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शिक्षा के मॉडल पर 'आप' का देवभूमि को ज्ञान, जयराम सरकार ने भी पढ़ाया AAP को हिमाचल की सफलता का सबक

विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल की सियासत शिक्षा के मुद्दे को लेकर चर्चित (education system in himachal) हो रही है. एक ओर तीसरे विकल्प के तौर पर पैर जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने हिमाचल में शिक्षा को चुनावी मुद्दा बना रही है. वहीं, हिमाचल सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Himachal Education Minister Govind Singh Thakur) ने उल्टा आम आदमी पार्टी को पाठ पढ़ाया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताएं किसी से छिपी नहीं है. वैसे तो हिमाचल साक्षरता के मामले में देश के कई राज्यों से इक्कीस है, लेकिन यह भी हकीकत है कि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों के स्कूलों की दशा चिंताजनक है.

politics over education system in himachal
हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था पर राजनीति.
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Published : May 22, 2022, 6:48 PM IST

Updated : May 22, 2022, 7:46 PM IST

शिमला: चुनावी साल में (Hiamachal Assembly Elections 2022) हिमाचल की सियासत शिक्षा के मुद्दे को लेकर चर्चित (education system in himachal) हो रही है. पहाड़ी प्रदेश में तीसरे विकल्प के तौर पर पैर जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने हिमाचल सरकार को शिक्षा के दिल्ली मॉडल का ज्ञान दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने भी आम आदमी पार्टी को शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताओं का पाठ पढ़ाया है. ये तथ्य है कि हिमाचल प्रदेश साक्षरता के मामले में देश के कई राज्यों से इक्कीस है, लेकिन यह भी हकीकत है कि हिमाचल में दूरस्थ इलाकों के स्कूलों की दशा चिंताजनक है.

हिमाचल में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (Junior Office Assistant in Government Schools in Himachal) और लाइब्रेरियन के 2 हजार से ज्यादा खाली पदों के मामले में मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार हिमाचल में शिक्षा को चुनावी मुद्दा बना रही है. आम आदमी पार्टी सरकार के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिमला में संवाद कार्यक्रम में एजुकेशन के दिल्ली मॉडल को साझा किया. वहीं, हिमाचल सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Himachal Education Minister Govind Singh Thakur) ने उल्टा आम आदमी पार्टी को पाठ पढ़ाया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताएं किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में दोनों दलों के दावों और प्रति दावों की पड़ताल जरूरी है.

हिमाचल में 80 फीसदी से अधिक साक्षरता दर: सबसे पहले हिमाचल के 80 फीसदी से अधिक साक्षरता दर (Literacy Rate in Himachal) के चमकदार आंकड़ों के पीछे की धुंधली तस्वीर देखते हैं. शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 प्राइमरी स्कूल भवन ऐसे हैं, जहां दो साल अथवा इससे भी अधिक समय से एक भी छात्र न होने की वजह से उन इमारतों व कमरों का प्रयोग नहीं हो रहा है. यह खुलासा खुद हिमाचल सरकार ने विधानसभा में किया था. विगत तीन साल के अंतराल में हिमाचल में कुल 27 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां शून्य नामांकन के कारण स्कूल भवन बिना प्रयोग के सूने पड़े हुए हैं.

हिमाचल के इन स्कूलों में शून्य नामांकन: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के गृह जिला बिलासपुर के तीन प्राइमरी स्कूल वर्ष 2020 से बिना प्रयोग के हैं. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और वर्तमान में मोदी सरकार में प्रभावशाली केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के गृह जिला हमीरपुर जिले के पांच प्राइमरी स्कूल बिना प्रयोग के हैं. कारण यहां भी शून्य नामांकन है. हालात ये हैं कि हमीरपुर जिले की अंबोटा प्राथमिक पाठशाला का भवन चार साल से सूना पड़ा हुआ है.

Zero enrollment in many schools in Himachal
हिमाचल के इन स्कूलों में शून्य नामांकन.

