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अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने की बजट की सराहना, इस फैसले को लेकर सरकार का जताया आभार

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Published : Mar 6, 2022, 5:15 PM IST

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (All India National Educational Association press conference) ने रविवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बजट की सराहना की है. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा ने आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार से बैठकों के बाद संघ ने जो भी अपनी मांगें रखी थी, उनमें से अधिकतर मांगें मान ली गई हैं.

All India National Educational Association press conference
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस

शिमला: अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (All India National Educational Association press conference) ने जयराम सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि महासंघ ने जो अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखी थी, उनमें से 12 मांगें मान ली गई है. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा ने रविवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार से बैठकों के बाद संघ ने जो भी अपनी मांगें रखी थी, उनमें से अधिकतर मांगें मान ली गई हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया है.

पवन मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से चल रही मांगों को मान लिया गया है. पवन मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों के राइडर्स की मांगें ओपीएस की मांग को लेकर सरकार से चर्चा लगातार की जा रही है और उनका मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार यह दोनों मांगें मान लेगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन आखिरी हथियार है, लेकिन उससे पहले यदि चर्चा की जाए तो समाधान जरूर निकलता है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर प्रदेश में भी सरकार ने सबसे पहले प्राथमिक शिक्षा की नींव को सुदृढ़ करने के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों में भी शुरू करने का निर्णय लिया, सरकारी विद्यालयों को प्रभावी शिक्षा मंदिर बनाने के लिए अटल आदर्श विद्यालय योजना, उत्कृष्ट विद्यालय योजना एवं शिक्षा के क्षेत्र में समाज के सहयोग के लिए अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती, विद्यांजलि जैसी उत्कृष्ट योजनाओं को प्रारंभ किया. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर ही सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए निशुल्क वर्दी व पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई.

विद्यालयों में मल्टी टास्क वर्कर के पद सृजित करना, टेट की शर्त आजीवन करना, ए सी आर को ऑनलाइन करना, जेबीटी और सी एंड वी की दूसरे जिलों में नियुक्ति की स्थिति में अपने गृह जिला में स्थानांतरण हेतु सेवा अवधि शर्त 13 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष करना जिसमें अनुबंध काल भी शामिल है. सभी कर्मचारियों के लिए अनुबंध की सेवा शर्त पहले 5 वर्ष से 3 वर्ष और फिर 3 वर्ष से 2 वर्ष की गई। तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग को 2016 से 2021 तक लंबित रखा गया जबकि हिमाचल सरकार द्वारा पंजाब सरकार की अधिसूचना के साथ ही हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर तुरंत हिमाचल में लागू किया गया.

शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों (Shastri and language teacher in Himachal) को टीजीटी पदनाम दिया गया जो राष्ट्रभाषा और सभी भाषाओं की जननी देववाणी संस्कृत का सम्मान और गौरव बढ़ाता है. प्रवक्ता स्कूल न्यू का पदनाम प्रवक्ता बहाल कर दिया गया है.

2555 एसएमसी अध्यापकों के वेतन (smc teachers salary in himachal) में वृद्धि सहित उनकी सेवाओं को निरंतर रखना तथा तर्कसंगत नीति बनाना, 20 वर्षों से विद्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करना और उन्हें शिक्षा विभाग में समाहित करने का आश्वासन, 26.04.2010 से पहले नियुक्त प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षकों व प्रवक्ताओं को मुख्य अध्यापक एवं प्रधानाचार्य बनने के लिए दोनों विकल्पों को बहाल करवाना हिमाचल शिक्षक महासंघ (Himachal Teachers Association) की बड़ी उपलब्धियां हैं.

ये भी पढ़ें: Deepa Dasmunshi on Himachal tour: कांग्रेस पार्टी क्वालिटी पर विश्वास रखती है क्वांटिटी पर नहीं- दीपा दास मुंशी

शिमला: अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (All India National Educational Association press conference) ने जयराम सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि महासंघ ने जो अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखी थी, उनमें से 12 मांगें मान ली गई है. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा ने रविवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार से बैठकों के बाद संघ ने जो भी अपनी मांगें रखी थी, उनमें से अधिकतर मांगें मान ली गई हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया है.

पवन मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से चल रही मांगों को मान लिया गया है. पवन मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों के राइडर्स की मांगें ओपीएस की मांग को लेकर सरकार से चर्चा लगातार की जा रही है और उनका मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार यह दोनों मांगें मान लेगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन आखिरी हथियार है, लेकिन उससे पहले यदि चर्चा की जाए तो समाधान जरूर निकलता है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर प्रदेश में भी सरकार ने सबसे पहले प्राथमिक शिक्षा की नींव को सुदृढ़ करने के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों में भी शुरू करने का निर्णय लिया, सरकारी विद्यालयों को प्रभावी शिक्षा मंदिर बनाने के लिए अटल आदर्श विद्यालय योजना, उत्कृष्ट विद्यालय योजना एवं शिक्षा के क्षेत्र में समाज के सहयोग के लिए अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती, विद्यांजलि जैसी उत्कृष्ट योजनाओं को प्रारंभ किया. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर ही सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए निशुल्क वर्दी व पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई.

विद्यालयों में मल्टी टास्क वर्कर के पद सृजित करना, टेट की शर्त आजीवन करना, ए सी आर को ऑनलाइन करना, जेबीटी और सी एंड वी की दूसरे जिलों में नियुक्ति की स्थिति में अपने गृह जिला में स्थानांतरण हेतु सेवा अवधि शर्त 13 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष करना जिसमें अनुबंध काल भी शामिल है. सभी कर्मचारियों के लिए अनुबंध की सेवा शर्त पहले 5 वर्ष से 3 वर्ष और फिर 3 वर्ष से 2 वर्ष की गई। तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग को 2016 से 2021 तक लंबित रखा गया जबकि हिमाचल सरकार द्वारा पंजाब सरकार की अधिसूचना के साथ ही हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर तुरंत हिमाचल में लागू किया गया.

शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों (Shastri and language teacher in Himachal) को टीजीटी पदनाम दिया गया जो राष्ट्रभाषा और सभी भाषाओं की जननी देववाणी संस्कृत का सम्मान और गौरव बढ़ाता है. प्रवक्ता स्कूल न्यू का पदनाम प्रवक्ता बहाल कर दिया गया है.

2555 एसएमसी अध्यापकों के वेतन (smc teachers salary in himachal) में वृद्धि सहित उनकी सेवाओं को निरंतर रखना तथा तर्कसंगत नीति बनाना, 20 वर्षों से विद्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करना और उन्हें शिक्षा विभाग में समाहित करने का आश्वासन, 26.04.2010 से पहले नियुक्त प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षकों व प्रवक्ताओं को मुख्य अध्यापक एवं प्रधानाचार्य बनने के लिए दोनों विकल्पों को बहाल करवाना हिमाचल शिक्षक महासंघ (Himachal Teachers Association) की बड़ी उपलब्धियां हैं.

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