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Gudiya Rape and Murder Case: पांच साल से न्याय की राह तक रही गुड़िया की आत्मा, चुनावी साल में शुरू हो गई राजनीति

चुनावी साल में हिमाचल में गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले पर एक बार फिर से सियासत शुरू (Politics start over Kotkhai Gudiya rape and murder case) हो गई है. दरअसल हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की जुबान फिसली और उन्होंने गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को छोटा मामला बता दिया. इसके बाद से सूबे की सियासत गरमा गई है. भाजपा कांग्रेस को घेरने का एक भी मौका नहीं गंवाना चाहती है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दिए गए बयान पर सफाई दी है, वहीं, दूसरी ओर भाजपा के नेता प्रतिभा सिंह पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं.

Politics start over Kotkhai Gudiya rape and murder case
गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले पर राजनीति
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Published : Jul 4, 2022, 5:27 PM IST

शिमला: हिमाचल को झकझोर देने वाले गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले (Kotkhai Gudiya rape and murder case) को पांच साल हो गए हैं. जांच एजेंसी सीबीआई ने दोषी नीलू चरानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और न्यायालय ने दरिंदे को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन गुड़िया की रूह को अभी भी न्याय का इंतजार है. दुख की बात है कि चुनावी साल (Himachal Assembly Elections 2022) में इस मामले में फिर से राजनीति हो रही है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Himachal Congress President Pratibha Singh ) की जुबान फिसली और उन्होंने गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को छोटा मामला बता दिया. उसके बाद से बीजेपी ने कांग्रेस पर निरंतर हमले बोलने शुरू कर दिए. कांग्रेस की तरफ से पलटवार हो रहा है. इस सारे सियासी रण में एक सवाल फिर से गूंज रहा है कि आखिर गुड़िया को न्याय कब मिलेगा.

पांच साल पहले ऊपरी शिमला में जनमानस को झकझोर देने वाला हादसा हुआ था. दसवीं कक्षा की छात्रा की दुष्कर्म के बाद दरिंदगी से हत्या कर दी गई थी. मासूम का शव निर्वस्त्र हालत में कोटखाई के दांदी जंगल में मिला था. इस दरिंदगी के खिलाफ हिमाचल में जनता का आक्रोश उमड़ पड़ा. तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने हिमाचल पुलिस की विशेष टीम को जांच का जिम्मा दिया और जांच टीम ने मामले को सुलझाने का दावा किया और बाकायदा मीडिया को ब्रीफ भी कर दिया.

बाद में जन आक्रोश को देखते हुए जांच सीबीआई को दी गई. हिमाचल पुलिस की एसआईटी की जांच में खामियां निकली और नतीजा ये है कि आईजी रैंक का अफसर अभी भी जेल में हैं. सीबीआई ने तो जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी और अदालत ने भी दोषी को उम्रकैद की सजा सुना दी, लेकिन गुड़िया के परिजन इस सबसे संतुष्ट नहीं हैं.

यहां पांच साल में गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले की टाइमलाइन पर एक नजर डालना जरूरी है.

  • 4 जुलाई 2017- कोटखाई के हलाईला क्षेत्र से दसवीं की छात्रा गुड़िया लापता.
  • 5 जुलाई- रिश्तेदारों ने बिटिया की तलाश शुरू की.
  • 6 जुलाई- ऊपरी शिमला के जंगल में मिला शव, पुलिस ने की जांच आरंभ.
  • 7 जुलाई- पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई.
  • 10 जुलाई- जन आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने एसआइटी गठित की, आईजी जहूर जैदी को सौंपा जांच का जिम्मा.
  • 11 जुलाई- चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा.
  • 18 जुलाई- आधी रात को पुलिस हिरासत में एक कथित आरोपित की हत्या.
  • 19 जुलाई- हाईकोर्ट ने सीबीआई को दी जांच.
  • 22 जुलाई- सीबीआई ने दिल्ली में किए दो अलग-अलग मामले दर्ज.
  • 29 अगस्त- आईजी सहित आठ पुलिसकर्मी गिरफ्तार.
  • 16 नवंबर- पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.
  • 25 नवंबर- सीबीआई ने की एसआईटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.
  • 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने नीलू चरानी को गिरफ्तार किया था.
  • 25 अप्रैल 2018- सीबीआई ने कोर्ट में फाइनल स्टेट्स रिपोर्ट पेश की.
  • 5 अप्रैल 2019- आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत.
  • 18 अप्रैल 2019- पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को हाईकोर्ट से मिली जमानत.
  • नवंबर 2019 में आरोपित आईजी, एसपी.
  • मई, 2020 में डीब्ल्यूनेगी पूर्व एसपी शिमला रिटायर.
  • 28 अप्रैल 2021 को नीलू चरानी दोषी करार दिया गया.
  • 18 जून 2021 को नीलू चरानी को शिमला की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई.

