शिमला: हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के (Kaushal vikas nigam Himachal meeting) माध्यम से प्रदेश में चल रहे स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. यह बात तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा ने शुक्रवार को एडीबी के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कही. उन्होंने कहा कि निगम के तहत अब तक किए कार्यों से एडीबी के अधिकारी पूरी तरह संतुष्ट रहे.
रामलाल मारकंडा ने कहा कि निगम ने कौशल विकास के तहत ट्रेनिंग का 91 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है. केवल कंस्ट्रक्शन वर्क में कुछ देरी हो रही इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के साथ जल्द ही बैठक की जाएगी और तय समय में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा. तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज की बैठक पूरी (Ramlal Markanda meeting with ADB officials) तरह से सफल रही.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद कौशल विकास निगम के तय लक्ष्य को (skill development project in Himachal) समय से पहले ही लगभग हासिल कर लिया है. ट्रेनिंग का 91 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के माध्यम से प्रदेश में अब तक 18,409 उम्मीदवारों ने अल्पावधि प्रशिक्षण (skill development training Himachal) में दाखिला लिया है, जिनमें से 8010 उम्मीदवारों को प्रमाणित किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा (vocational or skill based course) उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से तीन साल का बैचलर ऑफ वोकेशन स्नातक कार्यक्रम भी आरम्भ किया गया है, जिसके तहत खुदरा तथा पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. इस पाठ्यक्रम में अब तक 2755 अभ्यर्थियों को नामांकित किया गया तथा 576 अभ्यर्थियों को प्रमाणित भी किया जा चुका है.
रामलाल मारकंडा ने कहा कि के 25 सरकारी महाविद्यालयों में स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रेजुएट एड ऑन प्रोग्राम के माध्यम से डोमेन और रोजगार कौशल प्राप्त (Graduate Add on Program Himachal) करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है. इसके तहत सभी सफल उम्मीदवारों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एनएसक्यूएफ (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क) प्रमाणपत्र प्रदान किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत अब तक 2216 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कराया है और 1851 उम्मीदवारों को इस पाठयक्रम में प्रमाणित किया गया है.
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उन्होंने कहा कि जो युवा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में नामांकित नहीं हैं, वह भी आईटीआई में एचपीकेवीएन प्रायोजित अल्पावधि प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं. इसके तहत प्रदेश के 38 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एनएसक्यूएफ संरेखित 3 से 6 महीने का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. इस कार्यक्रम के तहत अब तक 5876 छात्रों ने अपना नामांकन करवाया है और 2117 छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं.
रामलाल मारकंडा ने कहा कि निगम का मुख्य उद्देश्य तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण, गुणवत्ता कौशल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे का विकास, युवाओं के लिए मांग संचालित कौशल प्रशिक्षण और हिमाचली युवाओं को 100 प्रतिशत लागत मुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के रोजगारोन्मुखी प्रयास प्रदेश के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि एचपीकेवीएन द्वारा युवाओं को राज्य में विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से लघु, मध्यम और दीर्घकालिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. निगम बेहतर जाॅब प्लेसमेंट के लिए इंडस्ट्री लिंकेज (Skill development registration in Himachal) की सुविधा तथा प्रशिक्षण परिणामों की निगरानी एवं मूल्यांकन भी सुनिश्चित कर रहा है.
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