शिमला: शिक्षा के क्षेत्र में दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पाने वाले हिमाचल में प्राथमिक पाठशाला को अपना भवन नहीं मिल पाया है. राजधानी शिमला के नाभा में चल रही नाभा प्राथमिक पाठशाला को साल 1974 से लेकर 2019 तक अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है. इस पाठशाला को नाभा क्लब के भवन में ही इतने सालों से चलाया जा रहा है.
बता दें कि इस भवन में बच्चों की दिन में कक्षाएं लगाई जाती है और शाम को इस क्षेत्र में रहने वाले लोग फिटनेस से जुड़ी गतिविधियों के लिए आते हैं. इस स्कूल में 35 से 40 के करीब बच्चें शिक्षा पढ़ते हैं. बता दें कि एक ही हॉल में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं चल रही है. वहीं, बच्चे खेल कूद से जुड़ी गतिविधियां भी इसी हॉल में करते हैं. इस स्कूल में पहले बच्चे टाट-पट्टी पर ही बैठकर कक्षाएं लगाते थे लेकिन अब बच्चों के लिए बैंच का प्रावधान किया गया है.
हालात यह ही है बच्चों को दोपहर में दिया जाना वाले मिड डे मील भी इसी हॉल में बनाया जाता है. स्कूल में दो शिक्षिकाएं है जिसमें से एक ही हॉल के एक कोने में शिक्षिका कुर्सी लगाकर अपनी कक्षाएं पढ़ाती है. वहीं, दूसरी शिक्षिका दूसरे कोने में अपनी कक्षाओं को पढ़ाती है. नाभा क्लब के हॉल के ऊपर की मंजिल में सरकारी आवास रहने के लिए दिए गए है जिसमें कई अधिकारी रहते है लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस स्कूल की दशा दिशा को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.
बच्चें ने बताया कि सभी कक्षाएं एक ही जगह लगती है जिससे काफी शोर होता है. वहीं इसी हॉल में खेलना पड़ता है. इसी हॉल में एक छोटा सा किचन मिड डे मील के लिए है लेकिन हॉल में ही भोजन पकता है. स्कूल में बच्चों के लिए शौचालय की सुविधा तो है लेकिन वह भी खस्ताहाल है. शिक्षिकाएं उसी हॉल में छात्रों को पढ़ाती हैं और खुद भी स्कूल बंद होने तक वहीं बैठकर अपना लंच भी करती है.
ये भी पढ़ें: नाहनवासियों को जल संकट से जल्द मिलेगी निजात, IPH विभाग ने आमजन से की ये अपील