किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर के विधायक व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली और बार-बार अपने आदेशों को बदलने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहा है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री ने समय रहते जनप्रतिनिधियों को साथ नही लिया.
किन्नौर विधायक ने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने किसी भी जनप्रतिनिधि से विचार-विमर्श नहीं किया जिसका खामियाजा आज प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है और प्रदेश कोरोना वायरस के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में एक-दो जिलों को छोड़कर सभी जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं और प्रदेश सरकार अब भी इस विषय को लेकर गम्भीर नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री यदि समय रहते कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के बारे में प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों व नेता प्रतिपक्ष से बैठक कर राय मशवरा लिया होता तो प्रदेश की हालत इतनी गम्भीर नहीं होती.
कुछ दिन पहले प्रदेश जहां हिमाचल कोरोना वायरस से मुक्त होने जा रहा था, लेकिन मध्यांतर समय मे बिना योजना के कई निर्णय लेने से महामारी शहरों के बाद अब गांव में भी अपने पैर पसार रही है. उन्होंने कहा कि अब तक जिला किन्नौर भी प्रदेश के उन जिलों में से है जहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन जिस प्रकार से बाहरी राज्यों से रोजाना लोगों का आना जारी है और टेस्ट रिपोर्ट के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भेजा जा रहा है, इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बनी हुई है.
किन्नौर विधायक ने कहा कि इन दिनों प्रदेश के कई इलाकों को क्वारंटाइन के बाद भी कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में सरकार को जिला के बॉर्डर वालें क्षेत्रों में इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि कोरोना वायरस ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश न कर सके.
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