शिमला: राजधानी शिमला में पानी के संकट (water scarcity in shimla) का मुद्दा बुधवार को नगर निगम की मासिक बैठक में गरमाया. पार्षदों ने शहर में तीसरे दिन पानी की सप्लाई देने का मामला उठाया और जल निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. पार्षदों ने आरोप लगाया कि शिमला शहर में अभी गर्मियां शुरू नहीं हुई हैं और पानी का संकट गहरा गया है. लोगों को दूसरे और तीसरे दिन पानी मिल रहा है.
पार्षद इंद्रजीत सिंह और आरती ने सदन में पानी का मामला उठाया और कहा कि लोगों (water shortage in shimla) को जल निगम द्वारा तीसरे दिन पानी दिया जा रहा है, जबकि अभी गर्मियों का सीजन पूरी तरह से शुरू भी नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि एक तरफ नगर निगम शहर वासियों के 24 घंटे पानी देने का दावा कर रहा था. वहीं, दूसरी तरफ तीसरे दिन भी पानी मुहैया नहीं करवा पा रहा हैं. उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. वहीं, पार्षद आरती ने कहा कि जब पूरे महीने यानि 30 दिनों का चार्ज वसूला जा रहा है तो फिर पानी भी रोज आना चाहिए ऐसा क्यों कि पानी तीसरे दिन और चार्ज पूरे महीने का.
इसके अलावा बजट को लेकर भी पार्षदों ने सवाल खड़े किए और कहा कि बजट न होने के चलते वार्डों में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, कसुम्टी (Kasumpti) वार्ड के पार्षद राकेश शर्मा ने उनके क्षेत्र में शौचालय का निर्माण ना होने पर मासिक बैठक से वॉकआउट किया और आरोप लगाया कि पिछले 2 सालों से हुए कसुम्टी क्षेत्र में शौचालय (Toilets in Kasumti area) बनाने को लेकर नगर निगम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन नगर निगम वहां पर शौचालय नहीं बना रहा है. जिसके चलते लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम जान बूझकर उस क्षेत्र में शौचालय नहीं बना रहा है. जिसके चलते आज उन्हें मासिक बैठक से वॉकआउट करना पड़ा है.
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