शिमला: हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारों ने मीडिया और खेल जगत की हस्तियों से ब्रांडिंग का आग्रह किया. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना पैसे के ही देवभूमि के अनूठे पन को देश दुनिया में पहुंचाते (PM Modi on Himachal) आए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 जनवरी को अपने ट्विटर हैंडल पर बर्फ से ढके शिमला रेलवे स्टेशन की खूबसूरती पोस्ट की थी. यह पहला अवसर नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल की इस तरह ब्रांडिंग की हो.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के (PM Modi America tour) राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल के दौरान पीएम ने मेलानिया ट्रंप को हिमाचल से जुड़े तोहफे भेंट किए थे. उसके बाद इजरायल दौरे पर भी पीएम ने हिमाचली टोपी पहनी थी. वहीं, म्यांमार में भी पीएम ने हिमाचल का जिक्र किया था. अब शिमला रेलवे स्टेशन को नए रूप में देश दुनिया में जिज्ञासा का विषय बना दिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री जब भी हिमाचल दौरे पर आते हैं, तो यहां के व्यंजनों, प्रकृति की छटा और हिमाचल के अनछुए पहलुओं के साथ अपनी पुरानी यादों को साझा करते हैं.
मेलानिया ट्रंप को दिए थे ये तोहफे: प्रधानमंत्री ने हाल ही में शिमला रेलवे स्टेशन की फोटो डाली, तो लाखों लोगों ने उसे पसंद किया. यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कब-कब और किस रूप में हिमाचल की पहचान से दुनिया को रुबरू करवाया. वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर थे. नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप को हिमाचल से जुड़े तोहफे दिए. नरेंद्र मोदी ने मेलानिया को कांगड़ाशहद (kangra Honey), कांगड़ा टी व हाथ से बुनी गई हिमाचली शॉल सहित हिमाचल की हस्तकला का नमूना पारंपरिक चांदी का कंगन भी दिया. मोदी की तरफ से भेंट किए गए तोहफों के बाद पूरे विश्व में कांगड़ा हनी व हिमाचली गहनों की इंटरनेट पर खोज की गई थी.
पूरी तरह से ऑर्गेनिक है कांगड़ा हनी: उल्लेखनीय है कि कांगड़ा हनी व कांगड़ा टी सहित (Kangra honey and tea) अन्य तोहफों की अलग पहचान है. कांगड़ा हनी पूरी तरह से ऑर्गेनिक हनी है. कुछ दशक पहले कांगड़ा जिला के ओपी शर्मा ने ऑर्गेनिक हनी पर काम शुरू किया था. कांगड़ा हनी पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. इसमें किसी तरह का कोई केमिकल नहीं डलता. पारंपरिक तरीके से मधुमक्खियों से शहद इकट्ठा किया जाता है. इसे एपिकल्चर कहते हैं.
कांगड़ा हनी को शुद्धता के नए शिखर पर पहुंचाने में सीएसआईआर के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्सिज टेक्नोलॉजी पालमपुर का योगदान है. वहीं, कांगड़ा टी का कंसेप्ट ब्रिटिश हुकूमत के समय का है. 18वीं सदी में ब्रिटिश शासकों ने कांगड़ा वैली की जलवायु को चाय के लिए उपयुक्त पाया. कांगड़ा टी दो तरह की होती है-ऑर्थोडॉक्स व ग्रीन टी. सबसे बड़ा गुण ये है कि कांगड़ा टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने मेलानिया को हिमाचली हस्तकला का बेजोड़ नमूना चांदी का कंगन भी भेंट किया था. साथ ही हिमाचल की पारंपरिक शॉल भी दी थी. तब पीएमओ इंडिया के ट्वीट्स ने भी इन्हें देश दुनिया में पहुंचाया थी.
दिलचस्प बात है कि हिमाचल की ब्रांडिंग के जिस प्रस्ताव को लाखों की फीस के साथ बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत और डिंपल गर्ल प्रीटि जिंटा ने नहीं किया. उसे पीएम मोदी ने बिना पैसे के किया है. अपने राज्य हिमाचल के लिए जो काम लाखों रुपए की पेशकश के बावजूद नहीं किया, उसे पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना पैसे लिए कर दिखाया है. पीएम मोदी के इस दौरे के बाद अचानक से इंटरनेट पर लोग हिमाचल के इन उत्पादों की जानकारी लेने लगे.
