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Open Heart Surgery in Himachal: 16 सालों में एक भी VVIP ने हिमाचल प्रदेश में नहीं करवाई बाईपास सर्जरी - bypass surgery in Himachal

पिछले 16 साल से आईजीएमसी अस्पताल (Open Heart Surgery Department IGMC Shimla) में ओपन हार्ट सर्जरी विभाग काम कर रहा है. हैरानी की बात है कि अब तक एक भी वीवीआईपी ने यहां सर्जरी नहीं करवाई यही नहीं अन्य छोटी बीमारियों के लिए भी वीवीआईपी प्रदेश से बाहर का रुख करते हैं. ऐसे वीवीआईपी की सूची काफी लंबी है जो आईजीएमसी को छोड़ प्रदेश से बाहर इलाज करवाना ठीक समझते हैं.

bypass surgery in Himachal
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Published : Dec 30, 2021, 5:58 PM IST

शिमला: प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल अब तक तीन हजार से अधिक हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक कर चुका है, बावजूद इसके प्रदेश के वीवीआईपी यहां अपना इलाज करवाने से हिचकते हैं. पिछले 16 साल से आईजीएमसी अस्पताल (Open Heart Surgery Department IGMC Shimla) में ओपन हार्ट सर्जरी विभाग काम कर रहा है. हैरानी की बात है कि अब तक एक भी वीवीआईपी ने यहां सर्जरी नहीं करवाई यही नहीं अन्य छोटी बीमारियों के लिए भी वीवीआईपी प्रदेश से बाहर का रुख करते हैं. ऐसे वीवीआईपी की सूची काफी लंबी है जो आईजीएमसी को छोड़ प्रदेश से बाहर इलाज करवाना ठीक समझते हैं.

आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के प्रयासों से वर्ष 2005 में शुरू हुई. लेकिन पिछले सोलह साल से यहां गरीबों की ही सर्जरी के केस अधिक हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अपनी ही सरकार के समय सेहत बिगड़ने पर पहले आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन एक ही दिन बाद वे इलाज के लिए दिल्ली चले गए.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्री रहते उनकी सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग) हुई है. आईजीएमसी अस्पताल में इसी तरह से सैंकड़ों केस सफलता से किए जा चुके हैं. इसके अलावा पूर्व में मुख्य सचिव रहे सुदृप्तो रॉय को भी ब्रेन हैमरेज हुआ तो वे सीधे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किए गए. बाद में उनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ. उसके बाद फिर से तात्कालीन मुख्य सचिव पार्थसारथी मित्रा भी ब्रेन हैमरेज का शिकार हुए तो उनका आपरेशन भी पीजीआई चंडीगढ़ में हुआ.

इसके अलावा वर्तमान विधानसभा के सदस्य भी छोटी-छोटी (Open Heart Surgery in Himachal) बीमारियों के इलाज के लिए भी प्रदेश से बाह का रुख करते हैं. हालांकि कुछ वीवीआईपी जरूर छोटी-मोटी बीमारी के लिए जरूर विधायक व मंत्री आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती होते हैं. यहां छोटी-मोटी बीमारी का इलाज करवाने वालों में वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तुलसी राम, विधायक सोहनलाल ठाकुर, पूर्व सांसद राजन सुशांत आदि शामिल हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के समय कई वीवीआईपी को आईजीएमसी का रुख जरूर करना पड़ा.

ऐसा नहीं कि पिछले सोलह सालों में यहां ओपन हार्ट सर्जरी के ऑपरेशन (open heart surgery in igmc Shimla) सफल नहीं रहे हैं. आईजीएमसी का ओपन हार्ट सर्जरी (bypass surgery in Himachal) का रिकॉर्ड शानदार रहा है. यहां ओपन हार्ट सर्जरी डिर्पाटमेंट ने 12 दिसंबर को सफलता के 16 साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान अपेक्षाकृत कम संसाधनों और कम मैनपॉवर के भी डिपार्टमेंट ने तीन हजार ऑपरेशन किए हैं.

सबसे सुखद बात यह है कि ऑपरेशन की सफलता दर 98 फीसदी रही है. शुरू में एम्स से डॉ. एम वेणुगोपाल के नेतृत्व में आई टीम से ऑपरेशन किए. कुछ ऑपरेशन फोर्टिस अस्पताल मोहाली के मशहूर सर्जन डॉ. टीएस महंत ने भी किए. बाद में सारी कमान डॉ. रजनीश पठानिया ने संभाली और इस मिशन के लगातार सफलता के मुकाम तक पहुंचाया. यहां पहला ऑपरेशन 12 दिसंबर 2005 को किया गया था. अस्पताल के सीटीवीएस डिपार्टमेंट में इस समय सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग), वाल्व रिप्लेसमेंट सहित अन्य सभी तरह के जटिल हार्ट ऑपरेशन होते हैं. इसके अलावा यहां नवजात शिशुओं की भी सर्जरी सफलता से की जा रही है.