जिला कांगड़ा के चार प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं और यहां स्कूल भवनों में ताला लटका है. इसी तरह किन्नौर के छह प्राइमरी स्कूल, लाहौल-स्पीति के सात व ऊना जिले के दो स्कूल ऐसे हैं, जहां भवन खाली पड़े हुए हैं. इस तरह सभी 27 प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन के कारण ताले में बंद (Zero enrollment in many schools in Himachal) हैं. बड़ी बात ये है कि तीन मिडल स्कूल भी इसी कैटेगरी में हैं. वहां भी कोई छात्र न होने के कारण भवन बिना प्रयोग के हैं. इनमें दो स्कूल हमीरपुर जिले के व एक स्कूल लाहौल-स्पीति जिले का है.

बिलासपुर जिले के बरठीं स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हॉस्टल के हॉल, बाथरूम, टॉयलेट्स व दो कमरों का सेट बिना प्रयोग के हैं. इसी प्रकार सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरमाणा के एक भवन के छह कमरे 15 साल से प्रयोग में नहीं हैं. कुल्लू के जगतसुख सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौ कमरों का भवन तीन साल से बिना प्रयोग के हैं. मंडी के द्रंग स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ओबीसी हॉस्टल के 24 कमरे 11 साल से बंद हैं और उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा है. सिरमौर के नौहराधार स्कूल हॉस्टल के 8 कमरे नौ साल से, सराहां स्कूल के हॉस्टल के भी आठ ही कमरे तीन साल से प्रयोग में नहीं हैं.

भाजपा का आम आदमी पार्टी पर पलटवार: आम आदमी पार्टी के हिमाचल में शिक्षा को बदहाल बताने वाले दावों पर भाजपा ने पलटवार किया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल (CM Jairam Thakur Political Advisor Trilok Jamwal) ने बताया कि शिक्षा मानकों के मामले में हिमाचल देश में दूसरे स्थान पर है जबकि दिल्ली ग्यारहवें स्थान पर है. उन्होंने कहा कि 2015 से 2021 तक, दिल्ली में 16 स्कूल बंद कर दिए गए हैं. दिल्ली में कुल 1030 स्कूल हैं और इनमें 745 स्कूलों में प्रिंसिपल और 416 स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल नहीं हैं. तथ्य यह है कि उनकी शिक्षा प्रणाली में 16834 पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नौवीं कक्षा में हर साल एक लाख से ज्यादा छात्र फेल होते हैं.

हिमाचल में नई छात्रवृत्ति योजनाएं: हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने तो आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा कि जयराम सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 8 हजार 412 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. बलदेव तोमर ने कहा कि हिमाचल में नई छात्रवृत्ति योजनाएं के शुरू होने और छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी से 30 हजार से ज्यादा छात्रों को सीधा लाभ होगा और इस पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

Scholarship Schemes for Meritorious Students in Himachal.
हिमाचल में मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं.

इसके अलावा हिमाचल में महर्षि वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना, इंदिरा गांधी उत्कृष्ट छात्रवृत्ति योजना, कल्पना चावला छात्रवृत्ति योजना, डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना और स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को 700 रुपये से लेकर 1 हजार 250 रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे. वर्तमान सरकार ने इन सभी योजनाओं की छात्रवृत्ति राशि बढ़ाकर 1 हजार 500 रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया है.

हिमाचल में मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति: हिमाचल में पहली बार तीसरी कक्षा के 50 मेधावी छात्रों के लिए बाल प्रतिभा छात्रवृत्ति योजना शुरू होगी. इसमें मेरिट पर आने वाले मेधावी छात्रों को चौथी और पांचवीं कक्षा में 3 हजार रुपये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति दी जाएगी. यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रहे छात्रों के लिए पहली बार रिसर्च स्कॉलर के लिए मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना शुरू होगी. इस योजना के तहत ऐसे शोधार्थी जिन्हें किसी भी तरह की फेलोशिप नहीं मिल रही उन्हें 3 हजार रुपये प्रतिमाह फेलोशिप दी जाएगी.

पीठ थपथपाने से पहले इन चिंताजनक आंकड़ों को देखे हिमाचल: हिमाचल प्रदेश के 2,683 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को सिर्फ एक-एक शिक्षक संभाल रहा है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में सबसे अधिक 534 स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं. राज्य में 6,000 स्कूलों में दो-दो और 1,400 प्राइमरी स्कूलों में तीन-तीन शिक्षक तैनात हैं.

One teacher school in Himachal.
हिमाचल में एक शिक्षक वाले स्कूल.

