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भारत में इस देश से सबसे ज्यादा सेब होता है आयात, कस्टम ड्यूटी पर ये बोले अभिजीत दास

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टर व विश्व व्यापार संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिजीत दास ने बताया कि वर्तमान में अमेरिका से सेब आयात पर 70 से 75 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी लगाई जा रही है.

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Published : Jul 25, 2019, 11:16 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 7:45 AM IST

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शिमला: विश्व व्यापार संगठन के तहत किए गए समझौते के कारण सेब पर 50 प्रतिशत से अधिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती. ये जानकारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टर व विश्व व्यापार संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिजीत दास ने दी.

बता दें कि शिमला में आयोजित नेशनल सेमीनार ऑन एप्पल एंड इंटरनेशनल ट्रेड में अभिजीत दास ने बताया कि देश में सबसे अधिक सेब यूएसए से आयात किया जाता है. उन्होंने बताया कि जिन देश में सेब सीजन होता है उन दिनों विदेशों से सेब आयात नहीं होता, लेकिन देश में सीजन खत्म होते ही आयात शुरू हो जाता है.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टर व विश्व व्यापार संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिजीत दास ने बताया कि वर्तमान में अमेरिका से सेब आयात पर 70 से 75 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी लगाई जा रही है. उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि अमेरिका ने भारत से निर्यात किए जा रहे इस्पात पर अमेरिका ने नियमों के खिलाफ 70 प्रतिशत से अधिक कस्टम ड्यूटी लगा दी है.

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अभिजीत दास ने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक इम्पोर्ट काम होता है, लेकिन फिर भी बाजार प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि बाकी महीनों में इतना आयात होता है कि कोल्ड स्टोर में सेब स्टोर किया जाता और फिर मार्किट में आता है. इसके अलावा कहा कि बागवानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के ऊपर भी नजर रखनी चाहिए.

शिमला: विश्व व्यापार संगठन के तहत किए गए समझौते के कारण सेब पर 50 प्रतिशत से अधिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती. ये जानकारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टर व विश्व व्यापार संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिजीत दास ने दी.

बता दें कि शिमला में आयोजित नेशनल सेमीनार ऑन एप्पल एंड इंटरनेशनल ट्रेड में अभिजीत दास ने बताया कि देश में सबसे अधिक सेब यूएसए से आयात किया जाता है. उन्होंने बताया कि जिन देश में सेब सीजन होता है उन दिनों विदेशों से सेब आयात नहीं होता, लेकिन देश में सीजन खत्म होते ही आयात शुरू हो जाता है.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टर व विश्व व्यापार संगठन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिजीत दास ने बताया कि वर्तमान में अमेरिका से सेब आयात पर 70 से 75 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी लगाई जा रही है. उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए संभव हुआ है, क्योंकि अमेरिका ने भारत से निर्यात किए जा रहे इस्पात पर अमेरिका ने नियमों के खिलाफ 70 प्रतिशत से अधिक कस्टम ड्यूटी लगा दी है.

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अभिजीत दास ने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक इम्पोर्ट काम होता है, लेकिन फिर भी बाजार प्रभावित होता है. उन्होंने कहा कि बाकी महीनों में इतना आयात होता है कि कोल्ड स्टोर में सेब स्टोर किया जाता और फिर मार्किट में आता है. इसके अलावा कहा कि बागवानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के ऊपर भी नजर रखनी चाहिए.

Intro:विश्व व्यापार संघठन के तहत किए गए समझौते के कारण सेब पर 50 प्रतिशत से अधिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड के डायरेक्टर तथा विश्व व्यापार संघठन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले अभिजीत दास ने कहा कि वर्तमान में अमेरिका से सेब आयात पर 70 से 75 प्रतिशत तक कस्टम ड्यूटी लगाई जा रही है। ऐसा इसलिए संभव हुआ है क्योंकि अमेरिका ने भारत से निर्यात किऐ जा रहे इस्पात पर अमेरिका ने नियमों के विरुध 70 प्रतिशत से अधिक कस्टम ड्यूटी लगा दी है।


Body:शिमला में आयोजित नेशनल सेमीनार ऑन एप्पल एंड इंटरनेशनल ट्रेड में बोलते हुए अभिजीत दास ने कहा कि देश में सबसे अधिक सेब यू एस ए से आयात किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि जिन दिनों देश में सेब सीजन होता है उन दिनों विदेशों से सेब आयात नहीं होता। लेकिन देश में सीजन खत्म होते ही आयात शुरू हो जाता है। उन्होंने ने कहा कि बागवानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्किट के ऊपर भी नजर बनाए रखनी चाहिए। सेब को लेकर वर्तमान में सरकार का रुख बागवान हितैषी लग रहा है।

अभिजीत दास ने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक इम्पोर्ट काम होता है। लेकिन फिर भी बाजार प्रभावित होता है क्योंकि बाकी महीनों में इतना आयात होता है कि कोल्ड स्टोर में सेब स्टोर किया जाता और फिर मार्किट में आता है।


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Last Updated : Jul 26, 2019, 7:45 AM IST
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