शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान शनिवार को विपक्ष जमकर हंगामा किया. बजट पर सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की. विपक्ष ने सदन से इसके बाद वॉकआउट किया. विपक्ष ने सरकार पर जनता से झूठ बोलने के आरोप लगाए और कहा कि कर्ज को लेकर सरकार सदन में बात तक नहीं कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आज बजट पर जवाब दे रहे थे लेकिन कर्ज कितना लिया इस पर चुप्पी साध ली है. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार पूर्व सरकारों के कर्ज के बारे में बता रहे हैं लेकिन खुद कितना कर्ज लिया इसके बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं. जबकि बजट पर चर्चा के दौरान सरकार से पूछा गया था कि गैप फंडिंग को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार गैप को पूरा करने के लिए फौरन फंडिंग की बात कर रही है, जबकि हकीकत ये है कि सरकार को कोई फौरन फंडिंग नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री विकास दर कैसे बढ़ेगी, इसपर कोई कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. सरकार से इन्वेस्टर्स मीट को लेकर सवाल किया गया लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया.
मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने दो सालों में 13 हजार करोड़ के कर्ज लिए हैं. सरकार ने एफआरबी कानून का उल्लंघन किया है. सरकार साल में तीन फीसदी ही ऋण ले सकती है लेकिन सरकार ने चार फीसदी ले लिया है. सरकार बजट की बात कर रही है जबकि न तो कर्मचारियों के लिए कुछ है और न ही बजट में कुछ घोषणा की है.
विपक्ष ने स्मार्ट सिटी और नेशनल हाइवे को लेकर सवाल किया तो उस पर भी सरकार ने चुप्पी साध ली है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय अराजकता का माहौल है. सरकार कुप्रबंधन की शिकार हो गई है. सरकार का वित्तीय दिवालियापन निकल गया है. केंद्र से सरकार को कोई मदद नहीं मिल रही है. सरकार अपनी फिजूलखर्ची बंद नहीं कर रही है, जिसके चलते प्रदेश कर्ज में डूब रहा है.
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