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आम बजट 2022: पर्वतमाला योजना से मजबूत होगा हिमाचल का मॉडर्न ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम - TOURISM IN HIMACHAL

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना चौथा बजट पेश किया. आम बजट 2022 में बताया गया कि 60 किलोमीटर लंबी 8 रोप-वे परियोजनाओं को लागू किया जाएगा. वहीं, बजट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi react on parvat mala project) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि पहाड़ी राज्यों के लिए पर्वतमाला स्कीम (parvat mala project) की शुरुआत हो रही है. इससे इन राज्यों में मॉडर्न ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, कनेक्टिविटी का आधारभूत ढांचा बनेगा और सीमावर्ती गांव सुदृढ़ होंगे.

Union Budget 2022
हिमाचल में पर्वतमाला प्रोजेक्ट.
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Published : Feb 1, 2022, 7:48 PM IST

शिमला: मंगलवार एक फरवरी को पेश हुए केंद्रीय बजट में हिमाचल के लिहाज से एक और महत्वपूर्ण योजना का ऐलान हुआ है. इस योजना का नाम है पर्वतमाला योजना (parvat mala project). केंद्र सरकार की पर्वतमाला योजना का उद्देश्य पहाड़ी राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन के आधुनिक साधनों की व्यवस्था करना है. इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को शामिल किया गया है.

बजट 2022-23 में क्या है- अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पीपीपी मोड पर रोप-वे का निर्माण होगा. इस तरह की आधुनिक परिवहन सुविधाएं ऐसी भीड़-भाड़ या दुर्गम इलाकों में कारगर सिद्ध होंगी जहां अन्य या परंपरागत परिवहन सुविधाएं उपयोग में नहीं लाई जा सकती.

पर्वतमाला प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया.

निर्मला सीतारमण ने साल 2022-23 में 60 किलोमीटर के 8 रोप-वे प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया. हालांकि ये प्रोजेक्ट्स किन राज्यों में कहां-कहां लगेंगे, इनका जिक्र अभी नहीं किया गया है. नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम (national ropeway development programme) के तहत पीपीपी मोड के जरिये इस तरह के प्रोजेक्ट का निर्माण होगा.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा- हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य जहां पर्यटन (tourism in himachal) राज्य की आर्थिकी का मुख्य जरिया है, वहां इस तरह के प्रोजेक्ट खासकर रोप-वे प्रोजेक्ट्स की अहम भूमिका है. शिमला से लेकर धर्मशाला तक बने रोप-वे प्रोजेक्ट (ropeway project in himachal) कनेक्टिविटी का अच्छा जरिया हैं. जिससे पर्यटकों को भी सुविधा होती है.

ये भी पढ़ें: बजट में वाइब्रेंट विलेज योजना का ऐलान, हिमाचल में चीन से लगती सीमा के गांवों तक पहुंचेगा विकास

रोजगार को बढ़ावा- इस तरह के प्रोजेक्ट लगने और फिर पर्यटन क्षेत्र को बल मिलने से रोजगार को भी बढ़ावा मिलता है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन और इससे जुड़े कारोबार से कई लोग जुड़े हैं.

13 रोप-वे को मिली है मंजूरी- बीते दिनों प्रदेश में 13 नए रोप-वे के निर्माण को मंजूरी मिली है. जिनपर 5644 करोड़ रुपये की लागत आएगी. करीब 111 किलोमीटर के इन 13 रोप-वे का निर्माण शिमला, कुल्लू, मनाली, धर्मशाला, पालमपुर, चंबा, बिलासपुर और सोलन में किया जाएगा. प्रदेश में फिलहाल 4 रोप-वे हैं.

ये भी पढ़ें: Union Budget 2022: बजट में 3T का नहीं रखा गया ख्याल, हिमाचल को मिलना चाहिए था रेल विस्तार

पीएम ने भी किया पर्वतमाला का जिक्र- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को पीएम मोदी ने प्रगतिशील और लोगों के लिए अनुकूल बताया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भी पर्वतमाला का जिक्र (pm modi react on parvat mala project) करते हुए कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट जैसे क्षेत्रों के लिए पहली बार पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है. ये योजना हाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी.

ये भी पढ़ें: Union Budget 2022: निर्मला सीतारमण के बजट से हिमाचल को क्या-क्या मिला?

शिमला: मंगलवार एक फरवरी को पेश हुए केंद्रीय बजट में हिमाचल के लिहाज से एक और महत्वपूर्ण योजना का ऐलान हुआ है. इस योजना का नाम है पर्वतमाला योजना (parvat mala project). केंद्र सरकार की पर्वतमाला योजना का उद्देश्य पहाड़ी राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन के आधुनिक साधनों की व्यवस्था करना है. इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को शामिल किया गया है.

बजट 2022-23 में क्या है- अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पीपीपी मोड पर रोप-वे का निर्माण होगा. इस तरह की आधुनिक परिवहन सुविधाएं ऐसी भीड़-भाड़ या दुर्गम इलाकों में कारगर सिद्ध होंगी जहां अन्य या परंपरागत परिवहन सुविधाएं उपयोग में नहीं लाई जा सकती.

पर्वतमाला प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया.

निर्मला सीतारमण ने साल 2022-23 में 60 किलोमीटर के 8 रोप-वे प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया. हालांकि ये प्रोजेक्ट्स किन राज्यों में कहां-कहां लगेंगे, इनका जिक्र अभी नहीं किया गया है. नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम (national ropeway development programme) के तहत पीपीपी मोड के जरिये इस तरह के प्रोजेक्ट का निर्माण होगा.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा- हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य जहां पर्यटन (tourism in himachal) राज्य की आर्थिकी का मुख्य जरिया है, वहां इस तरह के प्रोजेक्ट खासकर रोप-वे प्रोजेक्ट्स की अहम भूमिका है. शिमला से लेकर धर्मशाला तक बने रोप-वे प्रोजेक्ट (ropeway project in himachal) कनेक्टिविटी का अच्छा जरिया हैं. जिससे पर्यटकों को भी सुविधा होती है.

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रोजगार को बढ़ावा- इस तरह के प्रोजेक्ट लगने और फिर पर्यटन क्षेत्र को बल मिलने से रोजगार को भी बढ़ावा मिलता है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन और इससे जुड़े कारोबार से कई लोग जुड़े हैं.

13 रोप-वे को मिली है मंजूरी- बीते दिनों प्रदेश में 13 नए रोप-वे के निर्माण को मंजूरी मिली है. जिनपर 5644 करोड़ रुपये की लागत आएगी. करीब 111 किलोमीटर के इन 13 रोप-वे का निर्माण शिमला, कुल्लू, मनाली, धर्मशाला, पालमपुर, चंबा, बिलासपुर और सोलन में किया जाएगा. प्रदेश में फिलहाल 4 रोप-वे हैं.

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पीएम ने भी किया पर्वतमाला का जिक्र- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट को पीएम मोदी ने प्रगतिशील और लोगों के लिए अनुकूल बताया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भी पर्वतमाला का जिक्र (pm modi react on parvat mala project) करते हुए कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट जैसे क्षेत्रों के लिए पहली बार पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है. ये योजना हाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी.

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