हिमाचल में इन सरकारी स्कूलों में लटक गए ताले: हिमाचल में पहली से पांचवीं कक्षा के 153 सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एक भी विद्यार्थी का दाखिला न होने की वजह से ताले लटक गए हैं. जिला शिमला में सबसे अधिक 39, कांगड़ा में 30 और मंडी में ऐसे 26 स्कूल हैं. 10 विद्यार्थियों की संख्या वाले 2,100, छह से नौ बच्चों वाले 1,274 और पांच बच्चों वाले 673 स्कूल हैं. सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे 2,683 प्राइमरी स्कूलों में पांच कक्षाओं के विद्यार्थियों को किस प्रकार से शिक्षा दी जा रही होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

हिमाचल प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली (Vacant posts of teachers in Himachal government schools) हैं. आइए एक नजर डालते हैं, सूबे कि किस क्षेत्र में किस स्कूल में कितने पद खाली हैं...

  • हिमाचल में डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों के 86 में से 41 पद खाली हैं.
  • स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के 4505 पदों में से 1959 खाली .
  • हिमाचल में 10714 प्राइमरी, 2102 मिडिल, 929 हाईस्कूल, 1841 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 145 के करीब कॉलेज हैं.
  • हिमाचल में आईआईटी, ट्रिपल आईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अलावा 6 मेडिकल कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान हैं साथ ही देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भी हिमाचल में ही है.

हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था बनाम दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था: शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर का कहना है कि दिल्ली में केवल 1027 सरकारी स्कूल हैं और हिमाचल में यह संख्या 15 हजार से अधिक है. दिल्ली में सभी शिक्षण संस्थानों में 24 हजार से ज्यादा खाली पद हैं. जहां तक निजी स्कूलों की बात है तो सबसे ज्यादा प्राइवेट स्कूल दिल्ली में हैं. हिमाचल में सरकारी स्कूलों में और अन्य शिक्षण संस्थानों में 10 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी को हिमाचल को नसीहत देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा का कहना है कि मनीष सिसोदिया द्वारा हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने से राज्य सरकार घबरा गई है. गौरव ने दावा किया कि दिल्ली में 4 लाख छात्र निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में आए हैं. जिससे पता चलता है कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल (Education Model of Delhi) कितना कारगर है.

ये भी पढ़ें: शिक्षा को लेकर जंग! मनीष सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को दी खुली बहस की चुनौती

ये भी पढ़ें: गोविंद ठाकुर का मनीष सिसोदिया पर पलटवार, हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था पर बोलने से पहले तथ्यों को जांचें

ये भी पढ़ें: हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सियासत तेज, सरकार के दावों को फेल बता रही आम आदमी पार्टी

शिमला: चुनावी साल में (Hiamachal Assembly Elections 2022) हिमाचल की सियासत शिक्षा के मुद्दे को लेकर चर्चित (education system in himachal) हो रही है. पहाड़ी प्रदेश में तीसरे विकल्प के तौर पर पैर जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने हिमाचल सरकार को शिक्षा के दिल्ली मॉडल का ज्ञान दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने भी आम आदमी पार्टी को शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताओं का पाठ पढ़ाया है. ये तथ्य है कि हिमाचल प्रदेश साक्षरता के मामले में देश के कई राज्यों से इक्कीस है, लेकिन यह भी हकीकत है कि हिमाचल में दूरस्थ इलाकों के स्कूलों की दशा चिंताजनक है.

हिमाचल में हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (Junior Office Assistant in Government Schools in Himachal) और लाइब्रेरियन के 2 हजार से ज्यादा खाली पदों के मामले में मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार हिमाचल में शिक्षा को चुनावी मुद्दा बना रही है. आम आदमी पार्टी सरकार के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिमला में संवाद कार्यक्रम में एजुकेशन के दिल्ली मॉडल को साझा किया. वहीं, हिमाचल सरकार के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Himachal Education Minister Govind Singh Thakur) ने उल्टा आम आदमी पार्टी को पाठ पढ़ाया और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल की सफलताएं किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में दोनों दलों के दावों और प्रति दावों की पड़ताल जरूरी है.