ये भी पढ़ें- SNOW FESTIVAL KULLU: त्रिलोकनाथ मंदिर में धार्मिक पूजा अर्चना के साथ शुरू होगा स्नो फेस्टिवल

शिमला: प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल अब तक तीन हजार से अधिक हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक कर चुका है, बावजूद इसके प्रदेश के वीवीआईपी यहां अपना इलाज करवाने से हिचकते हैं. पिछले 16 साल से आईजीएमसी अस्पताल (Open Heart Surgery Department IGMC Shimla) में ओपन हार्ट सर्जरी विभाग काम कर रहा है. हैरानी की बात है कि अब तक एक भी वीवीआईपी ने यहां सर्जरी नहीं करवाई यही नहीं अन्य छोटी बीमारियों के लिए भी वीवीआईपी प्रदेश से बाहर का रुख करते हैं. ऐसे वीवीआईपी की सूची काफी लंबी है जो आईजीएमसी को छोड़ प्रदेश से बाहर इलाज करवाना ठीक समझते हैं.

आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के प्रयासों से वर्ष 2005 में शुरू हुई. लेकिन पिछले सोलह साल से यहां गरीबों की ही सर्जरी के केस अधिक हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अपनी ही सरकार के समय सेहत बिगड़ने पर पहले आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन एक ही दिन बाद वे इलाज के लिए दिल्ली चले गए.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्री रहते उनकी सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग) हुई है. आईजीएमसी अस्पताल में इसी तरह से सैंकड़ों केस सफलता से किए जा चुके हैं. इसके अलावा पूर्व में मुख्य सचिव रहे सुदृप्तो रॉय को भी ब्रेन हैमरेज हुआ तो वे सीधे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किए गए. बाद में उनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ. उसके बाद फिर से तात्कालीन मुख्य सचिव पार्थसारथी मित्रा भी ब्रेन हैमरेज का शिकार हुए तो उनका आपरेशन भी पीजीआई चंडीगढ़ में हुआ.

इसके अलावा वर्तमान विधानसभा के सदस्य भी छोटी-छोटी (Open Heart Surgery in Himachal) बीमारियों के इलाज के लिए भी प्रदेश से बाह का रुख करते हैं. हालांकि कुछ वीवीआईपी जरूर छोटी-मोटी बीमारी के लिए जरूर विधायक व मंत्री आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती होते हैं. यहां छोटी-मोटी बीमारी का इलाज करवाने वालों में वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तुलसी राम, विधायक सोहनलाल ठाकुर, पूर्व सांसद राजन सुशांत आदि शामिल हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के समय कई वीवीआईपी को आईजीएमसी का रुख जरूर करना पड़ा.

ऐसा नहीं कि पिछले सोलह सालों में यहां ओपन हार्ट सर्जरी के ऑपरेशन (open heart surgery in igmc Shimla) सफल नहीं रहे हैं. आईजीएमसी का ओपन हार्ट सर्जरी (bypass surgery in Himachal) का रिकॉर्ड शानदार रहा है. यहां ओपन हार्ट सर्जरी डिर्पाटमेंट ने 12 दिसंबर को सफलता के 16 साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान अपेक्षाकृत कम संसाधनों और कम मैनपॉवर के भी डिपार्टमेंट ने तीन हजार ऑपरेशन किए हैं.

सबसे सुखद बात यह है कि ऑपरेशन की सफलता दर 98 फीसदी रही है. शुरू में एम्स से डॉ. एम वेणुगोपाल के नेतृत्व में आई टीम से ऑपरेशन किए. कुछ ऑपरेशन फोर्टिस अस्पताल मोहाली के मशहूर सर्जन डॉ. टीएस महंत ने भी किए. बाद में सारी कमान डॉ. रजनीश पठानिया ने संभाली और इस मिशन के लगातार सफलता के मुकाम तक पहुंचाया. यहां पहला ऑपरेशन 12 दिसंबर 2005 को किया गया था. अस्पताल के सीटीवीएस डिपार्टमेंट में इस समय सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग), वाल्व रिप्लेसमेंट सहित अन्य सभी तरह के जटिल हार्ट ऑपरेशन होते हैं. इसके अलावा यहां नवजात शिशुओं की भी सर्जरी सफलता से की जा रही है.

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