शुरू हाे जाएगा. उसके बाद मरीजाें काे ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी. काेराेना की तीसरी लहर में इससे काफी राहत मिलेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल पथ परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच की दो टूक, मांगें पूरी नहीं हुई तो करेंगे घेराव

ये भी पढ़ें: शिमला में धोखाधड़ी! पैकेज देने के नाम पर पर्यटक से 1 लाख 40 हजार रुपए की ठगी

शिमला: रिपन अस्पताल में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी. यहां दूसरा ऑक्सीजन प्लांट 10 सितंबर तक शुरू हो जाएगा. इसके लिए प्लांट फिट करने वाली टीम काम पूरा करने में जुट गई है. इससे अस्पताल के सभी वार्डों में पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी. अस्पताल परिसर में पहले से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के साथ नए प्लांट को भी जोड़ा जा रहा है. फिटिंग पूरी होने के बाद दोनों प्लांट से एक साथ ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा.

जानकारी के अनुसार दोनों प्लांट स्थापित होने के बाद अब एक मिनट के भीतर 1100 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा. इससे मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है. पहले स्थापित किए गए प्लांट से रोजाना 300 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होता है.

बता दें कि काेराेना की दूसरी लहर (second wave of kareena) के दाैरान यहां पर आईसीयू तक नहीं चल पाए और ऑक्सीजन की भी किल्लत आई. जिस कारण मरीजाें काे यहां से आईजीएमसी रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब यहां पर एक और ऑक्सीजन प्लांट लगने से यह परेशानी खत्म हाे जाएगी. इसके साथ ही अब यहां पर मरीजाें काे ऑक्सीजन की कमी से रेफर करने की जरूरत नहीं रहेगी. इसके साथ-साथ राेहड़ू में भी एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. प्लांट स्थापित करने के लिए पार्किंग की जगह खाली करने के बाद स्थान उपलब्ध करवाया गया है.

रिपन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant at Ripon Hospital) स्थापित न होने तक ऑक्सीजन की आपूर्ति आईजीएमसी या नेरचौक मेडिकल कॉलेज (Nerchowk Medical College) से मंगवानी होती थी. ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होने के कारण सिलेंडर के ऑर्डर देरी से पहुंचते थे. ऐसे में मरीजों को आईजीएमसी रेफर करने की नौबत पड़ जाती है.

इस बारे में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (senior medical officer) डाॅ. रविंद्र माेक्टा ने बताया कि 10 सितंबर से रिपन में नया ऑक्सीजन प्लांट शुरू हाे जाएगा. उसके बाद मरीजाें काे ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी. काेराेना की तीसरी लहर में इससे काफी राहत मिलेगी.

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