शिमला: मानसून सीजन में इस बार भी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं. इस सीजन में 29 जून से अब तक अलग-अलग हादसों में 254 अनमोल जीवन काल का ग्रास बन (Rain damage in Himachal Pradesh) चुके हैं. दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों की संख्या 450 है. प्रदेश में सड़कों व पेयजल योजनाओं सहित सिंचाई योजनाओं को 1340 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है. बरसात में सड़कों की खराब दशा के कारण वाहन हादसों में 121 लोगों की जान गई है.
हाल ही में मंडी की काशन पंचायत में भूस्खलन के कारण ध्वस्त हुए मकान में एक ही परिवार के आठ सदस्य मौत की नींद सो गए. चंबा में कार दुर्घटना में एक ही परिवार के चार सदस्य (Death due to rain in Himachal) मौत के मुंह में चले गए. हादसों ने अनेक परिवारों को कभी न भरने वाले जख्म दिए हैं. जिला मंडी, शिमला व चंबा को सबसे अधिक जानी नुकसान झेलना पड़ा है. मंडी जिले में 43, शिमला जिले में 40 व चंबा में 33 लोग मौत का शिकार हुए हैं. जिला कांगड़ा में 22 लोग मारे गए हैं.
इसी तरह (Damage due to rain in Himachal Pradesh) जिला सिरमौर व जिला ऊना में 20-20 लोग काल का ग्रास बन चुके हैं. जिला शिमला में 110 व जिला मंडी में 66 लोग विभिन्न आपदाओं में घायल हुए हैं. दुखद ये है कि डूबने से 27 लोग जान गवां बैठे. पेड़ों के अलावा ऊंचाई वाले स्थान से गिर कर 34 लोग जान से हाथ धो बैठे हैं. सर्पदंश से मरने वालों की संख्या 19 है. भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो रहे हैं, वाहनों पर चट्टानें गिरने से लोगों की जान जा रही है. वहीं, सड़कों व पुलों सहित पेयजल और सिंचाई योजनाओं को 1340 करोड़ से अधिक नुकसान हो चुका है.
अकेले लोक निर्माण विभाग को 700 करोड़ रुपए से (Rain damage in Himachal Pradesh) अधिक और जलशक्ति विभाग को 602 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है. इसी तरह बिजली बोर्ड को ढाई करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. पशुपालकों को भी बड़ा नुकसान हुआ है. अब तक 225 पशु मारे गए हैं. कुल 621 गोशालाएं ध्वस्त हो गई हैं. बरसात में हर साल हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान होता है और सैकड़ों लोग अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं.
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