हिमाचल में 80 फीसदी से अधिक साक्षरता दर: सबसे पहले हिमाचल के 80 फीसदी से अधिक साक्षरता दर (Literacy Rate in Himachal) के चमकदार आंकड़ों के पीछे की धुंधली तस्वीर देखते हैं. शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई तथा सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 प्राइमरी स्कूल भवन ऐसे हैं, जहां दो साल अथवा इससे भी अधिक समय से एक भी छात्र न होने की वजह से उन इमारतों व कमरों का प्रयोग नहीं हो रहा है. यह खुलासा खुद हिमाचल सरकार ने विधानसभा में किया था. विगत तीन साल के अंतराल में हिमाचल में कुल 27 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां शून्य नामांकन के कारण स्कूल भवन बिना प्रयोग के सूने पड़े हुए हैं.

हिमाचल के इन स्कूलों में शून्य नामांकन: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के गृह जिला बिलासपुर के तीन प्राइमरी स्कूल वर्ष 2020 से बिना प्रयोग के हैं. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और वर्तमान में मोदी सरकार में प्रभावशाली केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के गृह जिला हमीरपुर जिले के पांच प्राइमरी स्कूल बिना प्रयोग के हैं. कारण यहां भी शून्य नामांकन है. हालात ये हैं कि हमीरपुर जिले की अंबोटा प्राथमिक पाठशाला का भवन चार साल से सूना पड़ा हुआ है.

Zero enrollment in many schools in Himachal
हिमाचल के इन स्कूलों में शून्य नामांकन.

जिला कांगड़ा के चार प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन वाले हैं और यहां स्कूल भवनों में ताला लटका है. इसी तरह किन्नौर के छह प्राइमरी स्कूल, लाहौल-स्पीति के सात व ऊना जिले के दो स्कूल ऐसे हैं, जहां भवन खाली पड़े हुए हैं. इस तरह सभी 27 प्राइमरी स्कूल शून्य नामांकन के कारण ताले में बंद (Zero enrollment in many schools in Himachal) हैं. बड़ी बात ये है कि तीन मिडल स्कूल भी इसी कैटेगरी में हैं. वहां भी कोई छात्र न होने के कारण भवन बिना प्रयोग के हैं. इनमें दो स्कूल हमीरपुर जिले के व एक स्कूल लाहौल-स्पीति जिले का है.

बिलासपुर जिले के बरठीं स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हॉस्टल के हॉल, बाथरूम, टॉयलेट्स व दो कमरों का सेट बिना प्रयोग के हैं. इसी प्रकार सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरमाणा के एक भवन के छह कमरे 15 साल से प्रयोग में नहीं हैं. कुल्लू के जगतसुख सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौ कमरों का भवन तीन साल से बिना प्रयोग के हैं. मंडी के द्रंग स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ओबीसी हॉस्टल के 24 कमरे 11 साल से बंद हैं और उनका कोई प्रयोग नहीं हो रहा है. सिरमौर के नौहराधार स्कूल हॉस्टल के 8 कमरे नौ साल से, सराहां स्कूल के हॉस्टल के भी आठ ही कमरे तीन साल से प्रयोग में नहीं हैं.

भाजपा का आम आदमी पार्टी पर पलटवार: आम आदमी पार्टी के हिमाचल में शिक्षा को बदहाल बताने वाले दावों पर भाजपा ने पलटवार किया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल (CM Jairam Thakur Political Advisor Trilok Jamwal) ने बताया कि शिक्षा मानकों के मामले में हिमाचल देश में दूसरे स्थान पर है जबकि दिल्ली ग्यारहवें स्थान पर है. उन्होंने कहा कि 2015 से 2021 तक, दिल्ली में 16 स्कूल बंद कर दिए गए हैं. दिल्ली में कुल 1030 स्कूल हैं और इनमें 745 स्कूलों में प्रिंसिपल और 416 स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल नहीं हैं. तथ्य यह है कि उनकी शिक्षा प्रणाली में 16834 पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नौवीं कक्षा में हर साल एक लाख से ज्यादा छात्र फेल होते हैं.

हिमाचल में नई छात्रवृत्ति योजनाएं: हिमाचल भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने तो आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा कि जयराम सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए रिकॉर्ड 8 हजार 412 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. बलदेव तोमर ने कहा कि हिमाचल में नई छात्रवृत्ति योजनाएं के शुरू होने और छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी से 30 हजार से ज्यादा छात्रों को सीधा लाभ होगा और इस पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

Scholarship Schemes for Meritorious Students in Himachal.
हिमाचल में मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं.

