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शिमला में जलापूर्ति और मल निकासी आवश्यकताओं को पूरा करेगी यह योजना: CM जयराम

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला जलापूर्ति एवं सीवरेज सर्विस डिलीवरी प्रोग्राम (Shimla Water Supply and Sewerage Service Delivery Program) के नेगोसिएशन पैकेज को मंजूरी मिलने से ग्रेटर शिमला क्षेत्र में जलापूर्ति सेवाओं में सुधार किया जाएगा. इस परियोजना के अन्तर्गत शिमला नगर निगम क्षेत्र के सभी घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 24 घंटे पानी की आपूर्ति और बेहतर सीवरेज सेवाएं भी प्रदान की जाएगी.

jairam thakur
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Published : Nov 6, 2021, 7:39 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि विश्व बैंक ने 1825 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय वाली शिमला जलापूर्ति एवं सीवरेज सर्विस डिलीवरी प्रोग्राम के नेगोसिएशन पैकेज को मंजूरी प्रदान की है. इस परियोजना के अन्तर्गत ग्रेटर शिमला क्षेत्र में जलापूर्ति सेवाओं में सुधार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुल 1825 करोड़ रुपये में से विश्व बैंक 1168 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा जबकि शेष 657 करोड़ रुपये की राशि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वहन की जाएगी.

CM ने कहा कि यह परियोजना नगर निगम शिमला में 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा सीवरेज सेवाओं को मजबूत करेगी. इस परियोजना के अन्तर्गत वर्ष 2050 तक पानी की मांग को पूरा करने के लिए सतलुज नदी से अतिरिक्त 67 एमएलडी की जलापूर्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि शिमला के पेरी-अर्बन क्षेत्रों में भी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले कुफरी, शोघी, घणाहट्टी और अतिरिक्त योजना क्षेत्रों की वर्ष 2050 तक जल सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत शिमला नगर निगम क्षेत्र के सभी घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 24 घंटे पानी की आपूर्ति और बेहतर सीवरेज सेवाएं भी प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना में शकरोड़ी गांव के पास सतलुज नदी से पानी उठाने की योजना है. जिसके अन्तर्गत पानी को 1.6 किमी ऊंचाई तक उठाकर और 22 किमी लम्बी पाइप लाइन बिछाकर संजौली में 67 एमएलडी पानी की वृद्धि की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में नगर निगम शिमला के अन्तर्गत सभी क्षेत्रों में वितरण पाइप के नेटवर्क को बदलने की भी योजना है ताकि इसे 24 घण्टे जलापूर्ति प्रणाली में स्तरोन्नत किया जा सके. इसके अतिरिक्त, मैहली-पंथाघाटी, टूटू और मशोबरा क्षेत्रों में सीवरेज नेटवर्क प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2026 तक पूरी कर ली जाएगी. जयराम ठाकुर ने कहा कि इस सम्बन्ध में विश्व बैंक, भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग और हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास विभाग के बीच जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें : जोर पकड़ रही सवर्ण आयोग के गठन की मांग, अपना वादा पूरा करें CM : ठाकुर कौल सिंह

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि विश्व बैंक ने 1825 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय वाली शिमला जलापूर्ति एवं सीवरेज सर्विस डिलीवरी प्रोग्राम के नेगोसिएशन पैकेज को मंजूरी प्रदान की है. इस परियोजना के अन्तर्गत ग्रेटर शिमला क्षेत्र में जलापूर्ति सेवाओं में सुधार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुल 1825 करोड़ रुपये में से विश्व बैंक 1168 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा जबकि शेष 657 करोड़ रुपये की राशि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वहन की जाएगी.

CM ने कहा कि यह परियोजना नगर निगम शिमला में 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा सीवरेज सेवाओं को मजबूत करेगी. इस परियोजना के अन्तर्गत वर्ष 2050 तक पानी की मांग को पूरा करने के लिए सतलुज नदी से अतिरिक्त 67 एमएलडी की जलापूर्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि शिमला के पेरी-अर्बन क्षेत्रों में भी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले कुफरी, शोघी, घणाहट्टी और अतिरिक्त योजना क्षेत्रों की वर्ष 2050 तक जल सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत शिमला नगर निगम क्षेत्र के सभी घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 24 घंटे पानी की आपूर्ति और बेहतर सीवरेज सेवाएं भी प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना में शकरोड़ी गांव के पास सतलुज नदी से पानी उठाने की योजना है. जिसके अन्तर्गत पानी को 1.6 किमी ऊंचाई तक उठाकर और 22 किमी लम्बी पाइप लाइन बिछाकर संजौली में 67 एमएलडी पानी की वृद्धि की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में नगर निगम शिमला के अन्तर्गत सभी क्षेत्रों में वितरण पाइप के नेटवर्क को बदलने की भी योजना है ताकि इसे 24 घण्टे जलापूर्ति प्रणाली में स्तरोन्नत किया जा सके. इसके अतिरिक्त, मैहली-पंथाघाटी, टूटू और मशोबरा क्षेत्रों में सीवरेज नेटवर्क प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2026 तक पूरी कर ली जाएगी. जयराम ठाकुर ने कहा कि इस सम्बन्ध में विश्व बैंक, भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग और हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास विभाग के बीच जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

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