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आई ट्रांसप्लांट पर भी कोरोना का असर, IGMC में 10 महीनों में हुईं सिर्फ 6 सर्जरी

कोरोना संकट के कारण आईजीएमसी में 10 महीनों में अब तक 6 आई ट्रांसप्लांट ही हुईं हैं, जबकि कोरोना से पहले प्रतिवर्ष यह आंकड़ा 40 के करीब रहता था. साथ ही आईजीएमसी में आंखों के डोनेशन में भी करीब 80 फीसदी गिरावट आई है.

Eye transplant surgery in igmc
Eye transplant surgery in igmc
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Published : Oct 22, 2020, 7:21 PM IST

शिमलाः कोरोना वायरस ने जीवन के हर क्षेत्र पर अपना असर दिखाया है. इस महामारी का प्रभाव आमजन सहित मरीजों पर भी पड़ा है. खासकर आंखों की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को इस संकटकाल में परेशानी उठानी पड़ रही है. कोरोना संकट के कारण आईजीएमसी में आंखों की सर्जरी में 50 फीसदी गिरावट आई है.

इतना ही नहीं 10 महीनों में आईजीएमसी में अब तक 6 आई ट्रांसप्लांट ही हुईं हैं, जबकि प्रतिवर्ष यह आंकड़ा 40 के करीब रहता था. इस बारे में आईजीएमसी में आई विभाग के एचओडी डॉ. रामलाल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना ने जहां देश भर में संकट पैदा किया हैं वहीं, आई विभाग भी इसेसे अछूता नहीं रहा है.

वीडियो.

डॉ. रामलाल शर्मा ने बताया कि अस्पताल में आई प्रत्यारोपण या आई ट्रांसप्लांट की बात की जाय तो प्रतिवर्ष इस समय तक 40 के लगभग आई ट्रांसप्लांट कर दिया जाते थे जबकि अभी तक 10 महीने हो गए है और कुल 6 ही आई ट्रांसप्लांट की सर्जरी की गई है. उन्होंने बताया कि इससे आम सर्जरी भी प्रभावित हुई है.

आंखों के डोनेशन में भी 80 फीसदी गिरावट

डॉ. रामलाल शर्मा ने कहा कि कोरोना संकट से पहले यहां महीने में 300 से 400 सर्जरी होती थी, अब कोरोना के बाद इसमें करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है. डॉ. रामलाल ने बताया कि इसका कारण लोग भी अस्पताल लोग भी कम संख्या में पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही आंखों के डोनेशन में भी करीब 80 फीसदी गिरावट आई है.

वहीं, मरीजों के पेडिंग लिस्ट के बारे में सवाल पर डॉ. रामलाल शर्मा ने बताया कि अब गम्भीर मरीज और रूटीन चेकअप वाले मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं. इनमें से जिन्हें सर्जरी की जरूरत होती हैं, प्रथामिकता के आधार पर सर्जरी कर दी जाती है. ऐसे में अभी फिलहाल कोई भी मरीज पेंडिंग नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कई लोग घर से बाहर नहीं आ रहे हैं और जब अधिक बीमार होते हैं, तभी अस्पताल पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- BJP कार्यालयों के शिलान्यास के समय जेपी नड्डा को याद आए पीएम मोदी, सीएम जयराम को भी सराहा

ये भी पढ़ें- कृषि कानून विरोध पर बोले अनुराग ठाकुर, पंजाब सरकार किसानों को कर रही भ्रमित

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इतना ही नहीं 10 महीनों में आईजीएमसी में अब तक 6 आई ट्रांसप्लांट ही हुईं हैं, जबकि प्रतिवर्ष यह आंकड़ा 40 के करीब रहता था. इस बारे में आईजीएमसी में आई विभाग के एचओडी डॉ. रामलाल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना ने जहां देश भर में संकट पैदा किया हैं वहीं, आई विभाग भी इसेसे अछूता नहीं रहा है.

वीडियो.

डॉ. रामलाल शर्मा ने बताया कि अस्पताल में आई प्रत्यारोपण या आई ट्रांसप्लांट की बात की जाय तो प्रतिवर्ष इस समय तक 40 के लगभग आई ट्रांसप्लांट कर दिया जाते थे जबकि अभी तक 10 महीने हो गए है और कुल 6 ही आई ट्रांसप्लांट की सर्जरी की गई है. उन्होंने बताया कि इससे आम सर्जरी भी प्रभावित हुई है.

आंखों के डोनेशन में भी 80 फीसदी गिरावट

डॉ. रामलाल शर्मा ने कहा कि कोरोना संकट से पहले यहां महीने में 300 से 400 सर्जरी होती थी, अब कोरोना के बाद इसमें करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है. डॉ. रामलाल ने बताया कि इसका कारण लोग भी अस्पताल लोग भी कम संख्या में पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही आंखों के डोनेशन में भी करीब 80 फीसदी गिरावट आई है.

वहीं, मरीजों के पेडिंग लिस्ट के बारे में सवाल पर डॉ. रामलाल शर्मा ने बताया कि अब गम्भीर मरीज और रूटीन चेकअप वाले मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं. इनमें से जिन्हें सर्जरी की जरूरत होती हैं, प्रथामिकता के आधार पर सर्जरी कर दी जाती है. ऐसे में अभी फिलहाल कोई भी मरीज पेंडिंग नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कई लोग घर से बाहर नहीं आ रहे हैं और जब अधिक बीमार होते हैं, तभी अस्पताल पहुंच रहे हैं.

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