इसके अलावा हिमाचल में महर्षि वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना, इंदिरा गांधी उत्कृष्ट छात्रवृत्ति योजना, कल्पना चावला छात्रवृत्ति योजना, डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना और स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रों को 700 रुपये से लेकर 1 हजार 250 रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे. वर्तमान सरकार ने इन सभी योजनाओं की छात्रवृत्ति राशि बढ़ाकर 1 हजार 500 रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया है.

हिमाचल में मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति: हिमाचल में पहली बार तीसरी कक्षा के 50 मेधावी छात्रों के लिए बाल प्रतिभा छात्रवृत्ति योजना शुरू होगी. इसमें मेरिट पर आने वाले मेधावी छात्रों को चौथी और पांचवीं कक्षा में 3 हजार रुपये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति दी जाएगी. यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रहे छात्रों के लिए पहली बार रिसर्च स्कॉलर के लिए मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना शुरू होगी. इस योजना के तहत ऐसे शोधार्थी जिन्हें किसी भी तरह की फेलोशिप नहीं मिल रही उन्हें 3 हजार रुपये प्रतिमाह फेलोशिप दी जाएगी.

पीठ थपथपाने से पहले इन चिंताजनक आंकड़ों को देखे हिमाचल: हिमाचल प्रदेश के 2,683 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को सिर्फ एक-एक शिक्षक संभाल रहा है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में सबसे अधिक 534 स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं. राज्य में 6,000 स्कूलों में दो-दो और 1,400 प्राइमरी स्कूलों में तीन-तीन शिक्षक तैनात हैं.

One teacher school in Himachal.
हिमाचल में एक शिक्षक वाले स्कूल.

हिमाचल में इन सरकारी स्कूलों में लटक गए ताले: हिमाचल में पहली से पांचवीं कक्षा के 153 सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एक भी विद्यार्थी का दाखिला न होने की वजह से ताले लटक गए हैं. जिला शिमला में सबसे अधिक 39, कांगड़ा में 30 और मंडी में ऐसे 26 स्कूल हैं. 10 विद्यार्थियों की संख्या वाले 2,100, छह से नौ बच्चों वाले 1,274 और पांच बच्चों वाले 673 स्कूल हैं. सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे 2,683 प्राइमरी स्कूलों में पांच कक्षाओं के विद्यार्थियों को किस प्रकार से शिक्षा दी जा रही होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

हिमाचल प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली (Vacant posts of teachers in Himachal government schools) हैं. आइए एक नजर डालते हैं, सूबे कि किस क्षेत्र में किस स्कूल में कितने पद खाली हैं...

  • हिमाचल में डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों के 86 में से 41 पद खाली हैं.
  • स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के 4505 पदों में से 1959 खाली .
  • हिमाचल में 10714 प्राइमरी, 2102 मिडिल, 929 हाईस्कूल, 1841 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 145 के करीब कॉलेज हैं.
  • हिमाचल में आईआईटी, ट्रिपल आईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अलावा 6 मेडिकल कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान हैं साथ ही देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भी हिमाचल में ही है.

हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था बनाम दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था: शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर का कहना है कि दिल्ली में केवल 1027 सरकारी स्कूल हैं और हिमाचल में यह संख्या 15 हजार से अधिक है. दिल्ली में सभी शिक्षण संस्थानों में 24 हजार से ज्यादा खाली पद हैं. जहां तक निजी स्कूलों की बात है तो सबसे ज्यादा प्राइवेट स्कूल दिल्ली में हैं. हिमाचल में सरकारी स्कूलों में और अन्य शिक्षण संस्थानों में 10 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी को हिमाचल को नसीहत देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा का कहना है कि मनीष सिसोदिया द्वारा हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने से राज्य सरकार घबरा गई है. गौरव ने दावा किया कि दिल्ली में 4 लाख छात्र निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में आए हैं. जिससे पता चलता है कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल (Education Model of Delhi) कितना कारगर है.

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Last Updated : May 22, 2022, 7:46 PM IST
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