शिमला: छात्र संगठन एनएसयूआई ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. छात्र संगठन का आरोप है कि एचपीयू में जो भर्तियां की जा रही हैं वह नियमों के बाहर है. उसमें धांधलियां एचपीयू प्रशासन की ओर से की जा रही है. एचपीयू प्रशासन लगातार धांधलियां करके आरएसएस के लोगों को भर्ती किया जा रहा है.
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष छत्तर सिंह ने आरोप लगाया कि एचपीयू प्रशासन लगातार विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े और धांधलियां कर रहा है. भर्तियों से लेकर सभी मामलों में आरएसएस के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया जा रहा है.
HPU प्रशासन पर गंभीर आरोप
छत्तर सिंह ने कहा कि विभागों में जो पद खाली पड़े हैं उन पदों पर आरएसएस के लोगों को ज्वाइनिंग दी जा रही है. यहां तक कि विभाग में भी इस बात की जानकारी नहीं है कि किन लोगों को प्रशासन की ओर से ज्वाइनिंग दी गई है. एचपीयू की पदों को भरने की समयावधि 30 दिसंबर 2020 को ही समाप्त हो गई थी. इसके बाद भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका नेट, सेट क्लीयर हुआ. वो शिक्षक भर्ती के लिए एलिजिबल हुए लेकिन एचपीयू की ओर से जिन लोगों को पहले भर्ती नहीं किया जा सका उन्हें ही एक्सटेंशन दी गई. मात्र अपने चहेतों को प्रशासन की ओर से प्राथमिकता पर रखा जा रहा है.
फर्जी तरीके से की जा रही हैं भर्तियां
एनएसयूआई प्रदेश ने कहा कि फर्जी तरीके से भर्तियां की जा रही है. जिसे एनएसयूआई बर्दाश्त नहीं करेगी. इन भर्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग के साथ ही एनएसयूआई ने न्यायिक जांच की भी मांग उठाई है. एनएसयूआई का आरोप है कि एचपीयू का पूरी तरह से भगवाकरण किया जा रहा है. यहां तक कि एचपीयू आधिकारिक अधिसूचनाएं भी छात्र संगठन एबीवीपी के लेटर हेड पर ही निकाल रही है. जिसकी जांच की मांग एनएसयूआई ने की है.
छत्तर सिंह ने कहा कि एनएसयूआई इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग करने के साथ ही सरकार से यह मांग करती है कि एचपीयू की ओर से की जा रही भर्तियों की जांच करवाई जाए. किसकी गलती से बीएड के काउंसलिंग शेड्यूल की अधिसूचना एबीवीपी के लेटर पैड पर निकाली गई. इस बात की भी जांच करवाई जाए, नहीं तो एनएसयूआई सरकार के साथ ही विश्वविद्यालय का भी घेराव करेगी.