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जुलाई 2020 में साल 2019 की तुलना में डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने मनरेगा में किया काम

प्रदेश में जुलाई 2019 में 1,64,060 परिवारों ने मनरेगा में काम किया था. वहीं, इस साल जुलाई 2020 में 2,85,619 यह योजना परिवारों का सहारा बनी है. पिछले साल की तुलना में इस साल करीब डेढ़ लाख अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ लिया.

MNREGA in Himachal
MNREGA in Himachal
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Published : Aug 9, 2020, 4:08 PM IST

शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनियाभर में लाखों लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा किया है. हिमाचल में भी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. इस मुश्किल धड़ी में मनरेगा ने कोरोना के दिए जख्मों को भरने का प्रयास किया है.

इस साल जुलाई महीने में बीते साल की तुलना में डेढ़ लाख अधिक लोगों ने मनरेगा में काम किया है. जून 2019 में 2,31,662 लोगों के मुकाबले जून 2020 में 3,46,576 ग्रामीणों ने और जुलाई 2019 में 1,97,844 लोगों की तुलना में जुलाई 2020 में 3,49,384 लोगों ने मनरेगा में दिहाड़ी लगाई. यानी बीते साल जुलाई की तुलना में इस बार 1,51,535 अधिक लोगों को मनरेगा ने आर्थिक संबल दिया है.

इसी तरह जून 2019 में मनरेगा में 1,92,855 परिवार काम कर रहे थे, जबकि जून 2020 में 2,28,036 परिवार, जुलाई 2019 में 1,64,060 और जुलाई 2020 में 2,85,619 परिवारों ने मनरेगा के अंतर्गत काम किया है. हिमाचल में 13,27,617 परिवार मनरेगा में पंजीकृत है. इनमें से 12,93,404 परिवारों के 22 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा जॉबकार्ड दिए जा चुके है.

इन जॉब कार्डधारकों में से इस साल अब तक 6,14,055 लोगों ने मनरेगा के तहत काम को पंचायतों में आवेदन किया है. ग्रामीणों की मांग पर 5,10,917 लोगों को अब तक काम दिया जा चुका है. इन्होंने 11,904,178 कार्यदिवस मनरेगा के तहत जुटाए हैं.

मनरेगा कानून प्रत्येक व्यक्ति को साल में 100 दिन के रोजगार का अधिकार देता है. ग्रामीणों द्वारा रोजगार मांगने के 15 दिनों के भीतर पंचायत को काम देना होता है. ऐसा न कर पाने की सूरत में बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है.

रोजगार ना होने पर मनरेगा से मिला सहारा

केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों ने मनरेगा के तहत कोरोना काल में काम किया है. इससे पहले कभी भी इतनी अधिक तादाद में प्रदेशवासियों ने मनरेगा में काम नहीं किया. जो यह दर्शाता है कि कोरोना काल में रोजगार जाने व कारोबार ठप्प पड़ने से लोग बेहाल और परेशान है. उनके पास अब रोजगार का विकल्प नहीं बचा. हालांकि मनरेगा के तहत हिमाचल में बहुत कम दिहाड़ी दी जा रही है. फिर भी लोग काम करने को मजबूर हुए हैं.

साल 2019 और 2020 के जून व जुलाई में इतने लोगों ने किया मनरेगा में काम

वर्ष जून जुलाई
2020 3,46,576 3,49,384
2019 2,31,662 1,97,844

साल 2019 और 2020 के जून व जुलाई में इतने परिवारों ने किया मनरेगा में काम

वर्ष जून जुलाई
2020 2,28,036 2,85,619
2019 1,92,855 1,64,060


ये भी पढ़ें- जयराम सरकार पर आशा कुमारी ने साधा निशाना, लोगों पर आर्थिक बोझ डालने के लगाए आरोप

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शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनियाभर में लाखों लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा किया है. हिमाचल में भी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं. इस मुश्किल धड़ी में मनरेगा ने कोरोना के दिए जख्मों को भरने का प्रयास किया है.

इस साल जुलाई महीने में बीते साल की तुलना में डेढ़ लाख अधिक लोगों ने मनरेगा में काम किया है. जून 2019 में 2,31,662 लोगों के मुकाबले जून 2020 में 3,46,576 ग्रामीणों ने और जुलाई 2019 में 1,97,844 लोगों की तुलना में जुलाई 2020 में 3,49,384 लोगों ने मनरेगा में दिहाड़ी लगाई. यानी बीते साल जुलाई की तुलना में इस बार 1,51,535 अधिक लोगों को मनरेगा ने आर्थिक संबल दिया है.

इसी तरह जून 2019 में मनरेगा में 1,92,855 परिवार काम कर रहे थे, जबकि जून 2020 में 2,28,036 परिवार, जुलाई 2019 में 1,64,060 और जुलाई 2020 में 2,85,619 परिवारों ने मनरेगा के अंतर्गत काम किया है. हिमाचल में 13,27,617 परिवार मनरेगा में पंजीकृत है. इनमें से 12,93,404 परिवारों के 22 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा जॉबकार्ड दिए जा चुके है.

इन जॉब कार्डधारकों में से इस साल अब तक 6,14,055 लोगों ने मनरेगा के तहत काम को पंचायतों में आवेदन किया है. ग्रामीणों की मांग पर 5,10,917 लोगों को अब तक काम दिया जा चुका है. इन्होंने 11,904,178 कार्यदिवस मनरेगा के तहत जुटाए हैं.

मनरेगा कानून प्रत्येक व्यक्ति को साल में 100 दिन के रोजगार का अधिकार देता है. ग्रामीणों द्वारा रोजगार मांगने के 15 दिनों के भीतर पंचायत को काम देना होता है. ऐसा न कर पाने की सूरत में बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है.

रोजगार ना होने पर मनरेगा से मिला सहारा

केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों ने मनरेगा के तहत कोरोना काल में काम किया है. इससे पहले कभी भी इतनी अधिक तादाद में प्रदेशवासियों ने मनरेगा में काम नहीं किया. जो यह दर्शाता है कि कोरोना काल में रोजगार जाने व कारोबार ठप्प पड़ने से लोग बेहाल और परेशान है. उनके पास अब रोजगार का विकल्प नहीं बचा. हालांकि मनरेगा के तहत हिमाचल में बहुत कम दिहाड़ी दी जा रही है. फिर भी लोग काम करने को मजबूर हुए हैं.

साल 2019 और 2020 के जून व जुलाई में इतने लोगों ने किया मनरेगा में काम

वर्ष जून जुलाई
2020 3,46,576 3,49,384
2019 2,31,662 1,97,844

साल 2019 और 2020 के जून व जुलाई में इतने परिवारों ने किया मनरेगा में काम

वर्ष जून जुलाई
2020 2,28,036 2,85,619
2019 1,92,855 1,64,060


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