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कंटेनमेंट जोन में लोगों को नहीं मिल रही मेडिसिन व जरूरी वस्तुएं, DC ने आरोपों का किया खारिज

शिमला के संजौली इजंनघर वार्ड में कोरोना के एक साथ 45 मामले आने के बाद कंटेंमेंट जोन घोषित किया गया है. स्थानीय महिला का कहना है कि दिन भर दवाई के लिए भटकती रही. महिला का कहना है कि वे शुगर की मरीज है और यहां कहीं दवाई की दुकान नहीं खुली है और उनकी दवाई खत्म हो गई है. ऐसे में उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.

Containment Zone sanjauli ward
Containment Zone sanjauli ward
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Published : Dec 1, 2020, 5:06 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 10:52 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के संजौली इजंनघर वार्ड में कोरोना के एक साथ 45 मामले आने के बाद कंटेंमेंट जोन घोषित किया गया है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से लोगों को जरूरी वस्तुएं मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं.

जिला प्रशासन की ओर से वार्ड में घरद्वार जरूरी सामान मुहैया करवाने का दावा तो किया गया, लेकिन लोगों का न दूध-सब्जी मिल रही है और न ही दवाई मिल रही हैं. संजौली बाजार भी पूरी तरह से बंद रखा गया है. वहीं, कंटेनमेंट जोन बनाने पर भी सवाल उठा रहे हैं.

वीडियो.

लोगों को नहीं मिल रहा जरूरी सामान

सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी रवि कुमार ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक जहां कोरोना के मामले आते हैं वहीं, बिल्डिंग को सील किया जाता है लेकिन जिला प्रशासन ने पूरा वार्ड ही सील कर दिया है जिससे लोग परेशान हो गए हैं. लोगों को न तो दवाई मिल रही है और न ही जरूरी सामान मिल रहा है. बाजार में भी सब्जी-दवाई की दुकानें बंद कर दी है, जो कि गलत है.

दवाई के लिए भटकती रही महिला

वहीं, एक स्थानीय महिला भी मंगलवार को दिन भर दवाई के लिए भटकती रही. महिला का कहना है कि वे शुगर की मरीज है और यहां कहीं दवाई की दुकान नहीं खुली है और उनकी दवाई खत्म हो गई है. ऐसे में उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.

DC ने आरोपों को किया खारिज

डीसी ने आरोपों का किया खारिज

शिमला के इंजनघर कंटेन्मेंट जोन में लोगों को आवश्यक वस्तुए न मिलने के आरोपों को शिमला जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने सिरे से नकार दिया है और लोगों को डोर टू डोर सेवाएं उपलब्ध करवाने का दावा किया है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी है.

'नियमों की अनदेखी करने पर होगी कार्रवाई'

डीसी आदित्य नेगी ने कहा है कि कंटेन्मेंट जोन इंजन घर में काफी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज हैं जिसकी वजह से अभी कुछ दिन ओर वहां पर पाबंदियां लगाई जाएंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग कंटेनमेंट जोन से बाहर आकर काम कर रहे हैं और नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहते हैं डीसी आदित्य नेगी

डीसी आदित्य नेगी ने कहा कि प्रशासन इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि कंटेनमेंट जोन में सभी लोगों को डोर टू डोर सर्विस दी जाए. इसके लिए नोडल अधिकारी भी फूड इंस्पेक्टर को बनाया गया है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. जिस पर फोन करके कोई भी व्यक्ति जरूरत का सामान मंगवा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आने वले समय में डोर टू डोर सर्विस देने वाले कर्मचारियों की संख्या में कमी होती है तो NSS वॉलंटियर्स की इस काम में मदद ली जाएगी.

बता दें कि संजौली के इंजनघर वार्ड में शनिवार को एक साथ कोरोना के मामले आने के बाद पूरे वार्ड को कंटेंमेंट जोन में शामिल कर दिया गया था, लेकिन जिला प्रशासन पर सुविधाएं न देने के आरोप लग रहे हैं.

ये भी पढ़ें- DDU अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे भारद्वाज, वायरल वीडियो मामले में जताई अनभिज्ञता

ये भी पढ़ें- हिमाचल किसान सभा का प्रदर्शन, कृषि कानूनों को वापस लेने की उठाई मांग

शिमलाः राजधानी शिमला के संजौली इजंनघर वार्ड में कोरोना के एक साथ 45 मामले आने के बाद कंटेंमेंट जोन घोषित किया गया है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से लोगों को जरूरी वस्तुएं मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं.

जिला प्रशासन की ओर से वार्ड में घरद्वार जरूरी सामान मुहैया करवाने का दावा तो किया गया, लेकिन लोगों का न दूध-सब्जी मिल रही है और न ही दवाई मिल रही हैं. संजौली बाजार भी पूरी तरह से बंद रखा गया है. वहीं, कंटेनमेंट जोन बनाने पर भी सवाल उठा रहे हैं.

वीडियो.

लोगों को नहीं मिल रहा जरूरी सामान

सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी रवि कुमार ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक जहां कोरोना के मामले आते हैं वहीं, बिल्डिंग को सील किया जाता है लेकिन जिला प्रशासन ने पूरा वार्ड ही सील कर दिया है जिससे लोग परेशान हो गए हैं. लोगों को न तो दवाई मिल रही है और न ही जरूरी सामान मिल रहा है. बाजार में भी सब्जी-दवाई की दुकानें बंद कर दी है, जो कि गलत है.

दवाई के लिए भटकती रही महिला

वहीं, एक स्थानीय महिला भी मंगलवार को दिन भर दवाई के लिए भटकती रही. महिला का कहना है कि वे शुगर की मरीज है और यहां कहीं दवाई की दुकान नहीं खुली है और उनकी दवाई खत्म हो गई है. ऐसे में उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.

DC ने आरोपों को किया खारिज

डीसी ने आरोपों का किया खारिज

शिमला के इंजनघर कंटेन्मेंट जोन में लोगों को आवश्यक वस्तुए न मिलने के आरोपों को शिमला जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने सिरे से नकार दिया है और लोगों को डोर टू डोर सेवाएं उपलब्ध करवाने का दावा किया है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी है.

'नियमों की अनदेखी करने पर होगी कार्रवाई'

डीसी आदित्य नेगी ने कहा है कि कंटेन्मेंट जोन इंजन घर में काफी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज हैं जिसकी वजह से अभी कुछ दिन ओर वहां पर पाबंदियां लगाई जाएंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग कंटेनमेंट जोन से बाहर आकर काम कर रहे हैं और नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहते हैं डीसी आदित्य नेगी

डीसी आदित्य नेगी ने कहा कि प्रशासन इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि कंटेनमेंट जोन में सभी लोगों को डोर टू डोर सर्विस दी जाए. इसके लिए नोडल अधिकारी भी फूड इंस्पेक्टर को बनाया गया है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. जिस पर फोन करके कोई भी व्यक्ति जरूरत का सामान मंगवा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आने वले समय में डोर टू डोर सर्विस देने वाले कर्मचारियों की संख्या में कमी होती है तो NSS वॉलंटियर्स की इस काम में मदद ली जाएगी.

बता दें कि संजौली के इंजनघर वार्ड में शनिवार को एक साथ कोरोना के मामले आने के बाद पूरे वार्ड को कंटेंमेंट जोन में शामिल कर दिया गया था, लेकिन जिला प्रशासन पर सुविधाएं न देने के आरोप लग रहे हैं.

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Last Updated : Dec 1, 2020, 10:52 PM IST
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