शिमलाः कांगड़ा के पालमपुर को नगर निगम बनाने को लेकर लंबे समय से लोग मांग कर रहे है, लेकिन आबादी कम होने के चलते नगर निगम के बनाने की शर्तों को पूरा नहीं किया जा रहा है.
वहीं, अब आसपास के पंचायतों को इसमें शामिल करने की कवायद शुरू की गई है और पंचायतों के प्रतिनिधियों से सुझाव ओर आपत्ति भी ली जा रही है. इस दौरान पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने के पक्षधर नहीं है. उन्होंने पहले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को नगर निगम बनाने को लेकर जागरूक करने की मांग की है.
आशीष बुटेल ने कहा कि नगर निगम बनाने के लिए 40 हजार की आबादी का होना जरूरी है, लेकिन पालमपुर शहर की आबादी केवल 35000 के करीब है. ऐसे में साथ लगती पंचायतों को भी इसमें शामिल करने जा रहे हैं. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर जमीन कृषि की है और लोग खेतीबाड़ी करते हैं, कई पंचायतें भी काफी दूर हैं.
आशीष बुटेल ने कहा कि सरकार केवल पंचायत प्रधानों को बुला कर उनसे सुझाव ले रही है, जबकि लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को नगर निगम में शामिल होने के क्या फायदें है और नुकसान इसके बारे में जागरूक करना चाहिए. इसको लेकर सदन में भी नियम 62 के तहत चर्चा के लिए मुद्दा उठाया गया था और शहरी विकास मंत्री ने आश्वस्त किया कि लोगों से इसको लेकर आपत्तियां ली जा रही हैं.
बुटेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को बने हुए ढाई साल हो गए हैं. अब तक सरकार लोगों को जागरूक नहीं कर पाई. शहर के लोग नगर निगम की मांग कर रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्र के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार पालमपुर को नगर निगम बनाती है, तो पहले जनता को आश्वस्त करें कि जिस तरह से धर्मशाला नगर निगम में कर्मियों की कमी है, पालमपुर में न हो.
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