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लॉकडाउन में घर-घर दूध-पनीर पहुंचा रहा मिल्कफेड, पशुपालक भी हुए मालामाल

मिल्कफेड प्रदेश की जनता को घर-द्वार जाकर खुला दूध, पैकेट बंद दूध, दही, पनीर, खीर, बिस्कुट व अन्य उत्पाद बेच रहा है. एचपी मिल्कफेड लॉकडाउन से पहले दैनिक आधार पर 40 से 50 हजार लीटर दूध की खरीद करती थी, लेकिन अब खरीद बढ़कर 90 हजार से एक लाख लीटर की हो गई है.

dairy products shimla
मिल्कफेड शिमला
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Published : May 9, 2020, 12:26 PM IST

शिमला: शिमला: कोरोना संकट के समय किसानों, बागवानों और पशुपालकों को अपने उत्पाद बेचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे संकट के पशुपालकों से मिल्कफेड लगातार दूध एकत्रित कर रहा है, इससे किसानों और पशुपालकों को राहत मिली है. उनके दूध की बिक्री सरकारी एजेंसी कर रही है.

साथ ही मिल्कफेड प्रदेश की जनता को घर-द्वार जाकर खुला दूध, पैकेट बंद दूध, दही, पनीर, खीर, बिस्कुट व अन्य उत्पाद बेच रहा है. एचपी मिल्कफेड लॉकडाउन से पहले दैनिक आधार पर 40 से 50 हजार लीटर दूध की खरीद करती थी, लेकिन अब खरीद बढ़कर 90 हजार से एक लाख लीटर की हो गई है.

वीडियो रिपोर्ट

मिल्कफेड के चेयरमैन निहाल चंद शर्मा ने कहा कि मिल्कफेड घर द्वार पर लोगों को दूध, दही, खीर और दूध से बने अन्य उत्पाद पहुंचा रहा है. मिल्कफेड की इस पहल से ना केवल लोगों को घर के आस-पास ही रोजमर्रा की जरूरी चीजें मिल रही हैं. बल्कि उन सैकड़ों किसानों की आजीविका भी चल पा रही है. जिनसे मिल्कफेड के यह कर्मचारी दूध और अन्य उत्पाद इकट्ठा करते हैं.

इसके अलावा प्रतिदिन 14,000 लीटर दूध सैन्य बलों को भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. आर्थिक मंदी के इस दौर में जहां किसानों और बागवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मिल्कफेड इनके लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है.

किसानों से हर रोज उनके घर द्वार से दूध इकट्ठा किया जाता है और मिल्क प्लांट एकत्रीकरण के बाद शहरी क्षेत्रों में घर-घर ग्राहकों तक यह सामान पहुंचाया जाता है. कोरोना वॉरियर की तरह मिल्कफेड के कर्मचारी लगातार लोगों के लिए सुविधा मुहैया करवा रहे हैं.

निहाल शर्मा ने बताया कि मिल्कफेड प्रदेश के किसानों से प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध एकत्रित कर रहा है. डेयरी विकास प्रदेश के ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह क्षेत्र वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

इसके अलावा एक मंडी और एक शिमला जिला के दत्तनगर में दूध प्रसंस्करण प्लांट स्थापित करने जा रहा है इससे प्लांट की क्षमता दोगुनी हो जाएगी. मिल्कफेड का उत्पाद हिमगौरी फोर्टीफाइड दूध बाजार में तेजी से अपने विश्वसनीयता कायम करता जा रहा है. राज्य सरकार देसी नस्ल की गायों के संरक्षण के लिए भी इसे महत्वपूर्ण मान रही है.

फोर्टीफाइड दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की उचित मात्रा सुनिश्चित की जाती है ताकि विटामिन ए और डी की कमी से बच्चों एवं व्यस्को में गंभीर बीमारियां ना हो सके. एक अध्ययन के अनुसार देश में 66 करोड़ लोग किसी ना किसी विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं. मिल्कफेड दूध, तेल, चावल को फोर्टीफाइड करने की दिशा में प्रदेश सरकार के साथ सहयोग कर रही है.

ये भी पढ़ें: शिमला में आज के सब्जी, फल और अनाज के दाम, देखिए लिस्ट

शिमला: शिमला: कोरोना संकट के समय किसानों, बागवानों और पशुपालकों को अपने उत्पाद बेचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे संकट के पशुपालकों से मिल्कफेड लगातार दूध एकत्रित कर रहा है, इससे किसानों और पशुपालकों को राहत मिली है. उनके दूध की बिक्री सरकारी एजेंसी कर रही है.

साथ ही मिल्कफेड प्रदेश की जनता को घर-द्वार जाकर खुला दूध, पैकेट बंद दूध, दही, पनीर, खीर, बिस्कुट व अन्य उत्पाद बेच रहा है. एचपी मिल्कफेड लॉकडाउन से पहले दैनिक आधार पर 40 से 50 हजार लीटर दूध की खरीद करती थी, लेकिन अब खरीद बढ़कर 90 हजार से एक लाख लीटर की हो गई है.

वीडियो रिपोर्ट

मिल्कफेड के चेयरमैन निहाल चंद शर्मा ने कहा कि मिल्कफेड घर द्वार पर लोगों को दूध, दही, खीर और दूध से बने अन्य उत्पाद पहुंचा रहा है. मिल्कफेड की इस पहल से ना केवल लोगों को घर के आस-पास ही रोजमर्रा की जरूरी चीजें मिल रही हैं. बल्कि उन सैकड़ों किसानों की आजीविका भी चल पा रही है. जिनसे मिल्कफेड के यह कर्मचारी दूध और अन्य उत्पाद इकट्ठा करते हैं.

इसके अलावा प्रतिदिन 14,000 लीटर दूध सैन्य बलों को भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. आर्थिक मंदी के इस दौर में जहां किसानों और बागवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मिल्कफेड इनके लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है.

किसानों से हर रोज उनके घर द्वार से दूध इकट्ठा किया जाता है और मिल्क प्लांट एकत्रीकरण के बाद शहरी क्षेत्रों में घर-घर ग्राहकों तक यह सामान पहुंचाया जाता है. कोरोना वॉरियर की तरह मिल्कफेड के कर्मचारी लगातार लोगों के लिए सुविधा मुहैया करवा रहे हैं.

निहाल शर्मा ने बताया कि मिल्कफेड प्रदेश के किसानों से प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध एकत्रित कर रहा है. डेयरी विकास प्रदेश के ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह क्षेत्र वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

इसके अलावा एक मंडी और एक शिमला जिला के दत्तनगर में दूध प्रसंस्करण प्लांट स्थापित करने जा रहा है इससे प्लांट की क्षमता दोगुनी हो जाएगी. मिल्कफेड का उत्पाद हिमगौरी फोर्टीफाइड दूध बाजार में तेजी से अपने विश्वसनीयता कायम करता जा रहा है. राज्य सरकार देसी नस्ल की गायों के संरक्षण के लिए भी इसे महत्वपूर्ण मान रही है.

फोर्टीफाइड दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की उचित मात्रा सुनिश्चित की जाती है ताकि विटामिन ए और डी की कमी से बच्चों एवं व्यस्को में गंभीर बीमारियां ना हो सके. एक अध्ययन के अनुसार देश में 66 करोड़ लोग किसी ना किसी विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं. मिल्कफेड दूध, तेल, चावल को फोर्टीफाइड करने की दिशा में प्रदेश सरकार के साथ सहयोग कर रही है.

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