शिमलाः फॉरेस्ट कवर एरिया बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को दी जाने वाली आर्थिक मदद में एक फीसदी की बढ़ोतरी करेगी. जिससे राज्य सरकारें अपने प्रदेश में फॉरेस्ट कवर एरिया को बढ़ाने पर खर्च कर सकेंगी. ये बात शिमला में जलवायु परिवर्तन कार्यशाला में पहुंचे. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव रवि एस प्रसाद ने कही.
उन्होंने कहा कि राज्यों को फॉरेस्ट कवर के तहत भी केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त सहयता दी जा रही है. फारेस्ट कवर एरिया बढ़ाने के लिए अलग-अलग योजनाएं भी शुरू की गई हैं. उन्होंने कहा की अन्य देशों में जहां फारेस्ट कवर एरिया कम हो रहा है. वहीं, भारत में फॉरेस्ट कवर एरिया एक फीसदी बढ़ा है.
पिछली बार जहां फारेस्ट कवर्ड एरिया 23 फीसदी था. वहीं, 24.86 फीसदी हो गया है और सरकार का लक्ष्य देश में 33 फीसदी फॉरेस्ट एरिया कवर करने का कहा है और इसके लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं. रवि एस प्रसाद ने कहा कि भारत तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षेत्र में हो रहे बदलाव को लेकर संवेदनशील है और योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कर रहा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे राज्यों को जो पर्यावरण क्षेत्र में वनों के संरक्षण में बेहतरीन काम कर रहा है. उनके लिए भारत सरकार से दी जाने वाली वित्तीय मदद में भी करीब एक फीसदी तक की बढ़ोतरी की जाएगी.
2030 तक 33 प्रतिशत तक वन क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य
बता दें पर्यावरण संरक्षण के लिए पहाड़ी राज्य हिमाचल एहम भूमिका निभा रहा है. 2017 में पहले हिमाचल में फॉरेस्ट एरिया जहां 15,100 वर्ग किमी था. वहीं, यह 2019 में बढ़ कर 15,433 वर्ग किमी हो गया है. पौधारोपण और उनके सर्वाइवल रेट को इसका बढ़ा कारण माना जा रहा है.
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रदेश में 2030 तक 33 प्रतिशत तक वन क्षेत्र को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया है. विभाग अभी तक 27 प्रतिशत क्षेत्र को कवर कर चुका है. विभाग के पास अब छह प्रतिशत क्षेत्र ही वन क्षेत्र के अधिन लाने को रह गया है. इस काम के लिए विभाग के पास अभी दस साल का समय शेष रह गया है. फॉरेस्ट कवर एरिया बढ़ने को 15वें वित्त आयोग ने 111 करोड़ का बजट मंजूर किया है.
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