2017 में दुष्कर्म की बाद हुई थी गुड़िया की हत्या: प्रतिभा सिंह का यह बयान हिमाचल के सबसे दर्दनाक और जघन्य अपराध को लेकर आया है. जिला शिमला के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को दसवीं कक्षा की छात्रा की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी. सीबीआई को इस केस को सुलझाने में पसीने छूट गए थे.

ये भी पढे़ं- प्रतिभा सिंह का बयान LIVE चला है, मीडिया को दोष देकर बच नहीं सकती सांसद: नीलम सरेक

ये भी पढे़ं- Pratibha Singh controversial statement: कोटखाई के बहुचर्चित गुड़िया कांड को हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बताया छोटी सी वारदात

शिमला: हिमाचल को झकझोर देने वाले गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले (Kotkhai Gudiya rape and murder case) को पांच साल हो गए हैं. जांच एजेंसी सीबीआई ने दोषी नीलू चरानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और न्यायालय ने दरिंदे को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन गुड़िया की रूह को अभी भी न्याय का इंतजार है. दुख की बात है कि चुनावी साल (Himachal Assembly Elections 2022) में इस मामले में फिर से राजनीति हो रही है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Himachal Congress President Pratibha Singh ) की जुबान फिसली और उन्होंने गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले को छोटा मामला बता दिया. उसके बाद से बीजेपी ने कांग्रेस पर निरंतर हमले बोलने शुरू कर दिए. कांग्रेस की तरफ से पलटवार हो रहा है. इस सारे सियासी रण में एक सवाल फिर से गूंज रहा है कि आखिर गुड़िया को न्याय कब मिलेगा.

पांच साल पहले ऊपरी शिमला में जनमानस को झकझोर देने वाला हादसा हुआ था. दसवीं कक्षा की छात्रा की दुष्कर्म के बाद दरिंदगी से हत्या कर दी गई थी. मासूम का शव निर्वस्त्र हालत में कोटखाई के दांदी जंगल में मिला था. इस दरिंदगी के खिलाफ हिमाचल में जनता का आक्रोश उमड़ पड़ा. तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने हिमाचल पुलिस की विशेष टीम को जांच का जिम्मा दिया और जांच टीम ने मामले को सुलझाने का दावा किया और बाकायदा मीडिया को ब्रीफ भी कर दिया.

बाद में जन आक्रोश को देखते हुए जांच सीबीआई को दी गई. हिमाचल पुलिस की एसआईटी की जांच में खामियां निकली और नतीजा ये है कि आईजी रैंक का अफसर अभी भी जेल में हैं. सीबीआई ने तो जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी और अदालत ने भी दोषी को उम्रकैद की सजा सुना दी, लेकिन गुड़िया के परिजन इस सबसे संतुष्ट नहीं हैं.

यहां पांच साल में गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले की टाइमलाइन पर एक नजर डालना जरूरी है.

  • 4 जुलाई 2017- कोटखाई के हलाईला क्षेत्र से दसवीं की छात्रा गुड़िया लापता.
  • 5 जुलाई- रिश्तेदारों ने बिटिया की तलाश शुरू की.
  • 6 जुलाई- ऊपरी शिमला के जंगल में मिला शव, पुलिस ने की जांच आरंभ.
  • 7 जुलाई- पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई.
  • 10 जुलाई- जन आक्रोश को देखते हुए राज्य सरकार ने एसआइटी गठित की, आईजी जहूर जैदी को सौंपा जांच का जिम्मा.
  • 11 जुलाई- चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा.
  • 18 जुलाई- आधी रात को पुलिस हिरासत में एक कथित आरोपित की हत्या.
  • 19 जुलाई- हाईकोर्ट ने सीबीआई को दी जांच.
  • 22 जुलाई- सीबीआई ने दिल्ली में किए दो अलग-अलग मामले दर्ज.
  • 29 अगस्त- आईजी सहित आठ पुलिसकर्मी गिरफ्तार.
  • 16 नवंबर- पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.
  • 25 नवंबर- सीबीआई ने की एसआईटी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.
  • 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने नीलू चरानी को गिरफ्तार किया था.
  • 25 अप्रैल 2018- सीबीआई ने कोर्ट में फाइनल स्टेट्स रिपोर्ट पेश की.
  • 5 अप्रैल 2019- आईजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत.
  • 18 अप्रैल 2019- पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को हाईकोर्ट से मिली जमानत.
  • नवंबर 2019 में आरोपित आईजी, एसपी.
  • मई, 2020 में डीब्ल्यूनेगी पूर्व एसपी शिमला रिटायर.
  • 28 अप्रैल 2021 को नीलू चरानी दोषी करार दिया गया.
  • 18 जून 2021 को नीलू चरानी को शिमला की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई.

2017 में दुष्कर्म की बाद हुई थी गुड़िया की हत्या: प्रतिभा सिंह का यह बयान हिमाचल के सबसे दर्दनाक और जघन्य अपराध को लेकर आया है. जिला शिमला के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को दसवीं कक्षा की छात्रा की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी. सीबीआई को इस केस को सुलझाने में पसीने छूट गए थे.

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