शिमला : बागवानों को मंडियों में सेब के सही दाम न मिलने और संकट के समय में सरकार के अपमानजनक रवैये के खिलाफ संयुक्त किसान मंच ने बागवानों व किसानों के समर्थन में केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और शिमला के शेर-ए-पंजाब से लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय तक विरोध स्वरूप रैली निकाली.
किसान सभा के अध्यक्ष व मंच के सदस्य कुलदीप सिंह ने कहा कि, बीते 30 अगस्त को शिमला के कालीबाड़ी हाल में मंच ने सरकार से मांग की थी की सेब सीजन के दौरान पेश आ रही समस्याओं को लेकर बागवानों के साथ 10 दिन के भीतर बैठक बुलाई जाए. वहीं, सरकार को चेतावनी भी दी गयी थी कि समस्याएं हल न होने की स्थिति में उपमंडल स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा. लेकिन, सरकार ने समस्याओं का हल तो दूर वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया. ऐसे में विभिन्न जिलों के उपमंडलों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बागवान सेब के धड़ल्ले से गिर रहे दाम को लेकर बेहद परेशान है. किसानों को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में बागवान लगातार मांग कर रहे हैं कि, कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना के तहत ए, बी, सी ग्रेड का सेब 60, 44 और 24 रुपये प्रति किलो खरीदा जाए और केरल की तर्ज पर विभिन्न फलों और फसलों पर किसानों और बागवानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित किया जाए.
कुलदीप सिंह ने सरकार को चेताया कि अगर आगामी 15 दिनों के भीतर सरकार ने बागवानों और किसानों की समस्याओं को एकमंच पर बुलाकर उनकी समस्याएं नहीं सुनी और मांगें नहीं मानी तो संयुक्त किसान मंच के बैनर तले 22 से अधिक किसान संगठन 27 सितम्बर को किसानों के भारत बंद का समर्थन कर हिमाचल बंद करेंगे.
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