शिमला: आईजीएमसी के आपातकालीन वार्ड में रात के समय हो रही मरीजों को समस्या का सामाधान करने के लिए प्रशासन अब हरकत में आ गया है. अब मरीजों का आपातकालीन वार्ड में इलाज न करने को लेकर प्रशासन ने अब निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी मरीज को आपातकालीन वार्ड में उपचार (treatment in the emergency ward) नहीं मिलता है और डॉक्टर ठीक से व्यवहार नहीं करते है तो वे आपातकालीन वार्ड के बाहर सुरक्षा गार्ड के पास रजिस्टर में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.
मरीज को यह ध्यान रखना होगा की जब रजिस्टर में शिकायत दर्ज करवा रहे है तो वे अपना मोबाइल नबंर लिखना ना भूले, ताकि शिकायत का सामाधान करने के लिए प्रशासनिक अधिकारी मरीजों से संपर्क कर सके. प्रशसनिक अधिकारियों का कहना है कि मरीजों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. डॉक्टर के साथ भी मरीज का ठीक से तालमेल होना चाहिए, ताकि वे भी ठीक से उपचार कर सकें, लेकिन यहां पर जो सवाल उठाए गए थे. मरीजों को रात के समय आपातकालीन वार्ड में उपचार मिलने में परेशानी हो रही है.
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आरोप है कि आपातकालीन वार्ड में जो भी मरीज आता है उन्हें डॉक्टर ठीक से नहीं देखते हैं. डॉक्टरों के अपने तर्क होते हैं कि उनके पास गंभीर मरीज होते हैं और बाकी मरीजों को समय से दवाइयां तक देते हैं. आधे मरीजों को रात के बदले सुबह के समय के ही देखते हैं, तब तक मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है.
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ राहुल गुप्ता (IGMC Administrative Officer Dr. Rahul Gupta) ने बताया कि अब ऐसा नहीं होगा. मरीजों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. मरीजों को आईजीएमसी में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें नहीं आने दी जाएगी. शिकायत करने के लिए अब अलग से सुरक्षा गार्ड के पास रजिस्टर है, जिसमें शिकायत कर सकते हैं.
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