शिमला: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में साल 2022-23 का आम बजट (union budget 2022) पेश किया. बजट को लेकर जहां सत्ता पक्ष सरकार की सराहना कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसकी जमकर आलोचना कर रहा है. बजट में कृषि क्षेत्र, स्वास्थ्य, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र के लिए वित्त मंत्रालय ने बड़ी घोषणाएं की हैं. इन घोषणाओं से हिमाचल को भी फायदा मिलेगा. बजट को लेकर देश भर से मिली जुली (reaction on union budget 2022) प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
आम बजट 2022 को लेकर ईटीवी भारत हिमाचल प्रदेश ने कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट (himachal congress on union budget), डॉ. मामराज पुंडीर, प्रान्त महामंत्री हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ(अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ), सामाजिक कार्यकर्ता जीया नंद शर्मा, भाजपा सह मीडिया प्रभारी करण नंदा (himachal congress on union budget) और हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. केएस तंवर से चर्चा की. एक ओर भाजपा ने इस बजट को जनहित वाला बजट करार दिया है, वहीं कांग्रेस इस बजट को दिशाहीन और हिमाचल की अनदेखी वाला बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि बजट में हिमाचल की अनदेखी हर बार की जाती है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में कांग्रेस प्रदेश सचिव सुशांत कपरेट (sushant cuprate on budget) ने कहा कि केंद्र के बजट में हिमाचल की पूरी तरह से अनदेखी हुई है. एक तरह पीएम मोदी दो करोड़ के रोजगार का सपना दिखाते हैं और अब 60 लाख का रोजगार देने की बात करते हैं, जो कि प्रदेश और देश के युवाओं के साथ धोखा है. वहीं, भाजपा सह मीडिया प्रभारी करण नंदा का कहना है कि इस बजट से देश को नई ऊर्जा और नई दिशा मिलेगी. किसानों और युवाओं का ध्यान भी रखा गया है.
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. केएस तंवर का कहना है कि केंद्र सरकार के बजट से किसानों-बागवानों को निराशा हुई है. हिमाचल प्रदेश देश का प्रमुख सेब उत्पादक राज्य है. यहां चार लाख बागवान परिवार हैं. किसानों की उम्मीद को इस बजट से झटका लगा है. सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करनी की बात कही थी, लेकिन सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है, जिससे बागवानों-किसानों को कोई फायदा मिले.
डॉ. मामराज पुंडीर, प्रान्त महामंत्री हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का कहना है कि कोरोना के चलते आर्थिक के साथ-साथ शिक्षा का बहुत नुकसान हुआ है. आम बजट में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की घोषणा की गई. आने वाले समय में इसका फायदा मिलेगा. हालांकि केंद्र सरकार के बजट में इनकम टैक्स स्लैब में छूट न दिए जाने से व्यापारी व नौकरी पेशा लोगों को काफी निराशा हुई है.
सामाजिक कार्यकर्ता जीया नंद शर्मा ने कहना है कि मध्यमवर्गीय लोगों को इस बजट से काफी निराशा हुई है. महंगाई कम करने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है. आज आम जनता काफी परेशाना है. आम बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन हमें निराशा हुई है. मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बजट में कोई राहत नहीं है.
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