कांगड़ा टी को भी किया मशहूर: मंडी के ब्रेसलेट तैयार करवा कर बेचने वाले कारोबारियों के ऑर्डर में एक महीने के भीतर ही चार गुना उछाल आया. इसी तरह से कांगड़ा टी व कांगड़ा हनी के बारे में सर्च किया जाने लगा. कांगड़ा टी के गुण अचानक से इंटरनेट पर सर्च किए जाने लगे. लोगों को मालूम हुआ कि कांगड़ा हनी किस प्रकार से शुद्धता का दूसरा नाम है.
इजरायल दौरे पर पीएम ने पहनी थी हिमाचली टोपी: अमेरिका के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के दौरे पर गए थे. वहां कई कार्यक्रमों में पीएम मोदी ने हिमाचल की पहचान लाल रंग की टोपी (Himachali cap and shawl) पहनी. उस समय भी जब पीएम मोदी की हिमाचल से जुड़ी लाल टोपी पहनने वाली तस्वीर जैसे ही देश-विदेश के मीडिया के जरिए सामने आई, लोगों में इस टोपी के बारे में जिज्ञासा पैदा हो गई. हिमाचल में मुख्य रूप से हरी किनारे वाली टोपी पहनी जाती है, जिसे किन्नौरी या बुशहरी टोपी कहते हैं.
इसके अलावा चंबयाली व कुल्लवी टोपी की अलग पहचान है. चूंकि सीएम वीरभद्र सिंह हरे रंग की टोपी पहनते हैं, लिहाजा लोगों ने उसे कांग्रेस से जोड़ दिया. सत्ता में आने पर भाजपा के नेता शांता कुमार ने तिरछी लाइनों वाली चंबयाली टोपी पहनी, तो पहली बार सीएम बने प्रेम कुमार धूमल ने लाल रंग की टोपी पहनना शुरू की. इस लाल किनारे वाली टोपी को भाजपा से जोड़ा गया. जिस समय पीएम मोदी ने मेलानिया ट्रंप को हिमाचल से जुड़े तोहफे दिए थे. तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और सांसद अनुराग ठाकुर ने मीडिया में बयान देकर मोदी द्वारा की गई इस ब्रांडिंग को उनका हिमाचल प्रेम बताकर आभार जताया था.
म्यांमार में किया था शिमला का जिक्र: कुछ साल पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार (PM Modi myanmar visit) के दौरे पर गए थे. तब भी उन्होंने वहां की सर्वोच्च नेता आंग-सान सू की को शिमला की याद दिलाई थी. मुलाकात के दौरान उन्होंने आंग-सान सू की को उस प्रस्ताव की कॉपी भेंट की थी. जिसे सू की ने शिमला स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में फेलोशिप के लिए दिया था.
हिमाचल को दूसरा घर कहते हैं मोदी: इसके अलावा प्रधानमंत्री जब-जब हिमाचल दौरे पर आते हैं, तो यहां के व्यंजनों और पर्यटन सेक्टर की बात करते हैं. क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरों पर मीडिया की खास नजर रहती है, लिहाजा उनके कारण हिमाचल की ब्रांडिंग होती रहती है. जैसे शिमला दौरे पर प्रधानमंत्री द्वारा शिमला के इंडियन कॉफी हाउस में कॉफी पीना, मंडी की जनसभा में वहां के विख्यात व्यंजनों सेपू बड़ी और मदरा का जिक्र (Traditional food of Himachal) करना, या फिर कुल्लू में पैराग्लाइडिंग (Paragliding in Kullu) की यादों को साझा करना. वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते हैं. वे 90 के दशक में हिमाचल भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं.
ये भी पढ़ें: PNB Clerk Missing in Bilaspur: लापता बेटी की तलाश के लिए CM जयराम से मिला प्रतिनिधिमंडल