शिमला: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में काफी गहमागहमी देखने को मिली. विपक्ष ने कई मुद्दों को लेकर सदन से जहां वॉकआउट किया, वहीं सदन में भी सरकार को घेरने का प्रयास किया.
विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पर बेरोजगारी-महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा ना करने के आरोप लगाए. कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने जनहित के मुद्दे सदन में उठाए. कांग्रेस के विधायक सदन में जनता से जुड़े मुद्दे उठाना चाहती थी, लेकिन उन्हें रोका गया. सदन के अंदर सभी विधायकों को अपनी बात रखने का हक होता है. कई विधायक नियम-67 के तहत मंहगाई-बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा चाहते थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया, जो कि लोकतंत्र में सही नहीं है. सदन में विपक्ष की अहम भूमिका होती है.
वहीं, सीपीआईएम के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि इस मानसून सत्र के दौरान जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का उन्होंने प्रयास किया और सरकार का ध्यान भी आकर्षित करने की कोशिश की गई. सिंघा ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर चिंता भी जताई और सरकार को तैयारियों को लेकर नसीहत भी दी.
सिंघा ने कहा कि पहली और दूसरी लहर में प्रदेश में कई लोगों की कोरोना से जान गई है. ऐसे में सरकार को संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए उचित प्रबंध करने चाहिए. वहीं, राकेश सिंघा ने सेब सीजन को लेकर भी सवाल खड़े किए और कहा कि बरसात के दौरान कई सड़कें बंद पड़ी है. जिससे बागवानों को अपना सेब मंडी तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में सरकार को गंभीरता से प्रबंध करने चाहिए, ताकि बागवानों को कोई परेशानी ना हो.
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