शिमला: प्रदेश में बंदरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने भले ही बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया हो, लेकिन लोग उन्हें नहीं मार रहे हैं. ऐसे में अब फिर से वन विभाग बंदरों की नसबंदी कर बंदरों की आबादी को रोकने का प्रयास करेगी.
बंदरों को पकड़ने के लिए राशि में सरकार बढ़ोतरी करेगी और साथ ही जिन बंदरों की पहले नसबंदी हो चुकी है, उन्हे दोबारा पकड़ने पर सरकार द्वारा पैसे दिए जाएंगे. हालांकि 2006 से बंदरों की नसबंदी की प्रक्रिया शुरू की गई थी, तभी से हर साल बंदरों की नसबंदी की जा रही है. बीते साल भी प्रदेश में 20 हजार बंदरों की नसबंदी का दावा किया गया था, लेकिन बंदरों की संख्या पर अंकुश नहीं लगाया गया.
वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि बंदर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. बंदरों को वर्मिन तो घोषित कर दिया है, लेकिन धार्मिक भावनाओं के चलते लोग उन्हें मारने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अब बंदरो की नसबंदी द्वारा ही इनकी आबादी पर अंकुश लगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस साल भी बंदरों की नसबंदी वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग शुरू करने जा रहा है.
बता दें कि शिमला में आए दिन बंदरों द्वारा लोगों को काटा जा रहा है. बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने वर्मिन तो घोषित कर दिया है, लेकिन बंदरों को कौन मारेगा इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है.