शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University, HPU) में एनएसयूआई के तीन कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध का मामला लगातार तूल पकड़ते जा रहा है. एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया है कि यदि आदेश वापस नहीं लिए गए, तो प्रदेश भर में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश एनएसयूआई (Himachal Pradesh NSUI President) के अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर ने कहा कि 31 जुलाई को एनएसयूआई ने छात्र की मांगों को लेकर प्रदेश विश्वविद्यालय में धरना दिया, लेकिन विवि प्रशासन की ओर से तानाशाही फरमान जारी कर दिया गया, जो सरासर गलत है. छतर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति तानाशाही रवैया अपनाए हुए है. छतर सिंह ठाकुर ने कहा कि यदि कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंध को वापस नहीं लिया गया, तो प्रदेश भर में आंदोलन होगा.
बता दें कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं (NSUI activists) ने 31 जुलाई को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कुलपति (Vice Chancellor of Himachal Pradesh University) की नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. इसके बाद प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तीन कार्यकर्ताओं के हिमाचल विश्वविद्यालय में आने का प्रतिबंध और अन्य 3 विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर नजर बनाए रखने के आदेश जारी किए गए हैं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डीन ऑफ स्टडीज अरविंद कालिया की ओर से जारी आदेशों में एनएसयूआई के इन कार्यकर्ताओं को माननीय उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों की अवहेलना माना गया. उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक प्रदेश विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है. इनमें एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर, प्रवीण और बलविंदर सिंह बल्लू शामिल हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले यासीन मोहम्मद, विनोद कुमार और रजत भारद्वाज पर संबंधित विभाग के अध्यक्ष, चीफ वार्डन और चीफ सिक्योरिटी इंचार्ज की नजर रहेगी. यदि यह नियमों को तोड़ते हैं, तो इन्हें बिना सुनवाई निष्काषित किया जाएगा.
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