शिमलाः प्रदेश में इस बार भी मेधावी छात्रों को लैपटॉप विभाग की ओर से समय पर आबंटित नहीं किए गए हैं. पहले जहां कोविड-19 की वजह लगाए गए लॉकडाउन के चलते लैपटॉप आबंटित करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही थी. वहीं, अभी भी विभाग यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि कब मेधावी छात्रों को लैपटॉप आबंटित कर दिए जाएंगे.
शिक्षा विभाग का इतना ही कहना है कि लैपटॉप खरीद की प्रक्रिया जारी है. शिक्षा विभाग ने 10 हजार मेधावियों को लैपटॉप देने हैं. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जो पहले की जा रही थी उसे भी शिक्षा विभाग ने कोविड की वजह से रद्द कर दिया था, लेकिन अब विभाग यह दावा कर रहा है कि जल्द ही लैपटॉप छात्रों को दे दिए जाएंगे.
लैपटॉप की यह खरीद प्रकिया 2018-19 के सत्र के छात्रों के लिए की जानी है. इस से पहले भी सत्र 2017-18 के मेधावियों को शिक्षा विभाग की ओर से दो साल देरी से लैपटॉप आबंटित किए गए थे और इस बार भी इसी तरह की देरी इस पूरी प्रक्रिया में हो रही है.
टेक्निकल समस्याओं से नहीं हो पाई लैपटॉप की खरीद
मामले में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि कुछ एक टेक्निकल समस्याएं लैपटॉप खरीद में सामने आ रही थी, उनका समाधान कर लिया गया है. उम्मीद हैं जल्द ही छात्रों जिन्हें लैपटॉप मिल जाए. उन्होंने कहा कि इस बार विभाग की ओर से जैम पोर्टल पर जा कर ही लैपटॉप की खरीद की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.
जैम पोर्टल का यह हैं लाभ
जैम पोर्टल का गठन ही इस उद्देश्य से किया गया है की सरकारी विभागों की खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सके. भारत सरकार के सचिवों के समूह की सिफारिशों के आधार पर इसका गठन हुआ है. इस जेम पोर्टल पर सरकारी विभाग अपनी जरूरत का सामान ऑनलाइन माध्यम से खरीद सकते हैं. इस प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी और टेंडर जिस कंपनी को दिया जाएगा उसे भी पूरी जनाकारी यहां साझा करनी होगी. वहीं, छात्रों के लैपटॉप कि खरीद में 23 से 24 करोड़ रूपए की लागत आएगी जो सरकार की ओर से विभाग को दिया जाएगा.
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